हमारी app डाउनलोड करे और फ्री में पढाई करे
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now
Download our app now हमारी app डाउनलोड करे

चुम्बकीय क्षेत्र में धारावाही चालक तार पर बल Force on current carrying conductor in a magnetic field

By   February 11, 2018
Force on current carrying conductor in a magnetic field चुम्बकीय क्षेत्र में धारावाही चालक तार पर बल : हम जानते है की चालक तार में मुक्त इलेक्ट्रॉन बहुतायत से पाए जाते है अतः जब किसी चालक तार को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो तार में उपस्थित मुक्त इलेक्ट्रॉनो पर लॉरेन्ज बल कार्य करता है और इस लॉरेंज बल (चुम्बकीय बल ) के कारण तार में उपस्थित मुक्त इलेक्ट्रॉन चालक में अपवहन चाल (वेग) से प्रवाहित होना शुरू हो जाते है। अतः किसी धारावाही चालक को चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर यह चालक एक बल का अनुभव करता है।

यहाँ चित्र में दर्शाया गया है की एक छड़ को चुम्बकीय क्षेत्र में रखा गया है , यहाँ धारावाही चालक तार की लम्बाई L है , तार का अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल A है , तथा चालक तार के इकाई आयतन में इलेक्ट्रोनो की संख्या n है तो
चालक तार पर कुल आवेश का मान q = neAL होगा।
चित्रानुसार चालक में धारा I प्रवाहित हो रही है तथा यह चालक तार चुंबकीय क्षेत्र B के साथ θ कोण पर स्थित है तथा मुक्त इलेक्ट्रोनो का अपवहन वेग V है तो इन पर कार्यरत चुम्बकीय बल का मान निम्न सूत्र द्वारा दिया जाता है।
F = qVBsinθ
यहाँ सूत्र में कुल आवेश q का मान रखने पर , चूँकि q = neAL
अतः
F = neALVBsinθ
चूँकि I = neAV
अतः
F = ILBsinθ
यदि चालक तार तथा चुम्बकीय क्षेत्र के मध्य शून्य डिग्री का कोण हो अर्थात धारावाही चालक चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में स्थित हो तो θ = 0
F = ILBsin0 = 0 चूँकि sin0 = 0
अर्थात चालक पर कोई बल कार्य नहीं करेगा अर्थात चालक स्थिर अवस्था में रहेगा।
यदि चालक तार व चुम्बकीय क्षेत्र के मध्य 90 डिग्री का कोण हो अर्थात दोनों एक दूसरे के लंबवत स्थित हो तो इस स्थिति में θ = 90
F = ILBsin90 = ILB
यह बल का अधिकतम मान है अर्थात इस स्थिति में चालक पर अधिकतम बल कार्य करता है।