जब दोनों माध्यमों के अंतरापृष्ठों पर गोलीय सतह हो और इस गोलीय सतह पर अपवर्तन की घटना घटित हो।
इस गोलीय पृष्ठ के कारण अपवर्तन की घटना उन सभी नियमो की पालना करती है जैसा समतल सतह के कारण अपवर्तन की घटना में नियम कार्य करते है।
माना चित्रानुसार दो माध्यम है जिनके अपवर्तनांक को चित्र में μ1 तथा μ2 से दर्शाया गया है। इन दोनों माध्यमों के मध्य एक गोलीय पृष्ठ उपस्थित है जिसे चित्र में XY दे दिखाया गया है।
जब इस गोलीय पृष्ठ के मुख्य अक्ष पर कोई वस्तु O रखी जाती है तो वस्तु O से प्रकाश की किरण गोलीय पृष्ठ की तरफ चलती है तथा अपवर्तित हो जाती है और अपवर्तन के बाद बिन्दु I पर मिलती है अर्थात बिन्दु I पर वस्तु का प्रतिबिम्ब बनता है।
वस्तु O से आपतित किरण OA गोलीय सतह पर α कोण से आपतित होती है तथा r अपवर्तन कोण से यह प्रकाश किरण अपवर्तित होकर बिन्दु I पर मिलती है जिससे बिन्दु I पर वस्तु O का प्रतिबिम्ब बनता है।
यहाँ एक AM लम्ब डाला जाता है जिससे हमें निम्न कोण प्राप्त होते है
△AIC में
r + β = γ
अतः
r = γ – β
स्नेल नियम के अनुसार
माना बिन्दु M तथा P एक दूसरे के बहुत नजदीक स्थित है अर्थात दोनों के मध्य की दूरी को नगण्य मानकर दोनों बिन्दुओ को एक ही मानने पर
अब हम परिपाटी के अनुसार मान रखते है