Nickel cadmium fuel cell Lead–acid battery in hindi सीसा संचायक , निकेल कैडमियम , ईंधन सेल
सीसा संचायक सेल :
इस सेल में Pb , Sb के बने दो इलेक्ट्रोड होते है इनमें से एक में स्पंजी लैड (Pb ) व दूसरे में PbO2 भरा होता है , इन्हे क्रमशः ऐनोड व कैथोड के नाम से जाना जाता है।
दोनों इलेक्ट्रोडो को 38% H2SO4 के विलयन में डुबो देते है इस प्रकार बने एक सेल से 2 वॉल्ट की विधुत प्राप्त होती है। यदि ऐसे 6 सेलों को श्रेणी क्रम में जोड़ दिया जाए तो 12 वोल्ट की विधुत प्राप्त होती है।
सेल में निम्न अभिक्रिया होती है।
ऐनोड पर सेल अभिक्रिया Pb + SO42- → PbSO4 + 2e–
कैथोड पर सेल अभिक्रिया PbO2 + 4H+ + SO42- + 2e– → PbSO4 + 2H2O
सेल अभिक्रिया Pb(s) + PbO2(s) + 4H+ + 2SO42- → 2PbSO4 + 2H2O
उपरोक्त अभिक्रिया से स्पष्ट है की जब सेल से विधुत प्राप्त करते है अर्थात सेल डिस्चार्ज होता है दोनों इलेक्ट्रोडो पर PbSO4 बनता हैं।
जब सेल को बाह्य विधुत स्रोत से जोड़ते है अर्थात सेल को आवेशित किया जाता है तो उपरोक्त अभिक्रिया विपरीत दिशा में होने लगती है।
2PbSO4 + 2H2O → Pb(s) + PbO2(s) + 4H+ + 2SO42-
निकेल कैडमियम सेल :
ये सेल महंगे होते है।
इसका उपयोग मोबाइल में किया जाता है।
इस सेल में निम्न अभिक्रिया होती हैं।
Cd (s) + 2Ni(OH)3 → CdO + 2Ni(OH)2 + H2O
ईंधन सेल :
इन सेलों में ईंधन की रासायनिक ऊर्जा को सीधे ही विधुत ऊर्जा में बदला जाता है। ईंधन के रूप में H2 , CH4 , C2H6 , C3H8 आदि काम में लेते हैं।
H2-O2 ईंधन सेल :
इस सेल में कार्बन सरंध्र दो इलेक्ट्रोड होते है जिन पर Pt का लेप लगा होता है। दोनों इलेक्ट्रोडो के मध्य KOH का तनु विलयन भरा होता है। इसे आयताकार पात्र में बंद कर देते है। ऐनोड पर H2 गैस तथा कैथोड पर O2 गैस प्रवाहित करते है।
सेल में निम्न अभिक्रिया होती है।
एनोड पर
कैथोड पर H2 → 2H+ + 2e–
2H+ + 2OH– → -2H2O
H2 + 2OH– → 2H2O + 2e– समीकरण 1
एनोड पर
O2 + 2H2O + 4e– → 4OH– समीकरण 2
समीकरण 1 को 2 से गुणा कर समीकरण 1 व समीकरण 2 को जोड़ने पर।
2H2 + 4OH– → 4H2O + 4e–
O2 + 2H2O + 4e– → 4OH–
= 2H2(g) + O2(g) → 2H2O (l)