natural gas reserves in india are located in hindi प्राकृतिक गैस उत्पादक राज्य कौन कौनसे है ? प्राकृतिक गैस कहां पाई जाती है ?
प्राकृतिक गैस (Natural Gas)
प्राकृतिक गैस हमारे आधुनिक जीवन में बड़ी तेजी से एक महत्वपूर्ण ईंधन बनता जा रहा है। इसका प्रयोग विभिन्न उद्योगों में चालक शक्ति के रूप में किया जाता है। कुछ गैस विद्युत उत्पादन के लिए भी प्रयोग की जाती है। आजकल बड़े पैमाने पर इसका प्रयोग घरों में खाना पकाने के लिए किया जाने लगा है। प्राकतिक गैस सामान्यतः तेल के कुंओं से प्राप्त होती है। जब कभी तेल के लिए कुआँ खोदा जाता है तो तेल से पहले गैस प्राप्त होती है क्योंकि तेल की अपेक्षा गैस हल्की होती है। देश में गैस का उत्पादन सन् 1994-95 में 17339 मिलियन घन मीटर था, जो 2008-09 में बढ़कर 33682 मिलियन घन मीटर हो गया।
1985 के बाद देश में गैस की खोज में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है। 1988-89 में कावेरी अपतटीय क्षेत्र, खम्भात की खाड़ी में नन्दा तथा राजस्थान के जैसलमेर क्षेत्र में गैस की महत्वपूर्ण खोजें की गईं। सितंबर 1988 में दक्षिण बसीन में गैस का उत्पादन आरंभ हो गया था। 1989-90 में तमिलनाडु, गुजरात, असम, आंध्र प्रदेश, कच्छ तथा मुंबई अपतटीय क्षेत्र में गैस/तेल की खोज की गई। 1997 में अंडमान क्षेत्र में 1700 अरब घन फुट गैस का पता लगाया गया। यह आने वाले 30 वर्षों में देश की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। 2002 में रिलांयस कम्पनी ने कृष्णा-गोदावरी अपतटीय बेसिन में देश के अब तक के बड़े गैस भंडारों की खोज की। यहाँ 14 खरब घन फुट गैस होने का अनुमान है। गैस का यह क्षेत्र विशाखापट्टनम् से 200 किमी. दूर समुद्र में स्थित है और 200,000 वर्ग किमी क्षेत्र पर विस्तृत है। 2003 में राजस्थान के बाड़मेर क्षेत्र में तेल के साथ-साथ स की भी खोज की गई। यहाँ से प्रतिदिन 7.3 मिलियन घन फुट स प्राप्त होने का अनुमान है। 2004 में रिलायंस कम्पनी ने उड़ीसा के तट पर गैस की खोज की। यहाँ 5 खरब घन फुट गैस होने का अनुमान । 2005 मे ओएनजीसी ने कृष्णा-गोदावरी के उथले जल में गैस दृढ निकाली यह अमालपुरम् तट से 12 किमी. की दूरी पर है।
तालिका 2.24 से विदित होता है कि मुबई हाई भारत का सबसे बड़ा उत्पादक है और देश की लगभग तीन-चैथाई प्राकृतिक गैस पैदा करता है। गुजरात से देश की 11.8 प्रतिशत गैस प्राप्त होती है। शेष गैस असम, आध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान तथा अरुणाचल प्रदेश से प्राप्त होती है।
गैस के बढ़ते हुए महत्व को देखते हुए गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) का गठन अगस्त 1984 में किया गया । इसका तुरन्त कार्य (IIB) ) गैस पाइप लाइन का निर्माण करना था। इस समय गैस के प्रक्रमण, परिवहन तथा वितरण की दृष्टि से गेल भारत की सबसे बड़ी कम्पनी है। इस कम्पनी के पास 5200 किमी. लम्बी पाइप लाइनें हैं और यह बिजली उत्पादन केन्द्रों को प्रतिदिन 62.6 मिलियन मीट्रिक स्टैन्डर्ड घन मीटर गैस उपलब्ध कराती है, जिससे 5500 मैगावाट बिजली उत्पन्न होती है। इसके अतिरिक्त यह कम्पनी उर्वरक उत्पादक केन्द्रों को भी गैस उपलब्ध कराती है। गेल ने दिल्ली, मुंबई तथा अन्य नगरों में गैस पहुंचाने के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
यद्यपि भारत ने गैस की खोज तथा उत्पादन की दिशा में उल्लेखनीय उन्नति की है तथापि हमारी मांग हमारे उत्पादन से सदा ही अधिक रही है। मांग तथा आपूर्ति के अन्तर को कम करने के लिए बड़ी मात्रा में गैस का आयात किया जाता है। इस दिशा में भारत सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ईरान तथा पाकिस्तान के साथ 7600 किमी. लम्बी पाइप लाइन के निर्माण के लिए बातचीत चल रही है। यदि यह योजना सफल हो जाती है तो तीनों देशों को लाभ होगा।