α- अमीनो अम्ल , वर्गीकरण , अम्लों के गुण , पेप्टाइड तथा पॉली पेप्टाइड बंध

प्रोटीन (protein) : प्रोटीन प्रोटियोस से बना है जिसका अर्थ प्राथमिक तथा अति महत्वपूर्ण है , यह मूंगफली , दाल , मांस , मछली तथा अंडे में पाया जाता है।

प्रोटीन को बनाने वाली मूलभूत इकाई α- अमीनो अम्ल (α-amino acids) है।
 α- एमीनो अम्लों का वर्गीकरण :
A . -COOH के सापेक्ष -NH2 समूह की स्थिति के आधार पर 
1. α- एमीनो अम्ल
  • ग्लाइसिन
  • एलानिन (ऐलेनिन)

2. β- एमीनो अम्ल

  • β-amino butyric acid (एमिनो ब्यूटरीक अम्ल )

3. γ-एमीनो अम्ल

  • γ-amino valeric acid (एमिनो वलेरिक अम्ल )

B . प्रकृति के आधार पर :

α- एमीनो अम्लों को प्रकृति के आधार पर तीन भागों में बांटा गया है।
1. उदासीन एमीनो अम्ल –
इसमें एक -NH2 व एक -COOH समूह होता है।
उदाहरण – ग्लासिन , एलानिन
2. अम्लीय एमिनो अम्ल :
इनमें -COOH की संख्या -NHसे अधिक होती है।
उदाहरण : ऐस्टार्टिक अम्ल , ग्लूटेमिक अम्ल
3. क्षारीय एमीनो अम्ल :
इनमे -NH2 समूह की संख्या -COOH से अधिक होती है।
उदाहरण – लाइसीन
 α- एमीनो अम्लों के गुण :
  • ये रंगहीन क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है।
  • ये जल , अम्ल , क्षार आदि में विलेय होते है।
  • ग्लासिन के अतिरिक्त सभी ध्रुवण घूर्णक होते है क्योंकि इनमे असम्मित कार्बन परमाणु पाया जाता है।
  • प्राकृतिक अमीनो अम्लों का विन्यास प्राय L होता है।
  • ऐमीनो अम्लों में -NH2 समूह क्षारीय प्रकृति का होता है अर्थात यह प्रोटॉन ग्रहण करता है जबकि -COOH समूह अम्लीय प्रकृति का होता है। अर्थात यह प्रोटोन त्यागता है दोनों की पारस्परिक क्रिया से आंतरिक लवण का निर्माण होता है जिसे उभयधर्मी आयन या ज्वीटर आयन कहते है।

पेप्टाइड तथा पॉली पेप्टाइड बंध (Peptide and poly peptide bond):

जब दो α- एमीनो अम्ल पास पास में आते है तो एक का -NH2 समूह दूसरे के -COOH समूह से क्रिया कर -CONH बंध का निर्माण करता है इसे पेप्टाइड बंध कहते है तथा बनने वाले अणुओं को डाई पेप्टाइड अणु कहते है।
नोट  : इसी प्रकार जब तीन , चार , पांच α- एमीनो अम्ल परस्पर क्रिया करते है तो बनने वाले अणुओं को ट्राई , टेट्रा , पेंटा पेप्टाइड कहते है।
नोट : जब 10 से अधिक एमीन अम्ल परस्पर मिलते है तो उसे पॉलीपेप्टाइड अणु कहते है।
नोट : वह पॉलीपेप्टाइड जो 100 से अधिक α- एमीनो अम्लों के मिलने से बनता है उसे प्रोटीन कहते है ,इनका अणुभार 10000 से अधिक होता है।