micro and macro nutrients in hindi वृहद एवं सूक्ष्म पोषक तत्व क्या है , मैक्रो पोषक तत्वों और सूक्ष्म पोषक तत्वों के बीच अंतर समझाए।

जाने micro and macro nutrients in hindi in plants वृहद एवं सूक्ष्म पोषक तत्व क्या है , मैक्रो पोषक तत्वों और सूक्ष्म पोषक तत्वों के बीच अंतर समझाए।

खनिजों की अनिवार्यता का आधार (Basis for the essentiality of minerals)

पादप भस्म के नवीन तकनीक द्वारा विश्लेषण में अनेक खनिज तत्वों (लगभग 30) की उपस्थिति पाई गई है। अनेक ऊतकों में 60 तक खनिज तत्व पाये गये हैं। ऊतकों में मात्र उनकी उपस्थिति पादप के लिए उनकी अनिवार्यता नहीं दर्शाती, उनमें से कुछ ही पादप वृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं।

किसी तत्व की पादप के लिए अनिवार्यता सिद्ध करने के लिए आर्नन एवं स्टाउट (Amon & Stout, 1939) ने 3 मुख्य आधार बताये :-

  1. वह विशिष्ट तत्व पादप की कायिक एवं लैंगिक वृद्धि तथा जीवन चक्र पूरा करने के लिए आवश्यक होता

अनुपस्थिति से इस प्रक्रिया में ब

  1. उस तत्व के कारण न्यूनता के लक्षण उस के लिए विशिष्ट होते हैं तथा ये लक्षण उस तत्व की आपूर्ति करने पर ठीक हो जाते हैं तथा कोई अन्य तत्व उसे विस्थापित नहीं करना चाहिये ।
  2. विशिष्ट तत्व का पादप पोषण व उपापचय में प्रत्यक्ष उपयोग होना चाहिये तथा यह प्रभाव किसी अन्य के साथ अन्योन्य क्रिया के माध्यम से नहीं होना चाहिये।

ये तीनों आधार तथाकथित बृहत पोषक तत्वों (macro futrient elements) के लिए तो ठीक हैं परन्तु सूक्ष्म पोषक तत्वों (micro nutrients) के लिए यह सिद्ध करना अत्यंत कठिन है। अनेक तत्वों की अतिसूक्ष्म मात्रा वांछनीय होती है जो कभी-कभी किसी अन्य पोषक तत्व के लवण में अशुद्धता के रूप में भी पाई जा सकती है।

अनेक पादप कार्यिकी विशेषज्ञों के अनुसार इन में से पहले आधार को ही लिया जाना चाहिये तथा पादप उपापचय में इस की उपयोगिता के आधार पर ही उस तत्व को अनिवार्य मान लिया जाना चाहिये। कुछ अन्य (निकोलस Nicholas 1961) के अनुसार अनिवार्य तत्व के स्थान पर उपापचयी तत्व (metabolic elements) कहा जा सकता है, जिससे तात्पर्य है कि वह तत्व उपापचयी क्रियाओं में सक्रिय है, इस की अनिवार्यता आवश्यक नहीं है। उदाहरण के तौर पर क्लोरीन अनेक उपापचयी क्रियाओं में भाग लेती है परन्तु ब्रोमीन भी इसका कार्य कर सकता है।

  1. अनिवार्य वृहत्त एवं सूक्ष्म पोषक तत्व (Essential macro and micro nutrients)

वर्तमान में 16 तत्व अनिवार्य तत्व माने जाते हैं। इनमें से कार्बन, हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन के अतिरिक्त सभी खनिज तत्व होते हैं। कार्बन, हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन मृदा से जल एवं वायुमण्डल से ग्रहण किये जाते हैं। ये तीनों तत्व सभी कार्बनिक पदार्थ तथा प्रोटीन एवं विभिन्न विकर, लिपिड, कार्बोहाइड्रेट, हार्मोन, न्यूक्लिक अम्ल एवं अन्य कार्बनिक अम्ल आदि के मुख्य घटक हैं अतः जीवद्रव्य का मुख्य घटक हैं। इसके अतिरिक्त हाइड्रोजन H+ आयन के रूप में कोशिका में pH को प्रभावित करता है, लवणों के अवशोषण में तथा श्वसन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। सामान्यतः इन तत्वों की कमी नहीं होती किंतु इनकी कमी से पादप की वृद्धि संदमित हो जाती है। खनिज तत्वों में से पोटाशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम (K+, Ca+, Mg++) एवं नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं सल्फर (NO3 H2PO4 एवं SO4 के रूप में) एवं सिलिकॉन (Si) बृहतपोषक (macro nutrient) तत्व माने जाते हैं जबकि बोरॉन, क्लोरीन, कॉपर इत्यादि सूक्ष्म पोषक (micro nutrient) तत्व माने जाते हैं। कुछ वैज्ञानिक इनके अतिरिक्त सिलिकान (Si) को बृहत पोषक एवं सोडियम (Na) तथा निकिल को सूक्ष्मपोषक तत्वों में समाहित करते हैं। निम्न में इनकी आवश्यकता होती है।

  1. कार्बनिक पदार्थों एवं संरचनात्मक घटक के रूप में (As structural components)

N विभिन्न अमिनो अम्ल, एमाइड, प्रोटीन, न्यूक्लिक अम्ल, कोएन्जाइम इत्यादि के घटक ।

S सल्फर युक्त अमिनो अम्ल एवं प्रोटीन, कोएन्जाइम A, विटामिन इत्यादि के घटक ।

P न्यूक्लिक अम्ल, कोएन्जाइम, फास्फोलिपिड, इत्यादि में घटक के रूप में।

B कोशिका दीर्घीकरण एवं न्यूक्लिक अम्ल उपापचय में, कोशिका भित्ति के कुछ घटकों में उपस्थित, मैनीटोल (mannitol) इत्यादि के साथ संयुग्मित (complexed) अवस्था में Mg क्लोरोफिल के घटक रूप में।

Ca कोशिका भित्ति में मध्यपटलिका (middle lamella) में ।

  1. ऊर्जा स्थानांतरण (Energy transfer)

P सभी ऊर्जा स्थानांतरण क्रियाएं जहां ATP का उपयोग होता है।

  1. इलैक्ट्रान स्थानांतरण में तथा विभिन्न एन्ज़ाइम घटक के रूप में

Fe सायटोक्रोम, प्रकाश संश्लेषण, श्वसन, N2 यौगिकीकरण में उपयोगी हीमरहित प्रोटीन में।

Cu टायरोसिनेज (Tyrosinase), सायटोक्रोम ऑक्सीडेज (Cytochrome oxidase), फीनोलेज (Phenolase), प्लास्टोसायनिन (Plastocyanin) के घटक के रूप में।

Mo नाइट्रोजिनेज (Nitrogenase), नाइट्रेट रिडक्टेस (Nitrate reductase) में।

Ni हाइड्रोजिनेज (Hydrogenase) एवं नाइट्रोजन यौगिककारी जीवाणुओं में।

Zn एल्कोहल डिहाइड्रोजिनेज (Alcohol dehydrogenase), ग्लूटेमिक डिहाइड्रोजिनेज (Glutamic dehydrogenase) के घटक के रूप में।

  1. कोशिका का परासरण एवं स्फीति दाब

K कोशिका का स्फीति दाब बनाने एवं कोशिका के इलैक्ट्रोउदासीनीकरण (electroneutralization) में।

  1. विभिन्न उपापचयी अभिक्रियाओं (metabolic reactions) में

K लगभग 40 एन्जाइम के साथ सहकारक के रूप में।

Na कुछ कार्यों में K+ के स्थान पर कार्यरत, वे C4, CAM पादपों में फास्फोइनोलपाइरवेट के पुनः प्राप्ति (regenera tion) के लिए।

Ca फास्फोलिपिड एवं ATP जलापघटन में सहकारक, उपापचयी नियंत्रण के दूत ( messenger) के रूप में।

Mg फास्फेट स्थानांतरण संबंधी एन्जाइम के साथ ।

Mn विभिन्न धनायन द्वारा सक्रियित (activated) विभिन्न एन्जाइम जैसे कुछ डिकार्बोक्सीलेज (decarboxylase), काइनेज • (kinase), आक्सीडेज (oxidase), परॉक्सीडेज (peroxidase) इत्यादि के लिए आवश्यक ।

CI, O2 मोचन से संबंधित प्रकाशसंश्लेषी क्रिया में ।

  1. आविषकारी प्रभाव (Toxic effect)

Cu As, Hg आयन अवस्था में जीव द्रव्य पर विषकारी प्रभाव

  1. विरोधी प्रभाव (Antagonistic effect)

Si की उपस्थिति में Mn उच्च सांद्रता (300-400 ppm) में आविषालु (toxic) नहीं होता। निकल को सूक्ष्म पोषक तत्वों में समाहित किया गया है।

पादप में विभिन्न खनिज तत्वों की उपयोगिता (Role of various mineral elements in plants)

पादप में विभिन्न खनिज तत्वों की आवश्यक मात्रा के आधार पर विभेदित वृहत पोषक तत्व एवं सूक्ष्म पोषक तत्व विभिन्न ‘उपापचयी क्रियाओं में भाग लेते हैं। कुछ पादप संरचना के मुख्य घटक हैं। कुछ विभिन्न अभिक्रियाओं में उत्प्रेरक का कार्य करते हैं अथवा एन्जाइमों का सक्रियण करते हैं अथवा अन्य प्रकार से पादप उपापचयी क्रियाओं में सहयोग करते हैं। इनमें से कुछ तत्वों की उपलब्धता, कार्य एवं उनकी कमी के कारण उत्पन्न लक्षण एवं रोगों के बारे में संक्षिप्त वर्णन दिया जा रहा है।