प्रश्न 24 : पृथक्कारी कीप से किस प्रकार के मिश्रण को अलग किया जा सकता है ?
उत्तर : जब कोई मिश्रण दो अमिश्रणीय दो द्रवों से मिलकर बना हुआ होता है तो इस मिश्रण के पदार्थो को अलग अलग करने के लिए पृथक्कारी कीप का उपयोग किया जाता है , पृथक्कारी कीप एक विशेष प्रकार की कीप होती है जिसमें से होकर द्रव का प्रवाह हो सकता है और इसमें एक कॉक लगा होता है जो आवश्यकता होने पर द्रव के प्रवाह को रोक सकता है।
दो अमिश्रणीय द्रवों का पृथक्करण , पृथक्कारी कीप से करने के लिए इन द्रवों के घनत्व के अंतर पर निर्भर करता है अर्थात मिश्रण के द्रवों के घनत्व में अंतर होना आवश्यक होता है।
इस अमिश्रणीय द्रवों के मिश्रण को पृथक्कारी कीप में डालते है और इसके कॉक को बंद रखते है , कुछ समय बाद हम देखते है कि द्रवों के घनत्व में अंतर के कारण इन द्रवों की अलग अलग परतें बन जाती है , जिसका घनत्व सबसे अधिक होता है वह अपने अधिक घनत्व के कारण सबसे निचे स्थान बनाता है और सबसे कम घनत्व वाला द्रव सबसे ऊपर अपना स्थान बनाता है और इस प्रकार घनत्व के आधार पर द्रवों की परतें बन जाती है जो कि पृथक्कारी कीप में आसानी से देखी जा सकती है।
कुछ समय मिश्रण को पृथक्कारी कीप में रखने पर जब परतें बन जाती है तो कॉक को खोला जाता है और द्रव को इक्कठा करने के लिए पात्र रख दिया जाता है , कॉक खोलने पर सबसे पहले वह द्रव बाहर आता है जिसकी परत सबसे नीचे या पैंदे में थी या जिस द्रव का घनत्व सबसे अधिक था , इस परत को पूरा बाहर निकलने के बाद कीप के कॉक को पुनः बंद कर दिया जाता है जिससे हमें पात्र में सिर्फ उच्च घनत्व वाला द्रव प्राप्त हो जाता है।
अब इस पात्र को हटाकर दूसरा पात्र रख दिया जाता है और पुनः कॉक को खोला जाता है जिससे दुसरे नंबर पर स्थित परत का द्रव पात्र में आने लगता है और इसी प्रकार अलग घनत्व वाले द्रवों को या इन अमिश्रणीय द्रवों को अलग अलग प्राप्त कर लिया जाता है।
पृथक्कारी कीप और इस विधि का चित्र निम्न है –
दो अमिश्रणीय द्रवों का पृथक्करण , पृथक्कारी कीप से करने के लिए इन द्रवों के घनत्व के अंतर पर निर्भर करता है अर्थात मिश्रण के द्रवों के घनत्व में अंतर होना आवश्यक होता है।
इस अमिश्रणीय द्रवों के मिश्रण को पृथक्कारी कीप में डालते है और इसके कॉक को बंद रखते है , कुछ समय बाद हम देखते है कि द्रवों के घनत्व में अंतर के कारण इन द्रवों की अलग अलग परतें बन जाती है , जिसका घनत्व सबसे अधिक होता है वह अपने अधिक घनत्व के कारण सबसे निचे स्थान बनाता है और सबसे कम घनत्व वाला द्रव सबसे ऊपर अपना स्थान बनाता है और इस प्रकार घनत्व के आधार पर द्रवों की परतें बन जाती है जो कि पृथक्कारी कीप में आसानी से देखी जा सकती है।
कुछ समय मिश्रण को पृथक्कारी कीप में रखने पर जब परतें बन जाती है तो कॉक को खोला जाता है और द्रव को इक्कठा करने के लिए पात्र रख दिया जाता है , कॉक खोलने पर सबसे पहले वह द्रव बाहर आता है जिसकी परत सबसे नीचे या पैंदे में थी या जिस द्रव का घनत्व सबसे अधिक था , इस परत को पूरा बाहर निकलने के बाद कीप के कॉक को पुनः बंद कर दिया जाता है जिससे हमें पात्र में सिर्फ उच्च घनत्व वाला द्रव प्राप्त हो जाता है।
अब इस पात्र को हटाकर दूसरा पात्र रख दिया जाता है और पुनः कॉक को खोला जाता है जिससे दुसरे नंबर पर स्थित परत का द्रव पात्र में आने लगता है और इसी प्रकार अलग घनत्व वाले द्रवों को या इन अमिश्रणीय द्रवों को अलग अलग प्राप्त कर लिया जाता है।
पृथक्कारी कीप और इस विधि का चित्र निम्न है –
उदाहरण : तेल और जल के अमिश्रणीय द्रवों को पृथक करने के लिए इनके मिश्रण को पृथक्कारी कीप में डालते है और इसके द्वारा अलग अलग प्राप्त कर लेते है।
tag in English : what type of mixtures can be separated by separating funnel ?