प्रकाश विद्युत प्रभाव : जब किसी धातु की सतह पर उपयुक्त आवृत्ति वाला प्रकाश डाला जाता है तो धातु की सतह से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते है इसे प्रकाश विद्युत प्रभाव कहते है।
प्रयोग के परिणाम :
- धातु की सतह से प्रकाश पुंज के टकराते ही इलेक्ट्रॉन निकलते है , धातु की सतह से इलेक्ट्रॉन के निष्कासन और सतह पर प्रकाश पुंज के टकराने के बीच में कोई समयांतराल नहीं होता है।
- निष्कासित इलेक्ट्रॉन की संख्या प्रकाश की तीव्रता के समानुपाती होती है।
- प्रत्येक धातु के लिए एक अभिलाक्षनिक न्यूनतम आवृत्ति होती है जिसे देहली आवृत्ति (v0) कहते है इससे कम आवृत्ति पर प्रकाश विद्युत प्रभाव प्रदर्शित नहीं होता है।
- निष्कासित इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात की जाती है।
hv = hv0 + mV2/2
यहाँ h = प्लांक नियतांक है जिसका मान होता 6.62×10−34 J.s है।
v = आवृत्ति
v0 = देहली आवृत्ति
m = इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान
V = इलेक्ट्रॉन का वेग
समस्थानिक : वे तत्व जिनके परमाणु क्रमांक समान होते है लेकिन द्रव्यमान संख्या भिन्न भिन्न होती है , वे समस्थानिक कहलाते है।
उदाहरण : हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक होते है – प्रोटियम , ड्यूटीरियम और ट्राईटियम , इन तीनो तत्वों का परमाणु क्रमांक समान होता है।
समभारिक : वे तत्व जिनके परमाणु जिनके परमाणु द्रव्यमान संख्या तो समान होते है लेकिन परमाणु क्रमांक अलग अलग होते है उन्हें समभारिक कहते है।
उदाहरण : आर्गन और पोटेशियम के परमाणु द्रव्यमान 40 अर्थात समान होते है लेकिन परमाणु क्रमांक क्रमशः 18 और 19 होता है अर्थात भिन्न होते है इन्हें समस्थानिक कहा जाता है।
समन्यूट्रॉनिक : वे तत्व जिनके परमाणु क्रमांक और परमाणु द्रव्यमान संख्या , दोनों ही अलग अलग होती है लेकिन न्यूट्रॉन की संख्या समान होती है उन्हें समन्यूट्रॉनिक कहा जाता है।
उदाहरण : कार्बन , नाइट्रोजन और ऑक्सीजन , इन तीनो तत्वों के परमाणु क्रमांक और परमाणु द्रव्यमान तीनो भिन्न होते है लेकिन तीनो तत्वों में न्यूट्रॉन की संख्या समान होती है।
समइलेक्ट्रॉनिक : वे तत्व जिनमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है उन्हें समइलेक्ट्रॉनिक कहते है।
अपरमाण्विक : 20 वीं सदी में विभिन्न प्रकार के अपरमाण्विक कणों की खोज हुई जैसे : इलेक्ट्रॉन , प्रोटोन और न्यूट्रॉन आदि।
यहाँ h = प्लांक नियतांक है जिसका मान होता 6.62×10−34 J.s है।
v = आवृत्ति
v0 = देहली आवृत्ति
m = इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान
V = इलेक्ट्रॉन का वेग
समस्थानिक : वे तत्व जिनके परमाणु क्रमांक समान होते है लेकिन द्रव्यमान संख्या भिन्न भिन्न होती है , वे समस्थानिक कहलाते है।
उदाहरण : हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक होते है – प्रोटियम , ड्यूटीरियम और ट्राईटियम , इन तीनो तत्वों का परमाणु क्रमांक समान होता है।
समभारिक : वे तत्व जिनके परमाणु जिनके परमाणु द्रव्यमान संख्या तो समान होते है लेकिन परमाणु क्रमांक अलग अलग होते है उन्हें समभारिक कहते है।
उदाहरण : आर्गन और पोटेशियम के परमाणु द्रव्यमान 40 अर्थात समान होते है लेकिन परमाणु क्रमांक क्रमशः 18 और 19 होता है अर्थात भिन्न होते है इन्हें समस्थानिक कहा जाता है।
समन्यूट्रॉनिक : वे तत्व जिनके परमाणु क्रमांक और परमाणु द्रव्यमान संख्या , दोनों ही अलग अलग होती है लेकिन न्यूट्रॉन की संख्या समान होती है उन्हें समन्यूट्रॉनिक कहा जाता है।
उदाहरण : कार्बन , नाइट्रोजन और ऑक्सीजन , इन तीनो तत्वों के परमाणु क्रमांक और परमाणु द्रव्यमान तीनो भिन्न होते है लेकिन तीनो तत्वों में न्यूट्रॉन की संख्या समान होती है।
समइलेक्ट्रॉनिक : वे तत्व जिनमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है उन्हें समइलेक्ट्रॉनिक कहते है।
अपरमाण्विक : 20 वीं सदी में विभिन्न प्रकार के अपरमाण्विक कणों की खोज हुई जैसे : इलेक्ट्रॉन , प्रोटोन और न्यूट्रॉन आदि।
tags in english : photoelectric effect in hindi ?