(what is stress in hindi) प्रतिबल क्या है , परिभाषा , उदाहरण , सूत्र , मात्रक , प्रकार , अपरूपण प्रतिबल : जब किसी वस्तु पर बाह्य बल (विरुपक बल) लगाया जाता है तो इस बल के कारण वस्तु के आकार या आकृति अथवा दोनों में परिवर्तन हो जाता है। और जैसा हमने प्रत्यास्थता के कारण में पढ़ा कि वस्तु में अणु इस प्रकार व्यवस्थित रहते है जैसे वे स्प्रिंगो से जुड़े हो अत: जब विरुपक बल द्वारा किसी वस्तु के आकार व आकृति में परिवर्तन किया जाता है तो इसके अणु वस्तु को पुन: इसकी मूल अवस्था में लाने का प्रयास करते है जिससे इसके अणुओं के मध्य एक आंतरिक प्रतिक्रिया उत्पन्न हो जाती है और यह आन्तरिक प्रति क्रिया वस्तु में हुए परिवर्तन का विरोध करती है और वस्तु को इसकी पूर्व अवस्था में लाने का प्रयास करती है।
प्रतिबल क्या है , परिभाषा , उदाहरण , सूत्र , मात्रक , प्रकार , अपरूपण प्रतिबल (what is stress in hindi)
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प्रतिबल की परिभाषा : वस्तु के एकांक अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर कार्यरत आंतरिक प्रतिक्रिया बल को प्रतिबल कहते है।
किसी वस्तु पर एकांक क्षेत्रफल पर आरोपित बल का मान है जो उस वस्तु पर आरोपित हो रहा है।
प्रतिबल को σ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है जिसका निम्न सूत्र होता है –
प्रतिबल = आंतरिक प्रतिक्रिया बल / अनुप्रस्थ क्षेत्रफल
यहाँ σ = प्रतिबल
F = बल
A = अनुप्रस्थ क्षेत्रफल
किसी वस्तु पर लगने वाले बल के आधार पर प्रतिबल को दो भागों में बांटा गया है जो निम्न है –
1. अभिलम्ब प्रतिबल
2. अपरूपण प्रतिबल
जब किसी वस्तु पर आरोपित बल वस्तु की पृष्ठ के लम्बवत कार्यरत रहता है उस कार्यरत प्रतिबल को अभिलम्ब प्रतिबल कहते है।
जब किसी वस्तु पर विरुपक बल वस्तु की सतह के समान्तर या स्पर्श रेखा पर कार्यरत हो जिससे उस वस्तु के आकार में परिवर्तन आ जाता है इस स्थिति में वस्तु के आकार में परिवर्तन का विरोध करने वाले एकांक क्षेत्रफल में कार्यरत आंतरिक प्रतिक्रिया बल को अपरूपण प्रतिबल कहते है।