समतल वृत्ताकार कुण्डली का स्वप्रेरकत्व self inductance of a plane circular coil in hindi

self inductance of a plane circular coil in hindi समतल वृत्ताकार कुण्डली का स्वप्रेरकत्व : हमने स्वप्रेरण तथा स्वप्रेरकत्व के बारे में अध्ययन कर लिया है।
हम अध्ययन करते है की एक समतल वृत्ताकार कुण्डली का स्वप्रेरकत्व कितना होता है इसके लिए हम सूत्र की स्थापना भी करेंगे।
मान लेते है की N फेरे किसी वृत्ताकार कुण्डली में लिपटे हुए है तथा इस वृत्ताकार कुंडली में I धारा प्रवाहित हो रही है।
धारा प्रवाहित होने से इसके केंद्र में एक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है जिसका मान निम्न सूत्र से दिया जाता है
कुण्डली में N फेरे है अत: कुण्डली से उत्पन्न कुल चुम्बकीय फ्लक्स का मान निम्न प्रकार दिया जाता है
स्वप्रेरकत्व की परिभाषा में हमने पढ़ा था की चुम्बकीय फ्लक्स का मान कुण्डली में प्रवाहित हो रही धारा के समानुपाती होती है , जबकि N यहाँ फेरो की संख्या है
Nϴ   I
समानुपाती चिन्ह हटाने पर
Nϴ   LI
 L = /I
यहाँ सूत्र में चुम्बकीय फ्लक्स का मान रखते है जो हमने ऊपर ज्ञात किया है
यह सूत्र दिखाता है की एक समतल वृत्ताकार कुण्डली का स्वप्रेरकत्व का मान निम्न होता है।
हम सूत्र में स्पष्ट रूप से देख सकते है की समतल वृत्ताकार कुण्डली का स्वप्रेरकत्व (L) का मान कुण्डली पर लिपटे फेरो(N) के वर्ग के समानुपाती होता है।