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साइक्लोट्रॉन की गणितीय विवेचना , सीमाएँ , साइक्लोट्रोन के उपयोग Uses of cyclotron

साइक्लोट्रॉन की गणितीय विवेचना (Mathematical analysis of cyclotron) : हम यहाँ साइक्लोट्रोन के लिए विभिन्न पहलुओं के लिए सूत्र की स्थापना करेंगे जिनकी सहायता से इसको आसानी से गणितीय रूप में समझा जा सकता है।

साइक्लोट्रॉन क्या है 

चूँकि साइक्लोट्रॉन में धनावेशित कण वृत्ताकार पथ में गति करता है और हम जानते है की वृत्ताकार पथ में गति करने के लिए अभिकेंद्रीय बल की आवश्यकता होती है , इसको यह अभिकेंद्रीय बल चुम्बकीय क्षेत्र से प्राप्त होता है।

चूँकि हम जानते है की कण का रेखीय संवेग p = mv
अतः

अर्द्ध आवर्त काल  अर्थात आधा चक्कर पूरा करने में लगा समय



कण की आवृत्ति



कोणीय वेग का मान

कोणीय आवृत्ति

अतः

साइक्लोट्रॉन की सीमाएँ (Limitations of cyclotron )

1. साइक्लोट्रोन केवल आवेशित कणों को ही त्वरित कर सकता है अर्थात यह अनावेशित कणो को त्वरित करने में असमर्थ है।
2. यह इलेक्ट्रोनो को त्वरित नहीं कर सकता क्योंकि इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान कम होता है अतः ये कम ऊर्जा ग्रहण करने पर भी बहुत ज़्यादा अधिक वेग से गति करते है।
3. एक निश्चित सिमा से अधिक आवेशित कणों को ऊर्जा नहीं दी जा सकती।

साइक्लोट्रोन के उपयोग (Uses of cyclotron )

1. इसका उपयोग नाभिकीय संरचना का पता लगाने में किया जाता है , इसके लिए धनावेशित कणों को त्वरित कर तथा उनकी ऊर्जा में वृद्धि कर उनको नाभिक से संघट्ट करवाया जाता है।
2. साइक्लोट्रॉन का उपयोग रेडियो एक्टिव पदार्थ बनाने में किया जाता है तथा  रेडियो एक्टिव पदार्थ  का उपयोग विभिन्न रोगों के निदान में किया जाता है अतः चिकित्सा में भी इसका अत्यधिक उपयोग है।
3. इसका उपयोग कर धनावेशित कणों को त्वरित कर या ऊर्जा में वृद्धि कर उनको ठोस में डालकर , ठोस के गुणों में सुधार या बदलवा किया जाता है तथा ठोस पदार्थ के गुणों का भी अध्ययन किया जाता है।