प्रतिरोधकता (resistivity ) :मान लीजिये किसी चालक का प्रतिरोध R , लम्बाई L तथा इसका अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल A है प्रयोगो से यह निष्कर्ष निकाला गया की चालक का प्रतिरोध इसकी लम्बाई L के समानुपाती होता है तथा अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
अतः लिखा जा सकता है
R ∝ L /A
समानुपाती चिन्ह हटाने पर
R = ρL /A
यहाँ ρ एक समानुपाती नियतांक है और इसे (ρ) चालक की प्रतिरोधकता कहते है ध्यान रखिये की दो भिन्न भिन्न पदार्थों के प्रतिरोध समान हो सकते है लेकिन दो भिन्न पदार्थो की प्रतिरोधकता समान नहीं हो सकती।
प्रतिरोधकता का मान पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है और अलग अलग चालकों के लिए इसका मान अलग होता है।
प्रतिरोधकता का मान ताप पर भी निर्भर करता है।
प्रतिरोधकता किसी पदार्थ का वह गुण है जो यह दर्शाता है की वह कितनी तीव्रता से धारा के प्रवाह का विरोध करेगा। प्रतिरोधकता को ही पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध (specific electrical resistance) भी कहते है।
प्रतिरोधकता का मात्रक Ω.m होता है तथा विमा M1L3T-3A-2 है।
यदि चालक तार की त्रिज्या r हो तो क्षेत्रफल A = πr2
ρ = RA /L
ρ = Rπr2 /L
सूत्र को देखकर हम यह निष्कर्ष निकाल सकते है सकते है की चालक की प्रतिरोधकता का मान पदार्थ के प्रतिरोध , अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल , लम्बाई पर निर्भर करता है।
प्रतिरोधकता किसी पदार्थ का वह गुण है जो यह दर्शाता है की वह कितनी तीव्रता से धारा के प्रवाह का विरोध करेगा। प्रतिरोधकता को ही पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध (specific electrical resistance) भी कहते है।
प्रतिरोधकता का मात्रक Ω.m होता है तथा विमा M1L3T-3A-2 है।
यदि चालक तार की त्रिज्या r हो तो क्षेत्रफल A = πr2
ρ = RA /L
ρ = Rπr2 /L
सूत्र को देखकर हम यह निष्कर्ष निकाल सकते है सकते है की चालक की प्रतिरोधकता का मान पदार्थ के प्रतिरोध , अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल , लम्बाई पर निर्भर करता है।
चालकता (Conductance)
प्रतिरोधकता के व्युत्क्रम को पदार्थ की चालकता कहते है चालकता का मात्रक Ω-1m-1 तथा इसकी विमा M-1L-3T3A2 होती है।