ठोसों में चुंबकीय गुण अनुचुम्बकत्व, प्रति चुंबकत्व, लौह चुंबकत्व magnetic properties of solids in hindi

magnetic properties of solids in hindi ठोसों में चुंबकीय गुण क्या है ? paramagnetism (अनुचुम्बकत्व) , diamagnetism (प्रति चुंबकत्व) and ferromagnetism (लौह चुंबकत्व)

ठोसों में चुंबकीय गुण :

इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर दो प्रकार से गति करता है।

(1) कक्षीय गति

(2) चक्रीय गति

जब भी कोई ऋणावेशित कण नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाता है तो उसके चारो ओर एक चुंबकीय क्षेत्र का निर्माण हो जाता है जिससे इलेक्ट्रॉन नन्हे (छोटे) चुम्बक की भाँति व्यवहार करता है।  चुंबकीय गुणों को चुंबकीय आघूर्ण से व्यक्त करते है।  ठोस पदार्थों को बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर वे निम्न प्रकार व्यवहार दर्शाते है।

(अ) अनुचुंबकत्व (paramagnetism) :

  • ये बाह्य चुंबकीय क्षेत्र द्वारा दुर्बलता से आकर्षित होते है।
  • इनमे अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होते है।
  • चुंबकीय आघूर्ण का मान निश्चित होता है।
  • उदाहरण : Fe2+ , Cr3+ , Ni2+ , Oआदि।

(ब) प्रति चुंबकत्व  (diamagnetism) :

  • ये बाह्य चुंबकीय क्षेत्र द्वारा प्रतिकर्षित होते है।
  • इनमे सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होते है।
  • इनका चुंबकीय आघूर्ण शून्य होता है क्योंकि एक इलेक्ट्रॉन का चुंबकीय आघूर्ण दूसरे इलेक्ट्रॉन के चुंबकीय आघूर्ण को नष्ट कर देता है। (चक्रण की दिशा विपरीत होने के कारण )
  • उदाहरण : NaCl , C6H, H2O आदि।

(स) लौह चुंबकत्व (ferromagnetism) :

  • वे पदार्थ जो बाह्य चुंबकीय क्षेत्र द्वारा प्रबलता से आकर्षित होते है तथा चुंबकीय क्षेत्र हटा लेने के पश्चात स्वयं चुम्बक की भांति व्यवहार करते है उन्हें लौह चुम्बक पदार्थ कहते है।
  • लौह चुम्बकीय पदार्थो में धातु आयन छोटे छोटे खंडो में समूहित रहते है जिन्हे डोमेन कहते है। बाह्य चुंबकीय क्षेत्र की अनुपस्थिति में ये डोमेन अव्यवस्थित रहते है परन्तु चुंबकीय क्षेत्र की उपस्थिति में सभी डोमेन व्यवस्थित हो जाते है।  चुंबकीय क्षेत्र हटा लेने के पश्चात भी यह व्यवस्था बनी रहती है जिससे लौह चुंबकीय पदार्थो से स्थायी चुंबके बनायीं जाती है।
  • उदाहरण : Fe , CO , Ni , CrO2 आदि