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नाइट्रिक अम्ल का रासायनिक सूत्र , भौतिक गुण , नाइट्रिक एसिड के उपयोग म अभिक्रिया , गुण (nitric acid in hindi)

(nitric acid in hindi) नाइट्रिक अम्ल का रासायनिक सूत्र , भौतिक गुण , नाइट्रिक एसिड के उपयोग म अभिक्रिया , गुण : यह एक बहुत ही प्रबल अम्ल होता है , नाइट्रिक अम्ल को सूत्रHNO3द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। यह नाइट्रोजन के द्वारा बनाये जाने वाले ओक्सो अम्ल में से एक है , नाइट्रोजन द्वारा निम्न तीन प्रकार के ऑक्सो अम्ल बनाती है –

  • नाइट्रस अम्ल (HNO2)
  • नाइट्रिक अम्ल (HNO3)
  • हाइपोनाइट्रस अम्ल (H2N2O2)
इस टॉपिक में हम नाइट्रोजन के ओक्सो अम्लो में से केवल नाइट्रिक अम्ल के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे।

नाइट्रिक अम्ल का सूत्र और संरचना

इसका रासायनिक सूत्रHNO3होता है , इसको आण्विक सूत्र के रूप मेंNHO3लिखा जाता है। इसका अणु भार लगभग 63.01 ग्राम प्रति मोल होता है।
नाइट्रिक अम्ल को निम्न संरचना द्वारा प्रदर्शित किया जाता है –
यह निम्न अनुनादी संरचना दर्शाता है –

नाइट्रिक अम्ल बनाने की विधियाँ या विरचन

जब नाइट्रोजन डाइ ऑक्साइड (NO2) की क्रिया जल के साथ करवाई जाती है तो उत्पाद के रूप में हमें नाइट्रिक अम्ल (HNO3) प्राप्त होता है , यह अभिक्रिया निम्न प्रकार संपन्न होती है –
3NO2+ H2O → 2HNO3+ NO
प्रयोगशाला में नाइट्रिक अम्ल बनाने के लिए सोडियम नाइट्रेट और सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल को गर्म किया जाता है जिससेHNO3प्राप्त होता है , यह क्रिया निम्न प्रकार होती है –
NaNO3+H2SO4NaHSO4+ HNO3
नाइट्रिक अम्ल (HNO3) को व्यावसायिक रूप में उत्पादन करने के लिए निर्जलीय अमोनिया का ऑक्सीकरण किया जाता है , यह क्रिया प्लेटिनम उत्प्रेरक की उपस्थिति में उच्च ताप पर सम्पन्न होती है , इस सम्पूर्ण विधि को ओस्टवाल्ड प्रक्रिया कहते है।

नाइट्रिक अम्ल के भौतिक गुण

    जब यह शुद्ध अवस्था में होता है तब रंगहीन तेलिय द्रव के समान होता है लेकिन जब इसमें नाइट्रोजन डाइ ऑक्साइड की अशुद्धि मिल जाती है उस स्थिति में इसका रंग पीला भूरा हो जाता है।
    जब इसे पानी में डाला जाता है तो यह पूर्ण रूप से विघटित हो जाता है , इसका जल में हाइड्रोजन आयन और नाइट्रेट आयन के रूप में विघटन हो जाता है।
    जब इस अम्ल को त्वचा पर डाला जाता है तो यह पीड़ादायक घाव बना देता है।
    निर्जलीकृत अम्ल का क्वथनांक 355.6 केल्विन होता है तथा यह लगभग 231.4 केल्विन ताप पर सफ़ेद ठोस के रूप में जम जाता है।
    यह अम्ल विभिन्न सांद्रता वाले विलयन के रूप में मिलता है।

नाइट्रिक अम्ल के रासायनिक गुण

यह प्रबल अम्ल होता है।
यह ठोस हाइड्रेट बना लेती है जैसे मोनो , ट्राई हाइड्रेट आदि , मोनो हाइड्रेट का सूत्रHNO3·H2Oहोता है और ट्राइ हाइड्रेट का सूत्रHNO3·3H2Oहोता है।
जब नाइट्रिक अम्ल को प्रकाश या ऊष्मा के द्वारा अपघटित किया जाता है तो यह अपघटित होकरNO2औरO2बनाता है। इसकी अपघटन की अभिक्रिया निम्न प्रकार संपन्न होती है –
4 HNO3→ 2 H2O + 4 NO2+ O2.
यह प्रबल ऑक्सी कारक की तरह कार्य करता है और यह तीव्रता के साथ अधातुओं के साथ क्रिया कर लेता है , यह धातुओं के साथ भी क्रिया कर धातुओं को खुद में घोल देता है और धातु ऑक्साइड आदि बनाता है।
यह प्रबल अम्ल होता है और जलीय विलयन में आयनित हो जाता है।

उपयोग

इसका उपयोग उर्वरक बनाने के लिए बहुत अधिक होता है , जैसे अमोनियम नाइट्रेट आदि।
इसका उपयोग विस्फोटक के निर्माण के लिए किया जाता है जैसे T.N.T डायनामाइड आदि के निर्माण में।
इसका उपयोग सोना और प्लेटिनम के शुद्धिकरण में प्रयुक्त एक्वा रेजिया के विरचन के लिए किया जाता है।
इसका उपयोग प्रयोगशाला में बहुत अधिक काम आने वाले अभिकर्मक के रूप में किया जाता है।
नुकसान : यह एक संक्षारक अम्ल होता है जो त्वचा जलने में समर्थ होता है अर्थात यह त्वचा को पीड़ादायक घाव दे सकता है इसलिए इसका उपयोग सावधानी से करना आवश्यक है।