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विषम चक्रीय यौगिक ,पिरोल क्या है , परिभाषा , संरचना , एरोमैटिकता , पिरॉल की अणुकक्षक संरचना

heterocyclic compound in hindi विषम चक्रीय यौगिक : वे स्थायी चक्रीय यौगिक जिनकी वलय में कम से कम 1 विषम परमाणु N , O ,S उपस्थित हो एवं यौगिक ऐरोमैटिक हो , विषम चक्रीय यौगिक कहलाते हैं।
उदाहरण : पिरॉल , फ्यूरेन , थायोफीन , पिरिडीन।
1. पिरोल (pyrrole) :

IUPAC = एजोल
बनाने की विधियां :
1. अमोनियम म्यूसेट द्वारा : अमोनियम म्यूसेट व ग्लिसरॉल को गर्म करने पर म्यूसिक अम्ल व अमोनिया बनती हैं।
म्यूसिक अम्ल की अमोनिया के साथ अभिक्रिया में निर्जलीकरण व चक्रीकरण से पिरॉल बनता हैं।
2. फ्यूरेन से : फ्युरेन की अमोनिया के साथ उच्च ताप पर एलुमिना की उपस्थिति में अभिक्रिया कराने पर पिरोल बनता है।
3. एसिटिलीन व अमोनिया से क्रिया से :
एसीटिलीन व अमोनिया को Fe की रक्त तप्त नलिका में से प्रवाहित करने पर पिरॉल बनता हैं।
4. नॉर संश्लेषण :α-एमीनो-β-कीटो एस्टर व एथिल एसिटो एसिटेट की अभिक्रिया।α-एमीनो –β-कीटो एस्टर व एथिल एसिटो एसिटेट संघनित होकर पिरोल व्युत्पन्न बनाते हैं।
5. सक्सिनिमाइड से : सक्सिनिमाइड का इनॉल रूप जिंक की उपस्थिति में गर्म करने पर पिरॉल बनाता हैं।
6. पॉल – नॉर संश्लेषण : 1,4 डाई कीटोन के इनोल रूप का अमोनिया के साथ संघनन कराने पर पिरोल व्युत्पन्न बनता है।
7. हेन्स संश्लेषण : एथिल ऐसीटो एसिटेट वα-क्लोरो कीटोन की अमोनिया या 1 डिग्री एमीन के साथ अभिक्रिया कराने पर पिरोल व्युत्पन्न बनता है।

पिरोल की संरचना एवं एरोमैटिकता

अणुभार निर्धारण एवं रासायनिक विधियों द्वारा पिरोल का अणुसूत्रC4H5Nप्राप्त होता है।
पिरोल में संयुग्मित द्विबंध होते है , यह योगात्मक अभिक्रिया की तुलना में electron स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया आसानी से देता है।
जो एरोमैटिक यौगिकों का मुख्य लक्षण होता है , अत: यह एरोमेटिक होना चाहिए।
पिरोल समतल चक्रीय यौगिक है अत: इसकी संरचना निम्न प्रकार होती है –

पिरॉल की अणुकक्षक संरचना

पिरोल की एरोमेटिकता को अणुकक्षक सिद्धांत के आधार पर समझा जा सकता है –
1. पिरोल में N-परमाणु एवं प्रत्येक कार्बन काsp2संकरण होता है जिससे अणु की समतलीय संरचना व बंध कोण 120 डिग्री होता है।
2. प्रत्येक c तथा N परमाणु तीन तीनσबंध बनाते है इस कारण प्रत्येक c व N के पास एक असंकरित Pz कक्षक रहता है।
3. C परमाणु के असंकरित Pz कक्षक में एक π electron एवं नाइट्रोजन के असंकरित Pz कक्षक में 2π electron उपस्थित होते है।
4. असंकरित P कक्षक आपस में अतिव्यापन करके π बंध बनाते है , पिरोल वलय में चक्रीय अनुनाद होने के कारण इसमें 6π electron वलय में विस्थानिकृत होते है , इस कारण यह एरोमेटिक होता है।