सल्फ्यूरिक अम्ल क्या होता है , h2so4 संरचना , गुण , उपयोग , बनाने की विधियाँ (sulphuric acid h2so4 in hindi)

(sulphuric acid h2so4 in hindi) सल्फ्यूरिक अम्ल क्या होता है , h2so4 संरचना , गुण , उपयोग , बनाने की विधियाँ : यह सबसे महत्वपूर्ण औद्योगिक रसायनों में से एक है इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इसका उपयोग विभिन्न प्रकार से किया जाता है।
रसायन विज्ञान में इसके अत्यधिक उपयोग के कारण इसे रसायनों का राजा भी कहते है।
सल्फ्यूरिक अम्ल का रासायनिक सूत्र H2SO4 होता है , इसका मोलर द्रव्यमान 98.079 ग्राम/मोल होता है।
यह द्विप्रोटी अम्ल (द्विध्रुवीय अम्ल) होता है अर्थात यह अम्ल दो प्रोटोन को त्यागता है , इस अम्ल में सल्फर परमाणु से दो ऑक्सीजन के परमाणु द्विबन्ध द्वारा जुड़े हुए रहते है तथा सल्फर से ही दो हाइड्रॉकसिल समूह (OH) जुड़े हुए रहते है , सल्फ्यूरिक अम्ल की संरचना निम्न प्रकार होती है –
चट्टानों में पायी जाने वाली सल्फाइड खनिज के ऑक्सीकरण से सल्फ्यूरिक अम्ल बनता है अर्थात यह अम्ल प्राकृतिक रूप से बनता है।
इसी प्रकार वातवरण में तनु सल्फ्यूरिक अम्ल भी बन जाता है , जब इंधन के जलने से सल्फर डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है और जब सल्फर डाइऑक्साइड का नमी की उपस्थिति में ऑक्सीकरण होता है तो तनु सल्फ्यूरिक अम्ल बनता है और इसके कारण ही ‘ अम्ल की बारिश ‘ होती है।

सल्फ्यूरिक अम्ल के रासायनिक और भौतिक गुण

  • जब सल्फ्यूरिक अम्ल शुद्ध अवस्था में होता है तो यह रंगहीन द्रव के रूप में पाया जता है।
  • सल्फ्यूरिक अम्ल को गंधक का तेज़ाब भी कहते है।
  • जब यह अशुद्ध अवस्था में होता है तो हल्का पीले रंग का द्रव के रूप में पाया जता है।
  • इसका घनत्व लगभग 1.84 ग्राम/मिली होता है।
  • इसका क्वथनांक बिंदु 337 °C होता है और इसका गलनांक बिंदु 10 °C होता है।
  • सल्फ्यूरिक अम्ल जल में घुलकर अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा मुक्त करता है।
  • यह उच्च श्यानता वाला द्रव होता है।
  • यह एक उच्च और द्विध्रुवीय अम्ल होता है।
  • इसमें उपस्थित बंधों की लम्बाई को निम्न प्रकार प्रदर्शित किया जाता है –

कुछ महत्वपूर्ण अभिक्रियाएँ

गर्म सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल , कॉपर को कॉपर सल्फेट में ओक्सिकृत कर देता है , यह क्रिया निम्न प्रकार संपन्न होती है –
Cu   +    2H2SO4  →    CuSO +   SO2   +   H2O
यह ग्लूकोज अदि को जलाकर इसे कार्बन में परिवर्तित कर देता है , यह निम्न अभिक्रिया द्वारा प्रदर्शित किया जाता है –
C12H22O11   +   (H2SO4)    →  12C   +  11H2O
सान्द्र सल्फ्यूरिक की क्रिया जब कैल्शियम फ्लोराइड से की जाती है तो यह कैल्शियम फ्लोराइड से हाइड्रोजन फ्लोराइड बाहर निकालता है , यह अभिक्रिया निम्न है –
CaF2    +   H2SO4  →     CaSO  +  2HF

सल्फ्यूरिक अम्ल के उपयोग

इसका उपयोग उद्योगों और प्रयोगशाला में बहुत अधिक किया जाता है और यही कारण है कि इस अम्ल को रसायनों का राजा कहते है।
यहाँ हम इसके कुछ महत्वपूर्ण उपयोगो का अध्ययन करते है –
  • इसका उपयोग उर्वरक के रूप में भी किया जाता है , इससे अमोनिया सल्फेट , चुन के सुपर फास्फेट आदि उर्वरको का निर्माण किया जता है।
  • यह अम्ल कार्बनिक यौगिको के निर्माण के साथ साथ नाइट्रोसेलुलोज उत्पादों को भी बनाने में भी सहायक होता है।
  • सल्फ्यूरिक अम्ल से कई प्रकार के रसायन जैसे नाइट्रिक अम्ल , फोस्फोरिक अम्ल आदि को बनाया जाता है।
  • यह एक महत्वपूर्ण प्रयोगशाला अभिकर्मक है।
  • इसका उपयोग सीसा संचायक सेलों में भी किया जाता है।
  • सान्द्र नाइट्रिक अम्ल (HNO3) और सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) के मिश्रण को विस्फोटक के रूप में किया जाता है जैसे T.N.T. डायनामाइड के निर्माण में आदि।

सल्फ्यूरिक अम्ल की संरचना

इसमें सल्फर परमाणु का संकरण sp3 होता है और यही कारण होता है कि यह एक चतुष्फलकीय अणु होता है। चूँकि इसमें सल्फर परमाणु से दो दो OH समूह जुड़े हुए रहते है इसलिए इसको द्विक्षारकीय अम्ल होता है , बाकी बचे हुए ऑक्सीजन के परमाणु सल्फर के साथ द्विबंध द्वारा संरचना चित्र के अनुसार जुड़े हुए रहते है।