इस विषय पर हम बात करेंगे कि कंप्यूटर के भाग और उनके कार्य क्या है , कंप्यूटर के मुख्य कितने भाग होते हैं उपकरणों के नाम कौन कौनसे है ? parts of computer in hindi ?
कम्प्यूटर के विभिन्न भाग (DIFFERENT COMPONENTS OF A COMPUTER) : कम्प्यूटर, यूजर और सॉफ्टवेयर के साथ मिलकर एक प्रणाली के रूप में कार्य करता है जिसे कम्प्यूटर प्रणाली (Computer System) कहते हैं। इस कम्प्यूटर प्रणाली में प्रायः सिस्टम यूनिट, की-बोर्ड, माउस. मॉनीटर और प्रिंटर उपयोग किए जाते हैं। कम्प्यूटर हार्डवेयर को कम्प्यूटर के भाग भी कहा जाता है। कम्प्यूटर के ये भाग.परस्पर जुड़े रहते हैं। किसी कम्प्यूटर के मुख्य भाग निम्नलिखित होते हैं :
- सिस्टम यूनिट (System Unit) यह कम्प्यूटर का मुख्य भाग है जिसमें सी. पी. यू. और अन्य डिवाइसेज का परिपथ होता है। an
- (ii) की-बोर्ड और माउस ये डाटा और प्रोग्रामों को स्वीकार करते हैं और इन्हें सिस्टम यूनिट में प्रेषित करते है। ये इनपुट यूनिट के रूप में कार्य करते हैं।
- (iii) मॉनीटर और प्रिंटर—ये सिस्टम यूनिट से प्राप्त परिणामों को यूजर को प्रदान करते हैं। ये कम्प्यूटर में आउटपुट यूनिट के रूप में कार्य करते हैं। सम्पूर्ण कम्प्यूटर हार्डवेयर को मुख्य रूप से दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है—सी. पी. यू. (CPU) और पेरीफेरल्स (Peripherals)| ग सिस्टम यूनिट में सी. पी. यू. एक मुख्य हार्डवेयर होता है इसलिए इसे प्रायः सी.पी.यू. के नाम से पुकारा जाता है। सिस्टम यूनिट एक बॉक्स होता है जिसमें सी.पी.यू. के अतिरिक्त कम्प्यूटर की कई अन्य डिवाइसेज और परिपथ बोर्ड (Circuit) होते हैं जो एक मुख्य परिपथ बोर्ड या मदर बोर्ड (Mother board) पर संयोजित रहते हैं। इस प्रकार कम्प्यूटर का अधिकतर परिपथ सिस्टम यूनिट में ही होता है। सी. पी. यू. को पुनः तीन भागों में बांटा जा सकता है :
- सी. यू. (Control Unit-CU)
- ए. एल. यू. (Arithmetic Logic Unit-ALU)
- मेमोरी (Memory)
कन्ट्रोल यूनिट (CU) हार्डवेयर की क्रियाओं को नियन्त्रित और संचालित करता है। यह इनपुट यूनिट से इनपुट किए गए डाटा के संचरण (Flow) को मेमोरी से संग्रह (Storage) माध्यम और आउटपुट यूनिट तक नियन्त्रित भी करता है
ए. एल. यू. (ALU) कम्प्यूटर की वास्तविक गणनाओं (जोड़, बाकी, गुणा, भाग) और तुलना (Comparison) का कार्य करता है। मेमोरी यूनिट (Memory Unit) डाटा, निर्देशों और परिणामों को आउटपुट के लिए संग्रह करके रखती है। यह ए. एल. यू. में डाटा और निर्देशों का आदान-प्रदान कन्ट्रोल यूनिट (CU) के नियन्त्रण में करती है। यह सेमीकण्डक्टर पदार्थ से निर्मित आई. सी. चिप (I.C. Chip) होती है। मेमोरी को सैद्धान्तिक रूप से देखा जाए तो यह अनेक संग्रह-स्थानों (Storage Locations) में विभाजित होती है। इन संग्रह-स्थानों को एक संख्या दे दी जाती है जिसे ऐड्रेस (Address) कहते है।
इनपुट डिवाइसेज, आउटपुट डिवाइसेज और सैकेण्ड्री स्टोरेज (डिस्क, टेप आदि) को पेरीफेरल्स (Peripherals) कहा जाता है। पेरीफेरेल में तीन मुख्य भाग होते हैं :
(a) इनपुट यूनिट (Input Unit)—यह यूनिट डाटा और निर्देशों को इनपुट करके उन्हें सी. पी. यू. के समझने योग्य विद्युत-संकेतो (Pulse) में बदलकर सी. पी. यू. में भेजती है। इनपुट यूनिट के रूप में की-बोर्ड का प्रयोग आवश्यक रूप से किया जाता है।
(b) आउटपुट यूनिट (Output Unit)—यह इकाई प्रक्रिया (Processing) के पश्चात् परिणाम को कम्प्यूटर के बाहरी वातावरण में यूजर को प्रस्तुत करती है। मुख्य आउटपुट यूनिट एक टेलीविजन जैसी स्क्रीन होती है जिसे मॉनीटर कहते हैं। इसके अतिरिक्त प्रिंटर को भी आउटपुट यूनिट के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।
(c) स्टोरेज (Storage)—यह डाटा और प्रोग्राम को भविष्य के लिए संग्रह करके रखता है। यह प्रक्रिया के पश्चात् परिणामों को भी संग्रह कर सकता है। इसे द्वितीयक संग्रह-माध्यम या सैकेण्ड्री स्टोरेज भी कहते है, क्योंकि इसमें डाटा और प्रोग्राम कम्प्यूटर की मेमोरी में संगृहीत होते हैं। फ्लॉफी डिस्क, हार्डडिस्क, मेग्नेटिक टेप सेकेण्ड्री स्टोरेज डिवाइसेज हैं।
कम्प्यूटर के मुख्य भाग एवं उनके कार्य (MAIN COMPONENTS OF A COMPUTER AND THEIR FUNCTIONS)
कम्प्यूटर के मुख्य भाग एवं उनके कार्य निम्नलिखित हैं :
- सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) : सी. पी. यूनिट कम्प्यूटर का दिमाग होता है। इसका मुख्य कार्य प्रोग्रामों (Programs) को क्रियान्वित (Execute) करना है। इसके अतिरिक्त सी. पी. यू., कम्प्यूटर के सभी भागों, जैसे—मेमोरी, इनपुट और आउटपुट डिवाइसेज के कार्यों को भी नियन्त्रित करता है। प्रोग्राम और डाटा, इसके नियन्त्रण में मेमोरी में संगृहीत होते हैं। इसी के नियन्त्रण में आउटपुट स्क्रीन (Screen) पर दिखाई देता है या प्रिंटर के द्वारा कागज पर छपता है।
माइक्रो कम्प्यूटर में सी. पी. यू. (CUP) एक छोटा-सा माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor) होता है। अन्य बड़े कम्प्यूटरों में एक से अधिक माइक्रोप्रोसेसर हो सकते हैं। इस सी. पी. यू. के माइक्रोप्रोसेसर पर तीन भागो का परिपथ (Circuit) होता है, वे हैं—सी. यू. (CU), ए. एल. यू. (ALU) और रजिस्टर (Register)/ माइक्रोप्रोसेसर के आविष्कार से पूर्व कम्प्यूटर का परिपथ ट्रान्जिस्टरों (Transistors) को संयोजित करके तैयार किया जाता है। कम्प्यूटर को अधिक कार्य-कुशल और बहुउपयोगी बनाने के लिए इसके परिपथ में ट्रान्जिस्टरों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि होती गई। इससे ट्रान्जिस्टरों का परिपथ जटिल होता गया और परिपथ में अधिक ताप (Temperature) उत्पन्न होने से इनके खराब होने की सिलीकॉन चिप समस्या उत्पन्न होने लगी। अतः एक ऐसे चिप (Chip) की आवश्यकता हुई जिसमें अनेक ट्रान्जिस्टरों के तुल्य परिपथ हो। सबसे पहला माइक्रोप्रोसेसर सन् 1970 में इन्टेल कॉर्पोरेशन ने Intel 4004 के रूप में तैयार किया। Intel 4004 चिप में लगभग 2,300 ट्रान्जिस्टरों के बराबर क्षमता थी। माइक्रोप्रोसेसर का चिप आधे इन्च का वर्गाकार (Square) सिलीकॉन पदार्थ का टुकड़ा होता है जो एक खोल (Case) में छोटे-छोटे कनैक्टर्स (Connectors) के साथ व्यवस्थित रहता है। इन्टेल 4004 चिप के बाद माइक्रोप्रोसेसर की तकनीक विकसित होती गई और अधिक ट्रान्जिस्टरों (Transistors) के बराबर उनका परिपथ होता गया। जैसे—Intel 80286 में 1,30,000 ट्रान्जिस्टरों तथा Intel 80486 में 12,00,000 ट्रान्जिस्टरों के बराबर परिपथ होता है। अब तो पेन्टियम, पेन्टियम प्रो, पेन्टियम-II, पेन्टियम-III, पेन्टियम-IV आदि उच्च क्षमता वाले माइक्रोप्रोसेसर भी विकसित हो चुके है।
- कण्ट्रोल यूनिट (Control Unit) : यह भाग कम्प्यूटर की आन्तरिक क्रियाओं का संचालन करता है। यह इनपुट/आउटपुट क्रियाओं का नियन्त्रित करता है, साथ ही मेमोरी और ए. एल. यू. (ALU) के मध्य डाटा के आदान-प्रदान को निर्देशित करता है। यह प्रोग्राम को क्रियान्वित करने के लिए प्रोग्राम के निर्देशों को मेमोरी में से प्राप्त करता है। निर्देशों का विद्युत्-सकेतो (Electric Signals) में परिवर्तित करके यह उचित डिवाइसेज तक पहुंचाता है, जिससे डाटा प्रक्रिया का कार्य सम्पन्न हो जाए। कन्ट्रोल यूनिट, ए. एल. यू. (ALU) को यह बताती है कि प्रक्रिया हेतु डाटा, मेमोरी में कहां उपस्थित है, क्या क्रिया करनी है तथा प्रक्रिया के पश्चात् परिणाम मेमोरी में कहां संगृहीत होना है। इन सभी निर्देशों के विद्युत्-संकेत, सिस्टम बस (System Bus) की नियन्त्रक बस (Control Bus) के माध्यम से कम्प्यूटर के विभिन्न भागों (Components) तक संचरित होते है।
- अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट (Arithmetic Logic Unit-ALU) : यह यूनिट डाटा पर अंकगणितीय क्रियाएं (जोड़, बाकी, गुणा, भाग) और तार्किक क्रियाएं (Logical Operations) करती है। इसमें ऐसा इलेक्ट्रॉनिक परिपथ होता है जो बाइनरी अंकगणित (Binary Arithmetic) की गणनाएं करने में सक्षम होता है। ए. एल.यू. सभी गणनाओं को पहले सरल अंकगणितीय क्रियाओं में बांट लेता है, जैसे—गुणा (Multiplication) को बार-बार जोड़ने की क्रिया में बदलना। बाद में इन्हें विद्युत् पल्स (Pulse) में बदल कर परिपथ में आगे संचारित किया जाता है। तार्किक क्रियाओं (Logical Operations) में ए. एल. यू. दो संख्याओं या डाटा की तुलना करता है और प्रक्रिया (Processing) में निर्णय लेने का कार्य करता है। अनेक तारो (Wires) का समूह बस (Bus) कहलाता है, यह बस सिस्टम यूनिट के विभिन्न भागों में विद्युत्-संकेतों का संचरण करती है। संचरित किए जाने वाले संकेतों के अनुसार बस (Bus) को नाम दिया जाता है, जैसे—सिस्टम यूनिट की मुख्य बस ‘सिस्टम बस’ (System Bus) और कन्ट्रोल संकेतों के लिए ‘कन्ट्रोल बस’ कहलाती है।
ए. एल. यू. (ALU), कण्ट्रोल यूनिट से निर्देश या मार्गदर्शन लेता है। यह मेमोरी से डाटा प्राप्त करता है और मेमोरी में ही सूचना (Information) को लौटा देता है। ए. एल. यू. (ALU) के कार्य करने की गति अति तीव्र होती है। यह लगभग 10,00,000 गणनाएं प्रति सेकण्ड की गति से करता है। इसमें कई रजिस्टर (Registers) और एक्युमुलेटर (Accumulators) होते हैं जो गणनाओं के दौरान क्षणिक संग्रह हेतु क्षणिक मेमोरी का कार्य करते हैं। ए. एल. यू., प्रोग्राम के आधार पर कण्ट्रोल यूनिट के बताए अनुसार सभी डाटा मेमोरी से प्राप्त करके एक्युमुलेटर (Accumulator) में रख लेता है।
उदाहरणार्थ, माना दो संख्याओं A और B को जोड़ना है। कण्ट्रोल यूनिट A को मेमोरी से प्राप्त कर ए. एल. यू. में पहुंचाती हैं। अब यह B का मान मेमोरी से चुनकर ए. एल. यू. में स्थित A में जोड़ती है। परिणाम मेमोरी में स्थित हो जाता है या आगे गणना हेतु एक्युमुलेटर में संगृहीत रह जाता है।
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