एनएमआर संकेतो का विपाटन , चक्रण चक्रण , युग्मन स्थिरांक , जैमिनल , विसिनल , दीर्घ परासी

splitting NMR of signal in hindi एनएमआर संकेतो का विपाटन :
splitting (विपाटन) = (n +1 )
यहाँ n = पडोसी c पर उपस्थित प्रोटॉन की संख्या
note : NMR signal में splitting चक्रण चक्रण युग्मन के कारण होती है।

चक्रण चक्रण विपाटन /चक्रण चक्रण युग्मन (spin spin splitting /spin spin coupling)

एक प्रोटोन की चक्रण की उसकी निकटवर्ती proton या protons के चक्रण से अन्योन्य क्रिया को चक्रण-चक्रण युग्मन कहते है।
एक नाभिक के चारों ओर का प्रभावी क्षेत्र उसके निकटवर्ती परमाणु से बंधित H परमाणु से उत्पन्न स्थानीय क्षेत्र के कारण कम या अधिक हो जाता है।
उदाहरण : एथेनोल के स्पेक्ट्रम में CH3 प्रोटॉन द्वारा प्राप्त अवशोषण संकेत CH2 के प्रोटॉन द्वारा उत्पन्न क्षेत्र प्रभावित होते है , इसी प्रकार CH2 समूह के प्रोटॉन CH3 समूह के proton व OH द्वारा प्रभावित होते है , फलस्वरूप CH3 व CH2 समूह के अवशोषण संकेत का विपाटन हो जाता हैं।
मैथिल समूह (CH3) का अवशोषण संकेत (n +1 ) के आधार पर ट्रिपलेट के रूप में प्राप्त होता है , जिसकी तीव्रता 1:2:1 होती हैं।

युग्मन स्थिरांक (coupling constant)

किसी multiplate में दो निकटवर्ती peaks के बीच की दूरी को युग्मन स्थिरांक कहते है , इसे J से दर्शाते हैं।
युग्म स्थिरांक का मान युग्मित प्रोटॉनों के मध्य संरचनात्मक सम्बन्धो पर निर्भर करता हैं।
J का मात्रक = CPS या Hहोती है।
युग्मन स्थिरांक का मान बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र पर निर्भर नहीं करता है।
spin spin coupling सदैव पारस्परिक क्रिया होती है , इसलिए किसी मल्टीप्लेट्स के peaks के मध्य की दूरी समान होती है , जो युग्मन स्थिरांक कहलाती है।
युग्मन स्थिरांक तीन प्रकार का होता है –
1. जैमिनल युग्मन स्थिरांक (geminal coupling constant) : इसे 2J से दर्शाते है।
यहाँ 2 युग्मित proton के मध्य बंध संख्या है , अर्थात इसमें अंत:क्रिया करने वाले नाभिक या proton को σ बंधो द्वारा पृथक होते है।
जेमिनल कपलिंग स्थिरांक का मान बंध कोण के समानुपाती होता है अर्थात
जैमिनल युग्मन स्थिरांक  बंध कोण
2. विसिनल या निकटवर्ती युग्मन स्थिरांक :
इसे 3J से दर्शाते है।
यहाँ अन्त:क्रिया करने वाले नाभिक तीन σ बंधो द्वारा पृथक होते है।
इसका मान द्वितल कोण के समानुपाती होता है अर्थात
निकटवर्ती युग्मन स्थिरांक  द्वितल कोण
3. दीर्घ परासी युग्मन स्थिरांक (long range coupling constant)
इसे 4J अथवा 5J से दर्शाते है।
यहाँ दो प्रोटोन के मध्य 4 अथवा 5 , σ बंध होते है , इस युग्मन स्थिरांक का मान अपेक्षाकृत सबसे कम होता है।
सामान्यत: यदि 2 proton 4 बन्धो से पृथक होते है तो कोई युग्मन नहीं होता परन्तु एक द्विबंध भी 4 एकल बन्धो के मध्य उपस्थित होता है तो युग्मन हो जाता है।
प्रश्न : एनैन्शियोटोपिक प्रोटोन (प्रतिबिम्ब प्रोटॉन) (enantiotopic proton ) , तथा डायास्टीरियो टॉपिक प्रोटॉन /विवरीम प्रोटोन क्या है परिभाषा लिखिए।
उत्तर :
एनैन्शियोटोपिक प्रोटोन (प्रतिबिम्ब प्रोटॉन) (enantiotopic proton )
यदि दो H में से 1-1 हाइड्रोजन को किसी समान समूह z से प्रतिस्थापित कराने पर प्रतिबिम्ब रुपी यौगिक बने तो ऐसे प्रोटोनों को एनैन्शियोटोपिक प्रोटोन कहते है।
डायन स्टीरियो टॉपिक प्रोटॉन /विवरिम प्रोटॉन
यदि दो H परमाणुओं में से 1-1 H को किसी समान समूह z से प्रतिस्थापित किया जाए और उससे विवरिम समावयवी प्राप्त हो तो उन H परमाणुओं को विवरीम प्रोटॉन कहा जाता है।