Mineral in hindi in biology , खनिज लवण किसे कहते है ? पोषक तत्व खनिज लवण क्या है meaning in english ?
पोषक तत्वों की कमी से होने वाले पोषण सम्बंधित विकार या रोग –
न्यूनता का नाम | न्यून पोषक | लक्षण |
माइक्रोसाइटिक एनीमिया | Fe | आरबीसी की संख्या , आकार और हिमोग्लोबिन घटक कम हो जाता है | |
मिगेलोब्लास्टिक एनीमिया | फोलिक एसिड और विटामिन B12 | रक्त में बड़ी , अपरिपक्व और केन्द्रक युक्त आरबीसी की उपस्थिति |
पर्निसियस एनीमिया | विटामिन B12 | हिमोग्लोबिन रहित , बड़ी अपरिपक्व केंद्र युक्त आरबीसी यदि B12 इंजेक्शन उपचारित नहीं किया तो घातक हो सकती है | |
जिरोप्थेलमिया | विटामिन A | मोटा , किरेटीनकृत , opaque अल्सर युक्त कोर्निया |
भारत में मुख्यतः बच्चो में अन्धता का प्रमुख कारक |
रतौंधी | विटामिन A | रेटिना की श्लाका कोशिकाओं में रोडोप्सीन की कमी , इसलिए कम प्रकाश में दिखाई नहीं देता | |
रिकेट्स (बच्चो में) | विटामिन D | कमजोर , Ca और P के कम जमाव के कारण मुलायम पतली अस्थि कोहनी , घुटने , कलाई में दर्दयुक्त सुजन |
ओस्टियोमलेशिया (वयस्कों में) | विटामिन D | कशेरुक दण्ड की हड्डी कमजोर हो जाती है , शरीर वजन द्वारा विकृत और मुड़ जाती है | |
बेरी बेरी | विटामिन B1 (थायमिन) | कार्बोहाइड्रेट का ऑक्सी मेटाबोलिज्म कम हो जाता है , इसलिए परिधीय तंत्रिकाओं में सुजन आ जाती है जिससे दर्द , कमजोरी और पाद पेशियों का लकवा हो जाता है | |
स्कर्वी | विटामिन C | दीवारों में दोषपूर्ण कोलेजन के कारण रक्तवाहिनी Fragile , मसूडो से रक्त बहना , दाँतो का गिरना , भंगुर अस्थि , घाव देरी से भरना , तीव्र चोट में विटामिन C की आवश्यकता होती है | |
Bleeding disease | विटामिन K | रक्त स्कंदन में देरी , इसलिए प्रचुर रक्त बहता है | |
मेरास्मस | प्रोटीन और कैलोरी
प्रोटीन एनर्जी malnutrition |
उत्तक प्रोटीन की वृद्धि और प्रतिस्थापन अव्यवस्थित जिससे शरीर कमजोर पतले पाद और पसलियाँ मोटी हो जाती है |
पसलियाँ शुष्क पतली रक्त युक्त त्वचा , डायरिया |
क्वाशिओरकोर | प्रोटीन | पेशीय हांस , शरीर और मस्तिष्क की वृद्धि retarded , एडिमा , डायरिया |
पेलेग्रा | निकोटिनेमाइड | होठ पर सुजन , हाथ और पैरो की मोटी वर्णयुक्त त्वचा |
किलोसिस | विटामिन B | मुँह के किनारों का फटना और सूजन |
खनिज लवण
- कॉपर: शरीर के सभी उत्तकों में उपस्थित रहता है। उच्चतम मात्रा में मस्तिष्क , ह्रदय और वृक्क में। कमी से एनीमिया हो जाता है। यकृत में अधिकतम जमाव से वील्सन रोग हो जाता है।
- आयोडीन: थायरोक्सिन और थायराइड ग्रंथि के अन्य यौगिक जो आयोडीन युक्त होते है। इनमे I2महत्वपूर्ण घटक के रूप में होता है और महत्वपूर्ण कार्यिकी कार्य करते है। थायरॉक्सिन की अनुपस्थिति में ऊर्जा उपापचय नही हो पाता।
थायरॉक्सिन सामान्य वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक है। थायरॉक्सिन के कम स्त्रावण से वृद्धि रुक जाती है।
- सल्फर: यह सल्फर युक्त एमीनो एसिड जैसे सिस्टाइन और मिथियोनिन में पाया जाता है। यह लार , पित्त और इन्सुलिन में पाया जाता है परन्तु ये सिस्टीन और मिथियोनिन की सहायता से शरीर में निर्मित होते है।
खनिज तत्व (mineral nutrition )
खनिज तत्व जो प्राणी शरीर में आवश्यक कार्य अभिव्यक्त करते है।
- कैल्शियम (Ca): शरीर संरचना जैसे अस्थि के निर्माण में सहायक होता है। सीरम कैल्शियम सामान्य स्तर पर पैराथायरॉइड द्वारा नियंत्रित किया जाता है। कुछ एंजाइम जैसे लाइपेज ATP ase आदि के सक्रीयकरण के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। Ca2+रक्त स्कंदन के लिए आवश्यक होता है।
- फास्फोरस (P): कोशिकीय कार्यो में कार्बनिक फास्फेट उपयोग होता है। फास्फोरस युक्त उच्च ऊर्जा यौगिक ATP सभी कोशिकीय क्रियाओं को ऊर्जा आपूर्ति करते है। फास्फोलिपिड कोशिकीय झिल्लियो को पारगम्यता प्रदान करता है।
- मैग्नीशियम (Mg): सभी एंजाइम अभिक्रियाओं में थायमीन पायरोफास्फेट (TPP) की आवश्यकता होती है और वसा और प्रोटीन उपापचय की विभिन्न क्रियाओं में Mg2+की आवश्यकता होती है। Mg की कमी से डायरिया हो जाता है और अत्यधिक उल्टी होती है।
- सोडियम (Na): कोशिका झिल्ली को पार करने में सक्षम होता है। तंत्रिका चालन और पेशीय संकुचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एल्डोस्टेरोन एक हार्मोन है जो कि वृक्क नलिकाओं से Na+के पुनः अवशोषण के लिए जिम्मेदार होता है। यह हार्मोन एड्रिनल कोर्टेक्स से निकलता है।
- पोटेशियम (K): कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन मेटाबोलिज्म में और ग्लाइकोजन निर्माण में और ग्लूकोज के विघटन में आवश्यक होता है।
- क्लोराइड (Cl): यह बाह्यकोशिकीय द्रव का मुख्य ऋणायन है। इसका ज्यादातर भाग NaCl के रूप में पाया जाता है। सीरम और इलेक्ट्रोलाइट के मध्य क्लोराइड स्थानान्तरण क्लोरिन शिफ्ट कहलाता है। और यह समस्थापन क्रियाविधि का उदाहरण है जिसके द्वारा रक्त की pH नियमित रखी जाती है। Cl–HCl का घटक है। जो कि लार के एमाइलेज को निष्क्रिय करता है।
- आयरन (Fe): श्वसन वर्णक हीमोग्लोबिन का घटक है। हीम अणु सायटोक्रोम का घटक है कुछ आयरन पेशियों के मायोग्लोबिन यौगिक में पाया जाता है। आयरन घटक कुछ हरी पत्तियों में अच्छा होता है और माँस में भी उपस्थित होता है।
- जिंक (Zn): श्वसनी एंजाइम , आरबीसी में उपस्थित कार्बोनिक एनहाइड्रेज जिंक युक्त होते है।
- कोबाल्ट (Co): यह विटामिन B12के भाग के रूप में पाया जाता है। यह रुमेन में संश्लेषित बैक्टीरिया की सहायता से संश्लेषित होता है। कोबाल्ट RBC’s निर्माण में आवश्यक होता है।