सुघट्यता क्या है , परिभाषा , उदाहरण , पूर्ण सुघट्य वस्तु (plasticity in hindi)

(plasticity in hindi) सुघट्यता क्या है , परिभाषा , उदाहरण , पूर्ण सुघट्य वस्तु : किसी वस्तु का वह गुण जिसके कारण विरुपक बल हटा लेने के बाद भी वस्तु अपनी मूल अवस्था में आने का प्रयास नहीं करती है उसे सुघट्यता कहते है और जो वस्तु यह गुण दर्शाती है उन्हें सुघट्य वस्तुएं कहते है।

कुछ ठोस पदार्थों में यह गुण पाया जाता है जब उन पर कार्यरत बाह्य बल (विरुपक बल) हटा लेने के बाद भी वे अपनी पूर्व अवस्था में लौटकर नहीं आती है , वस्तुओं के इस गुण को सुघट्यता कहते है। अर्थात सुघट्यता गुण के कारण इन वस्तुओं को बाह्य बल लगाकर हमेशा के लिए एक नया आकार या आकृति दी जा सकती है , क्यूंकि बल को हटाने पर ये अपनी मूल स्थिति में लौटकर नही आती है।

सुघट्यता गुण ही वह कारण है जिसके कारण किसी वस्तु को नया आकार या आकृति दी जा सकती है , क्यूंकि इस गुण के कारण यदि उस वस्तु पर आरोपित बल को हटा भी लिया जाए तो भी वह पहले वाली आकृति या आकार में नहीं आती है।

किसी वस्तु को नया आकार विभिन्न प्रकार से दी जा सकती है जैसे घुमाने से , दबाने से आदि।

कुछ भंगुर प्रकृति की धातुएँ जैसे कच्चा लोहा बल लगाने से बहुत अधिक विकृत हो जाती है और जब इस पर से बाह्य बल को हटा लिया जाता है तो यह अपनी पुरानी अवस्था में नहीं लौटती है।

पूर्ण सुघट्य वस्तु (perfectly plastic body)

जब किसी वस्तु पर बाह्य बल लगाया जाता है जिससे इसकी आकार , आकृति में परिवर्तन आ जाता है और जब इस विरुपक बल को हटा लिया जाता है तो भी वह वस्तु कभी भी लौटकर अपनी पूर्व अवस्था में नही आती है , उस वस्तु को पूर्ण सुघट्य वस्तु कहते है।
परिभाषा : वे वस्तुएँ जो विरुपक बल हटाने पर भी अपनी मूल अवस्था में कभी भी लौटकर नही आती है अर्थात हमेशा के लिए नया रूप ही ग्रहण कर लेती है उन वस्तुओं को पूर्ण सुघट्य वस्तुएं कहते है।
उदाहरण : गीली मिट्टी , मोम का टुकड़ा इत्यादि।