(what is science definition in hindi) विज्ञान की परिभाषा क्या है ? व्हाट इस साइंस विज्ञान किसे कहते है ? vigyan kise kahate hain : जब हम प्रकृति में उपस्थित विभिन्न वस्तुओं की प्रकृति और उनके व्यवहार जैसे गुण इत्यादि का अध्ययन करने को ही विज्ञान कहते है।
वस्तुओं के इस अध्ययन को क्रमबद्ध तरीके से अध्ययन किया जाता है और तथ्य इक्कठे किये जाते है इन तथ्यों के आधार पर ही वस्तु के गुण और प्रकृति का पता लगाया जाता है।
अत: विज्ञान की परिभाषा निम्न प्रकार दी जाती है –
“प्रकृति में उपस्थित वस्तुओं के क्रमबद्ध अध्ययन से ज्ञान प्राप्त करने और उस ज्ञान के आधार पर वस्तु की प्रकृति और व्यवहार जैसे गुणों का पता लगाने को ही विज्ञान कहते है। “
विज्ञान की कई शाखाएँ होती है जैसे भौतिक विज्ञान , जिव विज्ञान , रसायन विज्ञान इत्यादि।
जीव विज्ञान (biology) : विज्ञान की वह शाखा जिसमे जीवों के बारे में अध्ययन किया जाता है , उस विज्ञान की शाखा को ही जीव विज्ञान कहते है।
इसमें सजीवो के शरीर की बनावट , कार्य प्रणाली , प्रत्येक अंग की जानकारी तथा कार्य इत्यादि का कार्य इस जीव विज्ञान शाखा में किया जाता है।
रसायन विज्ञान (chemistry) : विज्ञान की वह शाखा जिसमे पदार्थो की संरचना , पदार्थो के गुण , अलग अलग पदार्थो की आपस में क्रिया आदि का अध्ययन किया जाता है उस शाखा को रसायन विज्ञान कहते है।
इसमें उन कणों , आयन , अणु , परमाणु आदि का अध्ययन किया जाता है जिससे कोई पदार्थ या यौगिक बना होता है , तथा उन पदार्थो के क्या क्या गुण है , उनकी अगर किसी अन्य पदार्थ से क्रिया करवाई जाती है तो परिणाम में क्या पदार्थ बनेगा और इसके गुण क्या क्या होंगे इसका अध्ययन हम रसायन विज्ञान के अंतर्गत करते है।
भौतिक विज्ञान (physics) : विज्ञान की वह शाखा जिसमे पदार्थ के भौतिक गुणों का अध्ययन किया जाता है तथा प्रकृति में उपस्थित विभिन्न प्रकार की ऊर्जाओं का अध्ययन सुव्यवस्थित रूप से किया जाता हो।
भौतिक विज्ञान विभिन्न विषयो पर कार्य करता है जैसे प्रकाश , यान्त्रिकी , ऊष्मा , ध्वनी , बिजली , चुम्बकत्व आदि। इन सभी विषयों पर भौतिक विज्ञान में विस्तार से अध्ययन किया जाता है और इनके गुणों के आधार पर हमारी दैनिक जीवनी में इनको कैसे लाकर जीवन को अधिक सुविधा जनक बनाया जाए इसके बारे में अध्ययन किया जाता है।
जब आप ‘विज्ञान’ शब्द सुनते है तो सबसे पहले आपके दिमाग में आने वाले सबसे पहले दृश्य होते है कुछ महान वैज्ञानिको के नाम जैसे अल्बर्ट आइन्स्टाइन , या विज्ञान के द्वारा निजात किये गए विभिन्न प्रकार के उपकरण जैसे सूक्ष्मदर्शी , तापमापी या फिर विज्ञान की कुछ अद्भुत शाखाएं जैसे अन्तरिक्ष से सम्बन्धित विज्ञान की शाखा , तारे , सूर्य , पृथ्वी आदि , लेकिन विज्ञान केवल किसी एक विशेष ब्रांच या उपकरण का नाम नहीं है , बल्की विज्ञान बहुत ही अधिक विकसित है जिसे केवल किसी परिभाषा या किसी शब्द से नही बताया जा सकता है।
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लेकिन हम विज्ञान उस ज्ञान को कह सकते है जो हमने लगातार मेहनत और प्रयोगों आदि के द्वारा अर्जित किया है और साथ ही विज्ञान में वह प्रक्रिया भी शामिल है जिसके द्वारा हम लगातार नया ज्ञान या खोज प्राप्त करने के प्रयास कर रहे है जिसमे विभिन्न प्रकार के प्रयोग , नियम और सिद्धांत शामिल किये जाते है।
विज्ञान को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है –
1. प्राकृतिक विज्ञान : जिसमें जीवन या जीवो आदि के बारे में अध्ययन किया जाता है तथा भौतिक पदार्थो का भी अध्ययन किया जाता है जैसे किसी पदार्थ का अध्ययन आदि को सम्मिलित रूप से प्राकृतिक विज्ञान कहा जा सकता है।
2. सामाजिक विज्ञान : जब लोगो और उनके समाज के बारे में विस्तार से अध्ययन किया जाता है तो इस तरह की विज्ञान को सामाजिक विज्ञान कहते है।
3. सामान्य विज्ञान : इसमें तार्किकता और गणित की सामान्य समस्याओ को हल करने का अध्ययन किया जाता है तो इसे सामान्य विज्ञान कहते है।
4. व्यावहारिक विज्ञान : अब तक के वैज्ञानिको द्वारा अर्जित ज्ञान का प्रयोग करते हुए नए नए साधनो , मशीनों आदि का निर्माण करना आदि को व्यावहारिक विज्ञान कहते है जैसे इंजीनियरिंग , रोबोटिक्स आदि।
विज्ञान की कार्य पद्धति (methodology of science) : वैज्ञानिक नमूनों को जोड़ते है या कई पृथक तथ्यों की संख्या के मध्य सम्बन्ध स्थापित करते है। वैज्ञानिक विशिष्ट प्रकरणों पर प्रेक्षणों से सिद्धांत निर्धारित करने और अंतिम रूप से खोजे गए सामान्य सिद्धांत के लिए उत्तरदायी होता है।
वैज्ञानिक निम्नलिखित प्रादर्श पर आधारित वैज्ञानिक विधि अपनाते है –
समस्या ? → परिकल्पना → प्रायोगिक अवस्था → संभावित सही परिकल्पना → संभावित परिणाम → श्रृंखलाबद्ध प्रयोगों द्वारा सत्यापन → सिद्धांत → नियम
सिरेन्डिपिटी और विज्ञान (serendipity and science )
सिरेन्डिपिटी वैज्ञानिक विधि से सम्बन्धित होता है जिसमे अनअपेक्षित या अकस्मात होने वाली खोजो को शामिल किया जाता है। सिरेन्डिपिटी शब्द सन 1754 में परी की कहानी नामक लेख से होरेस वाल्पोल द्वारा दिया गया था। श्रीलंका के लिए सिरेन्डिप एक प्राचीन नाम है , श्रीलंका के लिए सिरेन्डिप तीन शासक थे जो कि हमेशा चतुराई और घटनाओं के द्वारा खोजे करने में निपुण थे।
लुईस पाश्चर ने कहा कि अवसर प्रशिक्षित दिमाग का सहयोग करता है क्योंकि एक जिज्ञासु , उत्साही और अंतर्ज्ञानी मन किसी खोज के लिए इच्छित दिशा निर्देश को समझ सकता है।
सन 1922 में अलेक्जेंडर फ्लेमिंग जो कि ब्रिटिश जीवाणु शास्त्री थे , उन्होंने जुकाम में अपनी नाक के म्यूकस की कुछ बूंदों को जीवाणु संवर्धन पर गिराया। फ्लेमिंग ने कुछ समय पश्चात् देखा कि म्यूकस ने जीवाणुओं को नष्ट कर दिया इस तरह एंजाइम लाइसोजाइम जो जीवाणुओं को घोल देता है की खोज हुई।
एक सर्वोत्तम ज्ञात प्रतिजैविक , पेनिसिलिन की खोज 1928 में फ्लेमिंग द्वारा सुखद घटना के परिणाम के रूप में हुई।
फ्लेमिंग ने स्टेफायलोकोकस पर कार्य करते हुए पाया कि मोल्ड के कुछ स्पोर्स प्रयोगशाला की खिड़की में से बहकर स्टेफायलोकोकस की कॉलोनी पर एकत्रित होने लगे। फ्लेमिंग को आश्चर्य हुआ कि जीवाणु अतिशीघ्र नष्ट हो गए थे। मोल्ड की पहचान पेनिसिलियम नोटेट्स के रूप के बाद में हुई थी , इसका कारण यह है कि सक्रीय पदार्थ जिससे जीवाणु मर जाते थे पेनिसिलिन कहलाता था।
एडवर्ड जेनर जो एक अंग्रेज चिकित्सक थे इन्होने गाय के थन में होने वाले रोग काउपॉक्स से दूध बेचने वाली में स्मालपॉक्स के संक्रमण के अवलोकन द्वारा संक्रमण से बचने के लिए स्मालपॉक्स का टिका विकसित किया।
1796 में , जेनर ने दूध बेचने वाली सारा निल्म्स के हाथ पर उपस्थित काउपॉक्स के फफोले से द्रव लेकर 8 वर्ष के लड़के को टीका लगाया , जेनर को आश्चर्य हुआ कि लड़के में स्मालपॉक्स के प्रति प्रतिरोधकता आ गयी और प्रेरित प्रतिरोधकता के आ जाने की इस तकनीक को वैक्सीनेशन के रूप में जाना जाता है।