विज्ञान प्रयोगशाला के उपयोग क्या है ? रसायन विज्ञान प्रयोगशाला के लाभ महत्व chemistry laboratory in hindi

chemistry laboratory in hindi विज्ञान प्रयोगशाला के उपयोग क्या है ? रसायन विज्ञान प्रयोगशाला के लाभ महत्व ?

 संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये-रसायन विज्ञान शिक्षण में रसायन विज्ञान प्रयोगशाला का महत्व।
Write short note on Importance of chemistry laboratory in the teaching of chemistry.
उत्तर- प्रयोगशाला का महत्व – रसायन विज्ञान शिक्षण का प्रयोगशाला एक आवश्यक घटक है। सिद्धान्तों एवं से विद्यार्थियों को अवगत कराया जा सकता है किन्तु प्रयोगों के बिना वे विज्ञान और रसायन शास्त्र की वास्तविकताओं का अनुभव नहीं कर सकते। रसायन विज्ञान का वास्तविक संसार तो प्रयोगों एवं क्षेत्र कार्यों में निहित है। विद्यार्थियों में प्रेक्षण शक्ति मापन दत्त के संगठन इसके प्रस्तुतीकरण, निर्वचन व निर्णयन की क्षमताओं का विकास प्रयोगशाला एवं क्षेत्र कार्यों से ही सम्भव है। प्रयोगशाला के निम्नलिखित प्रयोजन रसायन शास्त्र प्रयोगशाला के महत्व को अंगीकार करने के लिए पर्याप्त हैं-
1. वस्तुओं को व्यवस्थित रखने में अधिकर्ताओं को प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
2. प्रयोगशाला में कार्य करते हुए अधिकर्ता को दायित्व बोध का विकास होता है।
3. पाठ्यचर्या में निर्धारित पाठ्य-वस्तु के शिक्षण के लिए आवश्यक उपकरणों, उपस्करों, सामग्रियों का भण्डारण और अनुरक्षण का दायित्व प्रयोगशाला पर ही है।
4. अधिकर्ताओं में प्रायोगिक कौशलों में अभ्यास और पारंगति के लिए प्रयोगशाला ही अधिगम संस्थितियों को प्रस्तुत करती हैं।
5. यह सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए आवश्यक संसाधनों का संग्रहण करती है। साथ ही इनके रख-रखाव और सुरक्षा के लिए समुचित व्यवस्था उपलब्ध करती है।
6. प्रयोगशाला में सामग्री के समुचित रख-रखाव (अनुरक्षण), उपयोग और सुरक्षा का अधिकर्ता को स्वतः ही प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
7. प्रयोगशाला कक्षा में अधिगम संस्थितियों के सृजन के लिए आवश्यक सामग्रियां उपलब्ध करती है।
8. एक ओर अकेले प्रयोग करते हुए अधिकर्ता में आत्मविश्वास विकसित होता है तो दूसरी ओर दूसरों की मदद करने और स्वयं दूसरों से मदद मांगने की संस्थितियों के द्वारा उसमें सहयोग की भावना विकसित होती है।
9. कक्षा अनुदेशन में उसके मन में उठे प्रश्नों के समाधान एवं उसकी जिज्ञासा के अनुकूल प्रयोग से सन्तुष्टि प्राप्त होती हैं।
10. प्रयोगशाला में किसी प्रायोजना पर कार्य करते हुए विद्यार्थियों में समूह में कार्य करने की भावना का विकास होता है जिससे उनके सामाजीकरण का मार्ग प्रशस्त होता है।
11. प्रयोगशाला में प्रत्यक्ष ऐन्द्रिक अनुभवों के लिये अवसर उपलब्ध होते हैं। इससे छात्रों में तथ्यों की सूची संग्रहण, उसका संगठन, उसके वर्गीकरण और सारणीयन विश्लेषण व निर्णयन की क्षमताओं का विकास होता है।
12. प्रयोगशाला में कार्य करते हुए शिक्षक, शिक्षार्थी एवं प्रयोगशाला सहायक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी में पारस्परिक सौहार्द्रता विकसित होती है।
13. कोई भी प्राकृतिक घटना विज्ञान के विद्यार्थी के लिये रहस्य नहीं बनती। सभी भौतिक घटनाओं के लिये वह प्रयोग के द्वारा कारण ढूंढ लेता है। इस प्रकार प्राकृतिक घटनाओं में कार्य-कारण सम्बन्ध (त्मसंजपवद) पर उसका विश्वास दृढ़ हो जाता है। अन्धविश्वासों से मुक्त होने में उसको सहायता मिलती है।
14. अधिकर्ताओं में खोज के बोध अभिप्रेरणा प्रदान करने में प्रयोगशाला की महत्वपूर्ण भूमिका है।
15. प्रयोगशाला में प्रायोगिक कार्य करते हुए अधिकर्ताओं के मन में जो प्रश्न उठ हैं, उनके उत्तर उन्हें तुरन्त उपलब्ध हो जाते हैं। इससे विज्ञान में अधिगम के लिए 3 अभिरुचि का विकास होता है। साथ ही समस्या समाधान के लिये उनको तत्काल पुनम स्वतः ही उपलब्ध होता है।
16. यह शिक्षार्थियों को तथ्यात्मक सामग्रियों से परिचित कराती है।
17. विज्ञान के सिद्धान्तों को व्यावहारिकता से जोड़ता है।
18. प्रायोगिक तकनीकों के विकास के लिये प्रयोगशाला में पर्याप्त अवसर उपलब्ध होते हैं।
19. समस्या समाधान के लिये प्रयोगशाला वैज्ञानिक विधि में पारंगति के लिये पर्याप्त अवसर उपलब्ध करती है।
संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये-रसायन विज्ञान प्रयोगशाला में बचाव ।
Write short note on Safety in chemistry laboratory.
उत्तर-दुर्घटना से बचाव हेतु सावधानियाँ-
1. प्रयोग करते समय बड़े धैर्य से आगे बढ़ना चाहिये और जल्दबाजी नहीं करनी चाहिये।
2. प्रत्येक प्रयोग के पूर्व ही दुर्घटना की सम्भावना पर विचार कर लेना चाहिये और यह भी सोच लेना चाहिये कि दुर्घटना होने पर किस सामग्री का उपयोग किया जायेगा। साथ ही वह सामग्री प्राप्त है या नहीं।
3. कोई भी पदार्थ हाथ से नहीं छूना चाहिये। इसके लिए चम्मच या अन्य कोई सामग्री इस्तेमाल करनी चाहिये।
4. अनजानी वस्तुओं के प्रति विशेष सावधानी रखनी चाहिये । विभिन्न प्रकार के तेजाबों का इस्तेमाल बड़ी सतर्कता से करना चाहिये।
5. प्रयोग सदैव एकाग्र होकर करना चाहिये। आपस में बातचीत नहीं करनी चाहिये।
6. आने-जाने के मार्ग में या फर्श पर कोई चीज नहीं रखनी चाहिये। यदि फर्श पर कोई चीज गिर जाये तो उसे तुरन्त साफ करवा देना चाहिये।
7. यदि किसी चीज से दुर्घटना होने की सम्भावना हो तो उसकी सूचना अध्यापक को तुरन्त देनी चाहिए जिससे कि उसका उपचार हो सके।
8. जिस मेज पर बहत से उपकरण हों उस पर प्रयोग नहीं करना चाहिये। मेज पर केवल आवश्यक उपकरण ही होने चाहिये।
9. प्रयोगशाला और भण्डार गह में केवल काम में आने वाली ही वस्तएं होनी चाहिये। टूटे-फूटे बर्तन आदि बेकार की वस्तएँ नहीं होनी चाहिये।
दुर्घटना के सम्भावित कारण-यनेस्को सोर्स बुक के अनुसार निम्न समस्याएं दुर्घटना का कारण बनती हैं-
1. खिड़कियाँ, दरवाजों और रोशनदानों की समुचित व्यवस्था न होना।
2. इच्छानुसार वायु के आवागमन को नियंत्रित किया जा सके। किसी अप्रिय या घातक गैस के फैलने की स्थिति में अधिक वायु के प्रवेश तथा आग को दुर्घटना की स्थिति में वाय का प्रवेश सहज न होना।
3. बैंचें, सीटें और फर्श का त्रुटिहीन नहीं होना।
4. गैस एवं जल की सरक्षित व्यवस्था नहीं होना।
5. विद्युत सॉकेट और वाइरिंग सही नहीं होना।
6. रसायनों एवं अन्य साममियों एवं उपकरणों के भण्डारण की समुचित व्यवस्था नहीं होना।
7. उपकरण एवं उपस्कार का की अच्छी हालत में नहीं होना ।
8. सुरक्षा सामग्री सदा सही हालत में नहीं होना ।
9. सभी रसायनों का समुचित रूप से नामांकित नहीं होना ।
10. प्रयोगशाला के सम्भावित खतरों की सभी विद्यार्थियों को जानकारी न होना।
11. ज्वलनशील पदार्थों का भण्डारण एवं रख-रखाव समुचित ढंग से नहीं होना।
प्रयोगशाला में सुरक्षा उपकरण- प्रयोगशाला में सुरक्षा हेतु प्रमुख उपकरण निम्न होने चाहिए-
1. अग्निशामक यंत्र
2. पानी का प्रेशर पाइप
3. रेत की भरी बाल्टियां
4. एक्जास्ट फैन
5. आवश्यक फोन नं. चार्ट
6. प्राथमिक उपचार बॉक्स