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प्रश्न 9 : तेल व जल का मिश्रण किस प्रकार का मिश्रण है ?
उत्तर : तेल और जल का मिश्रण एक प्रकार का विषमांगी मिश्रण होता है , यह एक प्रकार के कोलाइडी विलयन का उदाहरण है , अर्थात तेल और जल के मिश्रण को विषमांगी मिश्रण कहा जाता है जिसे हम कोलाइडी विलयन कहते है।
कोलाइडी विलयन में दो प्रावस्थाए होती है जिसे परिक्षेपण और परिक्षिप्त प्रावस्था कहा जाता है।
परिक्षिप्त प्रावस्था : किसी भी कोलाइडी विलयन में उपस्थित कोलाइड कणों को ही परिक्षिप्त प्रावस्था कहा जाता है अत: ये ठीक उसी प्रकार होते है जैसे किसी सामान्य विलयन में विलेय पदार्थ के कण घुले हुए रहते है अत: इन्हें विलेय की तरह माना जा सकता है।
परिक्षेपण माध्यम : कोलाइड कण जिस माध्यम में घुले हुए रहते है या कोलाइड कण जिस माध्यम में उपस्थित रहते है उस माध्यम को परिक्षेपण माध्यम कहा जाता है यह ठीक उसी प्रकार होता है जैसे किसी सामान्य विलयन में विलायक में विलेय पदार्थ घुला हुआ रहता है अत: परिक्षेपण माध्यम को विलायक की तरह माना जा सकता है क्यूंकि इसी परिक्षेपण माध्यम में ही कोलाइड कण उपस्थित रहते है।
जब किसी कोलाइडी विलयन में परिक्षेपण माध्यम और परिक्षिप्त प्रावस्था , दोनों ही द्रव अवस्था में होते है तो ऐसी विलयन को पायस या इमल्सन कहते है।
जब दो अमिश्रणीय द्रवों को आपस में मिलाया जाता है तो इस प्रकार बना पायस अस्थायी होता है अर्थात वे आपस में मिश्रित नहीं होते है , इसके लिए इस पायस में बाहर से कुछ पदार्थ मिलाया जाता है जो ऐसे पायस का स्थायित्व बढ़ा देते है ऐसे पदार्थो को पायसीकारक कहते है। ये पायसीकारक पदार्थ परिक्षिप्त प्रावस्था के कणों के चारो तरफ एक परत का निर्माण कर लेते है जो इन कणों को परिक्षेपण माध्यम में मिश्रित नहीं होने देती है जिससे पायस का स्थायित्व बढ़ जाता है।
अत: इमल्सन दो ऐसे द्रवों का निलंबन विलयन होता है जो आपस में घुलते नहीं है या मिश्रित नहीं होते है , उदाहरण : जल और तेल का विलयन।
उत्तर : तेल और जल का मिश्रण एक प्रकार का विषमांगी मिश्रण होता है , यह एक प्रकार के कोलाइडी विलयन का उदाहरण है , अर्थात तेल और जल के मिश्रण को विषमांगी मिश्रण कहा जाता है जिसे हम कोलाइडी विलयन कहते है।
कोलाइडी विलयन में दो प्रावस्थाए होती है जिसे परिक्षेपण और परिक्षिप्त प्रावस्था कहा जाता है।
परिक्षिप्त प्रावस्था : किसी भी कोलाइडी विलयन में उपस्थित कोलाइड कणों को ही परिक्षिप्त प्रावस्था कहा जाता है अत: ये ठीक उसी प्रकार होते है जैसे किसी सामान्य विलयन में विलेय पदार्थ के कण घुले हुए रहते है अत: इन्हें विलेय की तरह माना जा सकता है।
परिक्षेपण माध्यम : कोलाइड कण जिस माध्यम में घुले हुए रहते है या कोलाइड कण जिस माध्यम में उपस्थित रहते है उस माध्यम को परिक्षेपण माध्यम कहा जाता है यह ठीक उसी प्रकार होता है जैसे किसी सामान्य विलयन में विलायक में विलेय पदार्थ घुला हुआ रहता है अत: परिक्षेपण माध्यम को विलायक की तरह माना जा सकता है क्यूंकि इसी परिक्षेपण माध्यम में ही कोलाइड कण उपस्थित रहते है।
जब किसी कोलाइडी विलयन में परिक्षेपण माध्यम और परिक्षिप्त प्रावस्था , दोनों ही द्रव अवस्था में होते है तो ऐसी विलयन को पायस या इमल्सन कहते है।
जब दो अमिश्रणीय द्रवों को आपस में मिलाया जाता है तो इस प्रकार बना पायस अस्थायी होता है अर्थात वे आपस में मिश्रित नहीं होते है , इसके लिए इस पायस में बाहर से कुछ पदार्थ मिलाया जाता है जो ऐसे पायस का स्थायित्व बढ़ा देते है ऐसे पदार्थो को पायसीकारक कहते है। ये पायसीकारक पदार्थ परिक्षिप्त प्रावस्था के कणों के चारो तरफ एक परत का निर्माण कर लेते है जो इन कणों को परिक्षेपण माध्यम में मिश्रित नहीं होने देती है जिससे पायस का स्थायित्व बढ़ जाता है।
अत: इमल्सन दो ऐसे द्रवों का निलंबन विलयन होता है जो आपस में घुलते नहीं है या मिश्रित नहीं होते है , उदाहरण : जल और तेल का विलयन।
tags : oil and water mixture is which type of mixture ?