तामर विद्रोह (1789-1832) | तामड विद्रोह कब हुआ था , किस वर्ष में हुआ tamar vidroh kya hai ?

(tamar vidroh kab hua tha) तामर विद्रोह (1789-1832) | तामड विद्रोह कब हुआ था , किस वर्ष में हुआ tamar vidroh kya hai ? इसके नेता कौन थे या इसका नेतृत्व किसने किया ?

तामर विद्रोह (1789-1832) 

तामर के आदिवासियों ने 1789-1832 के दौरान सात बार अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया। इस विद्रोह में उनका साथ आसपास के क्षेत्रों-मिदनापुर, कायेलपुर, ढाढा, वतशिला, जालदा और सिल्ली-के आदिवासियों ने दिया। उन्होंने सरकार की (दिकुओं के साथ) सांठगांठ वाली दोषपूर्ण व्यवस्था के खिलाफ विद्रोह किया। तामर विद्रोहों का नेतृत्व तामर के भोनालाथ सहाय ने किया। 1832 में विद्रोह की लपट पूरे क्षेत्र में फैल गयी। अलग सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान वाले ओरांव, मुंडा, हो या कोल आदिवासी बनमूम राज परिवार के सदस्य गंगा नारायण सिंह के नेतृत्व में विद्रोहियों के साथ शामिल हो गये। आदिवासियों ने इन क्षेत्रों के हरेक गांव में दिकुओं को मार डाला। उन्होंने उनके घरों को आग लगा दी और लूट लिया। लेकिन इस आंदोलन को 1832-33 में सरकार ने दबा दिया। हो प्रदेश को सरकार ने अपनी रियासत के तौर पर अपने में मिला लिया। प्रशासन के आसान नियम बनाये गये, वैसे हो आदिवासी मुखिया या सरदार के जरिये सरकार की व्यवस्था बरकरार रही।