(analog and digital signals in hindi) एनालॉग और डिजिटल सिग्नल अंतर क्या है , अनुरूप एवं अंकीय संकेत : किसी सूचना को एक स्थान से दुसरे स्थान तक भेजना संचार व्यवस्था कहलाता है अर्थात जब दो व्यक्तियों में सूचना का आदान प्रदान हो रहा है तो इसका तात्पर्य है कि इनके मध्य संचार व्यवस्था संपन्न है।
संचार व्यवस्था में संकेत या सिग्नल को एक स्थान से दुसरे स्थान पर भेजा जाता है और सिग्नल में मूल सूचना विद्यमान रहती है।
सूचना के संचार के लिए परिवर्ती विद्युत संकेत (इलेक्ट्रिक सिग्नल) को भेजा जाता है , और इसके लिए हमें अपने मूल सूचना को इलेक्ट्रिक सिग्नल के रूप में बदलना पड़ता है और सूचना को इलेक्ट्रिक सिग्नल में परिवर्तित करने के बाद इसे ग्राही के पास भेजा जाता है तथा ग्राही सिरे पर इस इलेक्ट्रिक सिग्नल से मूल सूचना को प्राप्त किया जाता है।
याद रखे कि एनालॉग सिग्नल को अनुरूप संकेत कहते है और डिजिटल सिग्नल को हिंदी में अंकीय संकेत कहते है।
संचार व्यवस्था में संकेत या सिग्नल को एक स्थान से दुसरे स्थान पर भेजा जाता है और सिग्नल में मूल सूचना विद्यमान रहती है।
सूचना के संचार के लिए परिवर्ती विद्युत संकेत (इलेक्ट्रिक सिग्नल) को भेजा जाता है , और इसके लिए हमें अपने मूल सूचना को इलेक्ट्रिक सिग्नल के रूप में बदलना पड़ता है और सूचना को इलेक्ट्रिक सिग्नल में परिवर्तित करने के बाद इसे ग्राही के पास भेजा जाता है तथा ग्राही सिरे पर इस इलेक्ट्रिक सिग्नल से मूल सूचना को प्राप्त किया जाता है।
याद रखे कि एनालॉग सिग्नल को अनुरूप संकेत कहते है और डिजिटल सिग्नल को हिंदी में अंकीय संकेत कहते है।
1. अनुरूप संकेत या एनालॉग सिग्नल (analog signal)
जब किसी परिवर्ती संकेत में समय के साथ सतत परिवर्तन होता है अर्थात जब कोई वोल्टेज सिग्नल या धारा सिग्नल सतत परिवर्तित होता है तो इसे अनुरूप संकेत या डिजिटल सिग्नल कहते है। अर्थात अनुरूप संकेत में सूचना का संचरण विद्युत स्पंदनों के रूप में होता है।
सूचना स्रोत से अनुरूप संकेत उत्पन्न करने के लिए ट्रांसड्यूसर का उपयोग किया जाता है तो सूचना को अनुरूप संकेतों में परिवर्तित कर देता है , जैसे टेलेफोन पर ध्वनि के दाब के आधार पर ध्वनी सूचना को संगत वोल्टेज या धारा स्पंदनों के रूप में परिवर्तित कर दिया जाता है , टेलीफोन में ध्वनि सूचना को संगत वोल्टेज या धारा अनुरूप संकेतों में बदलने के लिए माइक्रोफोन ट्रांसड्यूसर का उपयोग किया जाता है।
जब एक संकेत दो अलग अलग आवृतियों की दो या दो से अधिक तरंगों से मिलकर बना होता है तो ऐसे संकेत को मिश्रित अनुरूप संकेत कहते है।
2. अंकीय संकेत या डिजिटल सिग्नल (digital signal)
जब कोई परिवर्ती संकेत असतत परिवर्तन होता है अर्थात इसमें वोल्टेज सिग्नल या धारा सिग्नल असतत रूप से परिवर्तित होता है इसलिए इसे अंकीय संकेत या डिजिटल सिग्नल कहते है।
अंकीय संकेत में केवल दो विविक्त मान संभव है इसलिए इस संकेत को द्विआधारीय संख्या अंक 0 और 1 के द्वारा व्यक्त किया जाता है।
अत: जब कोई सूचना बाइनरी फॉर्मेट अर्थात 1 और 0 के रूप में परिभाषित हो तो ऐसे सिग्नल को डिजिटल सिग्नल कहते है।