मोक्ष किसे कहते हैं | मोक्ष की प्राप्ति की परिभाषा क्या है अर्थ और मलतब बताइए moksha in hindi meaning

moksha in hindi meaning and definition मोक्ष किसे कहते हैं | मोक्ष की प्राप्ति की परिभाषा क्या है अर्थ और मलतब बताइए ?

मोक्ष (Moksha)
मोक्ष (पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति) की अवधारणा का गहरा संबंध कर्म और फिर धर्म से है। यह निरंतर अच्छे कर्मों का ही फल होता है कि मनुष्य को जन्म, मृत्यु और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति मिलती है, और अंत में उसका संपर्क ब्रह्म से हो जाता है। हिन्दू धर्मशास्त्र मोक्ष की प्राप्ति के विषय पर व्यापक रूप से केंद्रित है। मोक्ष की प्राप्ति गहन ज्ञान, अच्छे कर्म और परमेश्वर के प्रति अनुराग और मुक्ति के माध्यम से की जा सकती है। ज्ञान की प्राप्ति के लिए व्यक्ति को इस संसार का त्याग करके एक साधु का जीवन जीना होता है। लेकिन मोक्ष प्राप्त करने के इस उपाय को बहुत कम लोग अपनाते थे। यहाँ यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण होगा कि भगवद् गीता ने मोक्ष प्राप्त करने की एक नयी दिशा दी है।

भगवद् गीता ने कर्म और भक्ति पर बल देकर मोक्ष को ष्सांसारिक मनुष्य की पहुँच के अंदर कर दिया है जिनमें स्त्रियाँ और निम्न जातियाँ भी शामिल हैं। लेकिन, भक्ति का सबसे लोकप्रिय रूप परंपरा के अनुसार व्यक्ति विशेषकर अपने इष्ट देव की उपासना करना है। पिछले सौ वर्षों में गांधी और तिलक जैसे भारतीय राजनेताओं ने भगवद गीता की व्याख्या करके परोपकारी कर्म को समर्पित जीवन का आधार प्रदान किया। (श्रीनिवास और शाह, 1872ः359)।

बोध प्रश्न 1
सही उत्तर पर () का निशान लगाइए।
प) हिन्दू धर्म
1) तमाम महान धर्मों में सबसे नया धर्म है।
2) तमाम महान धर्मों में दूसरा सबसे पुराना धर्म है।
3) का उदय चैथी शताब्दी ई.पू. में हुआ।
4) तमाम महान धर्मों में सबसे पुराना धर्म है।
पप) धर्म किस सिद्धांत पर आधारित एवं व्यवस्थित विश्व की धारणा का आधार-प्रदान करता है?
1) ब्रह्मांडीय
2) नैतिक
3) सामाजिक और वैधानिक
4) उपर्युक्त सभी
पपप) निम्नलिखित में से कौन-सा संप्रदाय ईश्वरवादी हिन्दू धर्म का संप्रदाय नहीं है?
1) वैष्णव संप्रदाय
2) शैव संप्रदाय
3) शक्ति संप्रदाय
4) उपर्युक्त में से कोई नहीं

बोध प्रश्न 1 उत्तर
प) 4)
पप) 4)
पपप) 4)

 शब्दावली
परोपकार (Altruism) ः दूसरों के कल्याण की स्वार्थरहित चिंता ।
आश्रम (Ashrama) ः हिन्दू धर्म में जीवन के चार सुनिश्चित चरण हैं। ये हैं: ब्रह्मचर्य (युवाओं के लिए), गृहस्थ (वयस्कों के लिए), वानप्रस्थ (अधेड़ों के लिए) और संन्यास (वृद्धों के लिए)।
केस अध्ययन (Case Study) ः ऐसी समाजशास्त्रीय विधि जिसमें विशिष्ट उदाहरणों का प्रयोग करते हुए आंकड़ों का विश्लेषण और उनकी प्रस्तुति की जाती है।
भक्तिवाद (Bhaktism) ः भक्ति की धार्मिक विचारधारा ।
गोत्र (Gotra) ः समान पूर्वज वाला कोई समूह, परिवार या वंश, जिसमें अंतर्विवाह नहीं होते।
संस्कार (Ritual) ः किसी विशिष्ट उद्देश्य या धार्मिक लक्ष्य के प्रति निदेशित क्रियाओं की सुव्यवस्थित और दोहराई जाने वाली पद्धति।
स्त्रीधन (Stridhan) ः विवाह के समय स्त्रियों को दी जाने वाली चल संपत्ति।
वर्ण (Varna) ः हिन्दू धर्म में व्यापक स्तर पर आरोपित प्रस्थिति समूह। हिन्दू धर्म में चार वर्ण हैंः बाह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र।