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तनु विलयन , विलयनों के प्रकार , आदर्श विलयन , अनादर्श विलयन की परिभाषा क्या है अंतर

तनु विलयन : वे विलयन जिनमें विलायक की अपेक्षा विलेय पदार्थ अत्यधिक कम मात्रा में होता है तनु विलयन कहलाता है।
विलयनों के प्रकार (types of solution) : राउल्ट के नियम के आधार पर विलयन दो प्रकार के होते है।
1. आदर्श विलयन (ideal solution)
2. अनादर्श विलयन (non ideal solution)
1. आदर्श विलयन (ideal solution)

वे विलयन जो ताप , दाब एवं सांद्रता की सभी सीमाओं पर राउल्ट के नियम का पालन करते है , आदर्श विलयन कहलाते है।
इनके लिए
इनके लिए
(a) किसी अवयव का वाष्पदाब उस अवयव के राउल्ट के नियम द्वारा दर्शायें गए वाष्पदाब के बराबर होता है।
PA = PA0 XA

PB = PB0XB

(b) विलेय एवं विलायक को मिलाने पर उष्मा परिवर्तन शून्य होता है।
(c) विलयन का कुल आयतन विलेय एवं विलायक के आयतन के योग के बराबर होता है।
अर्थात आयतन परिवर्तन शून्य होता है।
इनमें विलेय विलेय (A-A) , विलायक विलायक (B-B) अंत: क्रिया का मान विलेय विलायक (A-B) अंत:क्रिया के समान होता है।
उदाहरण : बेंजीन + टॉलूईन

वाष्पशील द्रवों के मिश्रण के लिए राउल का नियम

इस नियम के अनुसार विलयन में किसी वाष्पशील अवयव का आंशिक दाब उसकी मोल भिन्न के समानुपाती होता है।
या
एक निश्चित ताप पर किसी विलयन में वाष्पशील अवयव का आंशिक दाब उस अवयव की विलयन में मोल भिन्न एवं शुद्ध अवस्था के वाष्पदाब के गुणनफल के बराबर होता है।
माना A व B दो वाष्पशील पूर्णत: मिश्रणीय द्रव है , जिनको मिलाकर विलयन बनाया गया है।
माना द्रव A , द्रव B की अपेक्षा अधिक वाष्पशील है , विलयन में द्रवों की मोल भिन्न क्रमशः XA व XB है। एवं इनके आंशिक दाब क्रमशः PA व PB है।  राउल के नियमानुसार –
PA = PA0 XA
इसी प्रकार

PB = PB0XB

यहाँ PA0 व  PB0 क्रमशः अवयव A तथा B के शुद्ध अवस्था के वाष्पदाब है।

यदि विलयन का कुल दाब P हो तो –
डॉल्टन के आंशिक दाब नियम से
P (कुल) = PA + PB
समीकरण में मान रखने पर
P (कुल) = PA0 XA + PB0 XB
2. अनादर्श विलयन /वास्तविक विलयन (non ideal solution)
वे विलयन जो ताप दाब व सांद्रता की किसी भी सीमा पर राउल्ट के नियम का पालन नहीं करते अनादर्श विलयन कहलाते है।
इनके लिए किसी अवयव का वाष्प दाब उस अवयव के राउल्ट नियम द्वारा दर्शाये गए वाष्पदाब के बराबर नहीं होता है।
अर्थात
PA  PA0 XA
इसी प्रकार

PB  PB0 XB

अनादर्श विलयन दो प्रकार के होते है –
(a) राउल्ट नियम से धनात्मक विचलन वाले विलयन : इन विलयनों के लिए विलयन में उपस्थित किसी अवयव के वाष्पदाब का मान राउल्ट के नियम द्वारा दर्शाए गए वाष्पदाब से अधिक होता है। 
अर्थात
PA > PA0 XA
इसी प्रकार

PB > PB0 XB

आदर्श विलयन से धनात्मक विचलन का कारण –
विलेय विलायक अंतराण्विक आकर्षण बलों का मान विलेय विलेय एवं विलायक विलायक अंतराण्विक आकर्षण बलों की तुलना में कम होता है।
उदाहरण : C2H5OH
and H
2O का विलयन
शुद्ध एथिल एल्कोहल (C2H5OH) में अणुओं के मध्य प्रबल अंतराण्विक H-बंध पाया जाता है , परन्तु विलायक H2O मिलाने पर एल्कोहल अणुओं के मध्य जल (H2O) के अणु आ जाते है , जिससे अंतराण्विक H-बंध दुर्बल हो जाते है।
इसी कारण अवयव का वाष्पदाब राउल्ट के नियम से अधिक हो जाता है।
(b) राउल्ट के नियम से ऋणात्मक (negative) विचलन वाले विलयन : इनके लिए विलयन में किसी अवयव का आंशिक वाष्पदाब राउल्ट के नियम से कम प्राप्त होता है –
अर्थात
PA < PA0 XA
PB < PB0 XB
आदर्श विलयन से ऋणात्मक विचलन का कारण –
विलेय विलायक अंतराण्विक आकर्षण बल , विलेय विलेय , विलायक विलायक अंतराण्विक आकर्षण बल से अधिक होता है।
उदाहरण : बेंजीन + क्लोरोफॉर्म –
बेंजीन व क्लोरोफॉर्म के मिश्रण में बेंजीन वलय के विस्थानिकृत π electron व क्लोरोफॉर्म के H परमाणु के मध्य H बंध बन जाता है जिससे आकर्षण बल बढ़ जाता है।