प्रश्न 1 : महर्षि कणाद ने परमाणु की जानकारी कब दी थी ?
(a) 500 ईसा पूर्व
(b) 100 ईसा पूर्व
(c) 460 ईसा पूर्व
(d) 1808 ईसा पूर्व
उत्तर : (a) 500 ईसा पूर्व
अधिक जानकारी : वर्तमान समय से लगभग 2600 साल पहले ही एक साधू ने परमाणु सिद्धांत के बारे में बता दिया था और उस महान साधू का नाम था महर्षि कणाद।
जैसा कि हमने हमारी स्कूल में यह पढ़ा है कि 18 वीं शताब्दी में एक महान भौतिक वैज्ञानिक का जन्म हुआ था जिनका नाम “जॉन डाल्टन” था और जॉन डाल्टन को आधुनिक परमाणु सिद्धांत का पूरा श्रेय दिया जाता है और यह माना जाता है कि आधुनिक परमाणु सिद्धांत जॉन डाल्टन से प्रतिपादित किया था जिसे हम अध्ययन करते है और मान्यता देते है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि परमाणु की संकल्पना डाल्टन के बताने से लगभग 2500 साल पहले ही भारतीय ऋषि महर्षि कणाद ने दे दी थी। यह संकल्पना महर्षि कणाद ने लगभग 500 ईसा पूर्व दे दी थी और परमाणु के बारे में विस्तार से बताया था।
इतने समय पूर्व ही आचार्य कणाद ने बता दिता था कि कोई भी पदार्थ छोटे छोटे कणों से मिलकर बना होता है अर्थात ब्रह्माण्ड में पायी जाने वाली किसी भी पदार्थ को छोटे छोटे टुकडो के रूप में विभक्त किया जा सकता है , लेकिन एक स्थिति ऐसी आती है जब इन कणों को और अधिक छोटे रूप में विभक्त नहीं कर सकते है और पदार्थ के सबसे छोटे इस कण को महर्षि कणाद ने परमाणु नाम दिया था , अत: हम कहस अकते है कि परमाणु सिद्धांत के बारे में सबसे पहले भारतीय दार्शनिक और ऋषि महर्षि ने लगभग 500 ईसा पूर्व ही बता दिया था जो कि आधुनिक परमाणु सिद्धांत से काफी पहले था। अत: भारतीय वैज्ञानिक अपने समय से काफी आगे सोचते थे और उस समय भी भारत में विज्ञान काफी उन्नत थी और भारतीय दार्शनिक विज्ञान के बारे में काफी जानते थे।
इसलिए भारतीय दार्शनिक महर्षि कणाद को वास्तविकता में परमाणु सिद्धांत का जनक माना जा सकता है।
(a) 500 ईसा पूर्व
(b) 100 ईसा पूर्व
(c) 460 ईसा पूर्व
(d) 1808 ईसा पूर्व
उत्तर : (a) 500 ईसा पूर्व
अधिक जानकारी : वर्तमान समय से लगभग 2600 साल पहले ही एक साधू ने परमाणु सिद्धांत के बारे में बता दिया था और उस महान साधू का नाम था महर्षि कणाद।
जैसा कि हमने हमारी स्कूल में यह पढ़ा है कि 18 वीं शताब्दी में एक महान भौतिक वैज्ञानिक का जन्म हुआ था जिनका नाम “जॉन डाल्टन” था और जॉन डाल्टन को आधुनिक परमाणु सिद्धांत का पूरा श्रेय दिया जाता है और यह माना जाता है कि आधुनिक परमाणु सिद्धांत जॉन डाल्टन से प्रतिपादित किया था जिसे हम अध्ययन करते है और मान्यता देते है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि परमाणु की संकल्पना डाल्टन के बताने से लगभग 2500 साल पहले ही भारतीय ऋषि महर्षि कणाद ने दे दी थी। यह संकल्पना महर्षि कणाद ने लगभग 500 ईसा पूर्व दे दी थी और परमाणु के बारे में विस्तार से बताया था।
इतने समय पूर्व ही आचार्य कणाद ने बता दिता था कि कोई भी पदार्थ छोटे छोटे कणों से मिलकर बना होता है अर्थात ब्रह्माण्ड में पायी जाने वाली किसी भी पदार्थ को छोटे छोटे टुकडो के रूप में विभक्त किया जा सकता है , लेकिन एक स्थिति ऐसी आती है जब इन कणों को और अधिक छोटे रूप में विभक्त नहीं कर सकते है और पदार्थ के सबसे छोटे इस कण को महर्षि कणाद ने परमाणु नाम दिया था , अत: हम कहस अकते है कि परमाणु सिद्धांत के बारे में सबसे पहले भारतीय दार्शनिक और ऋषि महर्षि ने लगभग 500 ईसा पूर्व ही बता दिया था जो कि आधुनिक परमाणु सिद्धांत से काफी पहले था। अत: भारतीय वैज्ञानिक अपने समय से काफी आगे सोचते थे और उस समय भी भारत में विज्ञान काफी उन्नत थी और भारतीय दार्शनिक विज्ञान के बारे में काफी जानते थे।
इसलिए भारतीय दार्शनिक महर्षि कणाद को वास्तविकता में परमाणु सिद्धांत का जनक माना जा सकता है।