(what is atom in hindi) परमाणु : जैसा कि हम पढ़ चुके है कि प्रत्येक पदार्थ छोटे छोटे कणों के मिलकर बना हुआ होता है और इन छोटे छोटे (सूक्ष्म) कणों को परमाणु कहते है।
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के अनुसार “परमाणु एक अविभाज्य कण होता है और जब ये परमाणु बहुत बड़ी संख्या में आपस में मिलते है तो किसी भी पदार्थ का निर्माण होता है। “
अत: किसी भी पदार्थ की मूलभूत इकाई परमाणु होती है , परमाणु का आकार बहुत ही सूक्ष्म होता है , लगभग 10-10 मीटर परास का परमाणु का आकार माना जाता है इसलिए हम सोच सकते है कि यह बहुत ही सूक्ष्म होता है जिसको हम हमारी नग्न आखो से नहीं देख सकते है।
ब्रह्माण्ड में पायी जाने वाली प्रत्येक चीज जिसे हम छू सकते और महसूस कर सकते है और देख सकते है उसे पदार्थ कहते है , तथा ब्रह्माण्ड में पायी जाने वाली प्रत्येक चीज पदार्थ की बनी हुई होती है और जैसा कि हमने ऊपर पढ़ा कि की प्रत्येक पदार्थ परमाणुओं से मिलकर बना हुआ होता है अत: हम कह सकते है कि ब्रह्माण्ड में पायी जाने वाली प्रत्येक वस्तु परमाणुओं से मिलकर बनी हुई होती है।
याद रखिये कि इसमें ऊर्जा शामिल नहीं है अर्थात ऊर्जा परमाणुओं से मिलकर बनी हुई नही होती है।
जैसा कि हमने पढ़ा कि प्रत्येक वस्तु कई परमाणु के आपस में मिलने से बनती है लेकिन जब किसी वस्तु को तोड़कर इसके परमाणुओं के रूप में विभक्त कर दिया जाए तो याद रखिये कि इस प्रकार परमाणु का अस्तित्व नहीं होता है अर्थात परमाणु का स्वतंत्र रूप से अस्तित्व नहीं पाया जाता है अर्थात परमाणु अकेले स्वतंत्र रूप से नहीं रह सकते है , परमाणु आपस में मिलकर अणु या तत्व या आयन का निर्माण कर लेते है।
अत: परमाणु किसी पदार्थ की सूक्ष्मतम अवस्था या कण होता है और बहुत सारे परमाणु आपस में मिलकर अणु , तत्व , आयन या सम्पूर्ण पदार्थ का निर्माण करते है और पदार्थ को हम देख सकते है और छू कर महसूस कर सकते है।
आगे भी बात करे तो परमाणु भी तीन कणों से मिलकर बना होता है इन तीन कणों को उप – परमाण्विक कण कहते है , ये उप – परमाण्विक कण ‘इलेक्ट्रॉन , प्रोटोन और न्यूट्रॉन ‘ होते है , परमाणु के केंद्र में एक नाभिक होता है जिसमें प्रोटोन और न्यूट्रॉन विद्यमान रहते है और इलेक्ट्रॉन इस नाभिक के चारो तरफ चक्कर लगाते रहते है।
इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्मक आवेश होता है , प्रोटोन पर धनावेश होता है और न्यूट्रॉन पर कोई आवेश नहीं होता है अर्थात न्यूट्रॉन उदासीन रहता रहता है।
किसी परमाणु की सामान्य अवस्था में जितने प्रोटोन होते है उतने ही इलेक्ट्रॉन उपस्थित रहते है।
याद रखिये कि इसमें ऊर्जा शामिल नहीं है अर्थात ऊर्जा परमाणुओं से मिलकर बनी हुई नही होती है।
जैसा कि हमने पढ़ा कि प्रत्येक वस्तु कई परमाणु के आपस में मिलने से बनती है लेकिन जब किसी वस्तु को तोड़कर इसके परमाणुओं के रूप में विभक्त कर दिया जाए तो याद रखिये कि इस प्रकार परमाणु का अस्तित्व नहीं होता है अर्थात परमाणु का स्वतंत्र रूप से अस्तित्व नहीं पाया जाता है अर्थात परमाणु अकेले स्वतंत्र रूप से नहीं रह सकते है , परमाणु आपस में मिलकर अणु या तत्व या आयन का निर्माण कर लेते है।
अत: परमाणु किसी पदार्थ की सूक्ष्मतम अवस्था या कण होता है और बहुत सारे परमाणु आपस में मिलकर अणु , तत्व , आयन या सम्पूर्ण पदार्थ का निर्माण करते है और पदार्थ को हम देख सकते है और छू कर महसूस कर सकते है।
आगे भी बात करे तो परमाणु भी तीन कणों से मिलकर बना होता है इन तीन कणों को उप – परमाण्विक कण कहते है , ये उप – परमाण्विक कण ‘इलेक्ट्रॉन , प्रोटोन और न्यूट्रॉन ‘ होते है , परमाणु के केंद्र में एक नाभिक होता है जिसमें प्रोटोन और न्यूट्रॉन विद्यमान रहते है और इलेक्ट्रॉन इस नाभिक के चारो तरफ चक्कर लगाते रहते है।
इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्मक आवेश होता है , प्रोटोन पर धनावेश होता है और न्यूट्रॉन पर कोई आवेश नहीं होता है अर्थात न्यूट्रॉन उदासीन रहता रहता है।
किसी परमाणु की सामान्य अवस्था में जितने प्रोटोन होते है उतने ही इलेक्ट्रॉन उपस्थित रहते है।
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