(optical fiber in hindi) प्रकाशीय तन्तु क्या है , परिभाषा , प्रकाशीय तंतु का सिद्धांत , कार्य ऑप्टिकल फाइबर प्रकाशिक तंतु किसे कहते है ?
परिभाषा : एक बहुत ही बारीक या पतला तंतु जो प्लास्टिक या काँच का बना हुआ होता है और इसके द्वारा प्रकाशीय सिग्नल या सूचना को एक स्थान से दुसरे स्थान तक पहुँचाने के लिए किया जाता है।
अत: प्रकाशीय तंतु एक माध्यम है जो प्रकाशिक सिग्नल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक संचरण के लिए उपयोग किया जाता है।
प्रकाशीय तंतु के उपयोग
प्रकाशिक तन्तु- प्रकाश सरल रेखा में गमन करता है, लेकिन पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के सिद्धान्त का उपयोग कर इसे वक्रीय मार्ग पर चलाया जा सकता है। प्रकाशिक तन्तु पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के सिद्धान्त पर आधारित एक ऐसी युक्ति है, जिसके द्वारा प्रकाश सिग्नल को, इसकी तीव्रता मे बिना क्षय हुए, एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानान्तरित किया जा सकता है। प्रकाशित तन्तु क्वार्ट्स कांच के बहुत लम्बे तथा पतले हजारों रेशों से मिलकर बना होता है। प्रत्येक रेशे की मोटाई लगभग 10-4 सेमी. होती है। तन्तु के चारों ओर अपेक्षाकृत कम अपवर्तनांक के पदार्थ की पतली तह लगा दी जाती है। जब प्रकाश की किरण इस तन्तु के एक सिरे पर अल्प कोण बनाती हुई आपतित होती है, तो यह इसके अन्दर अपवर्तित हो जाती है। तन्तु के अन्दर यह किरण तन्तु तह के सीमा पृष्ठ पर क्रांतिक कोण से अधिक आपतन कोण पर आपतित होती है और पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के बाद इसके विपरीत सीमा पृष्ठ पर टकराती है। इस सीमा पृष्ठ पर किरण का आपतन कोण पुनः क्रांतिक कोण से बड़ा होता है, अतः किरण का पुनः पूर्ण आन्तरिक परावर्तन हो जाता है। इस प्रकार प्रकाश किरण बार-बार पूर्ण आन्तरिक परावर्तित होती हुई तन्तु के दूसरे सिरे पर पहुँच जाती हैं। तन्तु के दूसरे सिरे पर किरण वायु में अपवर्तित होकर अभिलंब से दूर हटती हुई निर्गत होती है।
प्रकाशिक तन्तु के उपयोग
– विद्युत संकेत को प्रकाश संकेत में बदलकर प्रेषित करने तथा अभिग्रहण करने में।
– शरीर के अन्दर लेसर किरणों को भेजने में।
– प्रकाश संकेतों के दूर संचार मे।
– मनुष्य के शरीर के आन्तरिक भागो के परीक्षण मे।