(what is Rigid body in hindi) दृढ़ पिण्ड क्या है , परिभाषा , उदाहरण Rigid body meaning definition दृढ पिंड किसे कहते है ? :
दृढ़ पिण्ड की परिभाषा : जब किसी पिण्ड के आंतरिक कणों की स्थिति कभी भी परिवर्तित नहीं होती है भले ही उस पर बल आरोपित किया जाए तो ऐसे पिंड को दृढ़ पिण्ड कहते है।
अथवा
जब किसी वस्तु या पिण्ड पर यदि बल आरोपित किया जाये और पिण्ड में इस बल के बावजूद कोई विकृति उत्पन्न नहीं होती है तो उन पिण्डों को दृढ पिंड कहा जाता है।
वास्तविकता में कोई भी पिण्ड पूर्ण रूप से दृढ़ नहीं होता है।
जिस वस्तु को वास्तविक जीवन में दृढ़ कहा जाता है यदि उन पर बहुत अधिक बल आरोपित किया जाए तो वे विकृत होना प्रारंभ हो जाती है।
उदाहरण : जब एक पुलिया बनाई जाती है तो इसे एक दृढ़ पिण्ड की तरह देखा जाता है क्यूंकि जब इस पर कोई एक आदमी या एक ट्रक चलता है तो इसमें कोई विकृति नहीं दिखाई देती है , लेकिन जब इस पर एक साथ 100 ट्रक चलाये जाए तो इसमें कुछ विकृति आ सकती है भले ही उस विकृति का मान बहुत कम हो और हमें दिखाई न दे लेकिन इस बहुत अधिक बल के कारण इसमें कुछ न कुछ विकृति अवश्य आती है , अत: कोई भी पिण्ड पूर्ण दृढ़ पिंड नहीं माने जाते है।
दृढ़ पिण्ड को निम्न निम्न प्रकार परिभाषित कर सकते है –
“वह पिण्ड जिसके कण बहुत अधिक दृढ़ता के साथ आपस में बंधे रहते है और जब इस पिण्ड पर बाह्य बल आरोपित किया जाता है तो इसके कणों की स्थितियों में कोई परिवर्तन या विस्थापन न हो तो अर्थात विकृति उत्पन्न न हो तो ऐसे पिण्डों को दृढ़ पिण्ड कहा जाता है। ”
दृढ़ पिण्ड की गति (motion of rigid body)
दृढ पिण्ड (rigid body) : ऐसा पिण्ड जिसके सभी कण दृढ़तापूर्वक इस प्रकार बंधे हो कि उस पर बाह्य बल या बल आघूर्ण लगाने पर उसके कणों की स्थितियों में आपेक्षित विस्थापन न हो , अर्थात उसकी आकृति परिवर्तित न हो , दृढ पिण्ड कहलाता है।
दृढ पिण्ड (rigid body)
दृढ़ पिंड एक निकाय या वस्तु है , जिसमे किन्ही भी दो कणों के मध्य की दूरी सदैव नियत बनी रहती है। (समय के सापेक्ष) दृढ पिंड कहलाता है।
- शुद्ध स्थानांतरीय गति
- शुद्ध घूर्णन गति
- सम्मिलित स्थानांतरीय और घूर्णन गति