Miller Theorem in hindi definition statement मिलर प्रमेय क्या है किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र

जाने Miller Theorem in hindi definition statement मिलर प्रमेय क्या है किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र ?

अधिकतम शक्ति संचरण प्रमेय (Maximum Power Transfer Theorem
इस प्रमेय के अनुसार, जब किसी परिपथ में लोड प्रतिबाधा तथा स्रोत की आन्तरिक प्रतिबाधा परस्पर संयुग्मी (conjugate) होते हैं तो स्त्रोत से लोड को संचरित शक्ति का मान अधिकतम् होता है। व्युत्पत्ति (Proof)-
व्यापक रूप देने के लिए एक जनित्र के स्थान पर एक द्वि- टर्मिनल रेखीय (linear) सक्रिय जाल की कल्पना कीजिये जिसके निर्गम टर्मिनलों से कोई लोड प्रतिबाधा ZL जुड़ी है, जैसा कि चित्र (1.8-24 ) में प्रदर्शित है। सक्रिय जाल को थेवेनिन प्रमेय के अनुसार प्रभावी वि.वा. बल Eeq के स्रोत व श्रेणी क्रम में प्रतिबाधा Zeq से प्रतिस्थापित किया गया है।
मान लीजिये प्रतिबाधा Zeq प्रतिरोध Req तथा प्रतिघात Xeq के योग के तुल्य
अर्थात्Zeq = Req + jXeq
इसी प्रकार लोड की प्रतिबाधा ZL होगीZL = RL + jXL
चित्र (1.8-24)
हमें यह सिद्ध करना है अधिकतम शक्ति संचरण की अवस्था में Zeq तथा ZL एक दूसरे के संयुग्मी है।
अर्थात्
ZL = Req – jXeq
माना जाल में धारा I प्रवाहित हो रही है तो

Req तथा RL के किसी मान के लिये संचरित शक्ति का मान अधिकतम तभी होगा जब कि (Xeq + XL)2 = 0
हो अर्थात्
या
Xeq + XL = 0

XL = -Xeq

अत: XL , Xeq का संयुग्मी होना चाहिये। दूसरे शब्दों में यदि Xeq प्रेरकत्वीय ( inductive) है तो XL धारतीय (capacitive) होना चाहिये जिससे परिपथ का कुल प्रतिघात ( reactance) का मान शून्य हो जाये। समीकरण (6) का मान समीकरण (5) में रखने पर

यदि Req को नियत रखकर RL के मान को परिवर्तित किया जाये तो अधिकतम शक्ति संचरण के लिये

Req – RL = 0

Req = RL

समीकरण (6) तथा (9) का मान समीकरण (2) में रखने पर

ZL = RL + jZL = Req – jXeq

अर्थात् अधिकतम् शक्ति संचरण की अवस्था के लिये Zeq तथा ZL परस्पर संयुग्म होने चाहिये।
(i) उपप्रमेव (Corollary) –
यदि प्रतिबाधा ZL के कोण को परिवर्तित न करके केवल उसके परिमाण (absolute magnitude)
को परिवर्तित किया जाये तो अधिकतम शक्ति संचरण की अवस्था में ZL का परिमाण Zeq के परमाण के होगा। अर्थात्
(1.8-24) में यदि ZL के कोण को परिवर्तित नहीं किया जाता है अर्थात् प्रतिपात तथा प्रतिरोध RL का अनुपात नियत रहता है तो इस स्थिति में Z को लिखा जा सकता है-

अधिकतम शक्ति संचरण की स्थिति में चित्र (18-24) का परिचय निम्न चित्र 18-25) में प्रदर्शित परिपथ में रूपान्तरित हो जाता है।
इस स्थिति में कुल प्रतिरोध = Req + jXeq + Req – jXeq = 2Req

समी. (15) तथा (16) से ज्ञात होता है जनित्र में शक्ति हानि का मान लोड को दी गयी शक्ति के बराबर होता है। अतः अधिकतम संचरित शक्ति दक्षता केवल 50% होती है।
उदाहरण-किसी 20 V वोल्टता के जनित्र की प्रतिबाधा (1.5 + j1) Ω है। उसे किसी लोड से जोड़ा गया है लोड के किस मान के लिये अधिकतम शक्ति संचरित होगी, संचरित अधिकतम शक्ति का मान क्या होगा? A generator of 20 V has an impedance (1.5 + j1) Ω It is connected to a load. For which value of load maximum power will be transferred and what will be the value of maximum power transferred?
हल-अधिकतम शक्ति संचरित होने के लिए Zeq
तथा ZL परस्पर संयुग्मी होने चाहिये ।
Zeq = (1.5 + j 1)
अतः अधिकतम शक्ति संचरण के लिये ZL का मान
(1.5 – j1) Ω होना चाहिये ।

 मिलर प्रमेय ( Miller Theorem)

किसी चर्तुटर्मिनल जाल (जिसका वोल्टता प्रवर्धक गुणांक A है ) के निवेशी व निर्गम पोर्ट (Port) के मध्य प्रतिबाधा Z/1-A है तो यह प्रतिबाधा निवेशी प्रतिरोध AZ/A-1 है । इस प्रभाव को मिलर प्रभाव ( Miller effect) कहते हैं।

व्युत्पत्ति (Proof) – सामान्य रैखिक जाल के लिए
V2 = AV1
वोल्टता स्रोत V1 से प्रतिबाधा Z की ओर जाने वाली धारा का मान

उदाहरण-एक उभयनिष्ठ उत्सर्जक प्रवर्धक की लब्धि (gain) A = -50 है तथा आधार – उत्सर्जक धारि Cbe = 50pF है। इसके आधार एवं संग्राहक के मध्य Cbc =5pF वाले धारिता का संयोजन करते हैं। प्रवर्धन के निवेश तथा निर्गम पर प्रभावी धारिता की गणना करो।
The gain of a common emitter amplifier is A = – 50 and the base-emitter capacitance is C♭e = 50pF . A capacitor of capacity Cbe = 5pF is connected between the base and collector Determine the effective capacitance at the input and output of the amplifier.
हल – मिलर प्रमेय के उपयोग से निवेश प्रतिबाधा

 

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