हिंदी माध्यम नोट्स
पत्ती के किनारे अथवा उपान्त अथवा कोर (Leaf margins in hindi) पत्ती के शीर्ष (Leaf apices)
(Leaf margins in hindi) पत्ती के किनारे अथवा उपान्त अथवा कोर ?
- एकपिच्छकी (unipinnate) : ऐसी पिच्छाकार संयुक्त पत्ती जिसके पर्णक सीधे मध्यशिरा के दोनों तरफ जुड़ें होते है , जैसे – केसिया |
- समपिच्छकी (Paripinnate) : ऐसी एकपिच्छकी संयुक्त पर्ण , जिसमें पर्णकों की संख्या सम होती है , जैसे – इमली |
- विषमपिच्छकी (Imparipinnate) : ऐसी एक पिच्छकी संयुक्त पत्ती जिसमें पर्णकों की संख्या विषम होती है , जैसे – गुलाब , मेलिया |
- द्विपिच्छकी (Bipinnate) : दो बार विभाजित हुई पिच्छाकार संयुक्त पत्ती अर्थात जिसमें मध्यशिरा द्वितीयक अक्षों को बनाती है , जिन पर पर्णक लगे होते है जैसे बबूल |
- त्रिपिच्छकी (Tripinnate) : तीन बार विभाजित हुई पिच्छाकार संयुक्त पत्ती अर्थात द्वितीयक अक्षों से तृतीयक अक्षक निकलती है , जिन पर पर्णक लगे होते है जैसे – सहजन |
- पुनर्विभाजित (Decompound) : एक ऐसी पिच्छाकार संयुक्त पत्ती जो तीन से अधिक बार विभाजित हो जाती है , जैसे – धनिया और हजारा , कोसमोस |
पर्ण का आकार (Leaf shapes) :
- सूच्याकार (Acicular) : सुई के समान आकार वाली अर्थात लम्बी पतली और बेलनाकार पत्ती , जैसे – केजूराइना |
- रैखिक (Linear) : लम्बी और पतली , दोनों पाशर्व तट लगभग समानान्तर , जैसे – दूब अथवा साइनोडोन |
- भालाकार (Lanceolate) : भाले के फलक के समान पत्ती , चौड़ाई की तुलना में लम्बाई अधिक , आधार के निकट चौड़ी होकर शीर्ष की तरफ धीरे धीरे पतली , जैसे – निरियम |
- दीर्घवृताकार अथवा अण्डाकार (Elliptical or oval) : ऐसा पर्णफलक जिसका बाह्य तट अण्डाकार हो , दोनों सिरे गोल अथवा पतले हो एवं पत्ती मध्य में से चौड़ी हो जैसे – अमरुद |
- अंडरूपी (Ovate) : मुर्गी के अंडे के समान बाह्य रूपरेखा वाली पत्ती अर्थात ऊपरी सिरे की तुलना में आधारीय भाग अधिक चौड़ा जैसे – गुडहल |
- आयतरूप (Oblong) : चौड़ाई की अपेक्षा पत्ती की लम्बाई अधिक तथा समस्त लम्बाई में दोनों तरफ का तट लगभग समानान्तर , जैसे केला |
- गोल अथवा संकेन्द्रशल्की (Rotund or Orbiculer) : वृक्काकार तट वाला पर्णफलक , जैसे – गार्डन नास्टरशियम |
- ह्रदयाकार (Cordate) : ह्रदय के आकार की पत्ती , जिसके आधार की तरफ कोटर और पालियाँ होती है तथा जिसकी सामान्य रुपरेखा अण्डाकार होती है , जैसे – पान |
- बाणाकार (Sagittate) : आकार में बाण के जैसे अर्थात ऐसी त्रिभुजाकार पर्ण जिसकी आधार की तरफ की पालियाँ नीचे की तरफ होती है और अवतलत: वृंत की तरफ होती है , जैसे – सैजिटेरिया सैजिटीफोलिया |
- तिरछा (Oblique) : पर्णफलक तिरछा अर्थात पत्ती के दोनों उधर्वभाग असमान होते है , जैसे – नीम के पर्णक |
- वीणाकार (Lyrate) : वीणा के आकार की अर्थात कटी फटी लेकिन विच्छेदित अन्तस्थ पाली और छोटी चिकनी पालियों सहित , जैसे – सरसों |
- पश्चदन्ती (Runicate) : मोटी क्रकची से लेकर तीखे कटे फटे पर्णफलक वाली पत्ती , जिसके दाँते आधार की तरफ मुड़े हो जैसे – पॉपी अथवा पोस्त |
पत्ती के किनारे अथवा उपान्त अथवा कोर (Leaf margins)
- अच्छिन्न कोर (Entire) : एकसमान और चिकना पर्ण उपांत , जैसे – आँकड़ा |
- तरंगित (Sinuate or undulate) : लहरदार पर्ण , जिसमें लहर ऊपर नीचे की तरफ हो न कि अन्दर बाहर की तरफ , जैसे – पोलीएल्थिया |
- क्रकची (Serrate) : आरी के दांतों के समान कटा हुआ उपान्त लेकिन दाँतो की दिशा ऊपर की तरफ हो जैसे गुडहल |
- श्वदन्ती (Dentate) : तीक्ष्ण फैले हुए और स्थूल दाँतों वाला उपांत , जिसमें दांते उपांत से लम्बवत हो जैसे – निम्बू |
- कुंठदंती (Crenate) : सामान्य गहराई के गोलाईदार दाँतों वाला उपांत , जैसे – ब्रायोफिल्लम |
- पक्ष्माभी (Cilliate) : बालों वाले उपांत वाला , जैसे – क्लिओम विस्कोसा और पेरीस्ट्रोफी |
- शूलमय (Spinous) : काँटों वाला उपान्त , जैसे – पीली कटेली |
- कुंचित (Crispate) : घुँघराला , अत्यधिक तरंगित , जैसे – गेंदा |
पत्ती के शीर्ष (Leaf apices)
- कुंठाग्र (Obtuse) : जब फलक के दोनों तट मिल कर गोलाकार पर्णाग्र बना लेते है , जैसे – बरगद |
- निशिताग्र (Acute) : न्यूनकोण बनाकर समाप्त होने वाला तीखा शीर्ष , जैसे – गुडहल |
- लम्बाग्र अथवा पुच्छिल (Acuminate or caudate) : ऐसा पर्ण शीर्ष लम्बी और पतली दुम की भांति हो , जैसे – पीपल |
- कास्पिडेट (Cuspifate) : लम्बे कठोर और शूल में समान्त होने वाला पर्णशीर्ष , जैसे – अनन्नास और खजूर |
- रेट्यूस (Retuse) : ऐसा कुठाग्र पर्णशीर्ष सिरे पर छिछली खाँच हो , जैसे – ऑक्जेलिस कोरिम्बोसा |
- कोरखाँची (Emarginate) : एक ऐसा पर्णशीर्ष जिसमें गहरी खाँच हो , जैसे कचनार |
- तीक्ष्णाग्री (Mucronate) : एक ऐसा गोलाईदार पर्णशीर्ष जो अचानक ही एक छोटी नोक में समाप्त हो गया हो , जैसे – केसिया ओब्टयूसीफोलिया |
- प्रतानी (Cirrhose) : प्रतानधारी और कुंडलित शीर्ष जैसे – ग्लोरी लिली |
पर्ण धरातल (Leaf surfaces)
- अरोमिल (Glabrous) : रोम या अन्य किसी प्रकार की संरचना रहित सपाट और चिकना धरातल , जैसे – गुडहल |
- खुरदरा (rough) : ऐसा धरातल जो स्पर्श करने पर कठोर प्रतीत हो , जैसे – पेट्रिया |
- लसदार (Glutinous) : चिपचिपे पदार्थ से ढका पर्ण धरातल , जैसे – तम्बाकू |
- नीलाभ (Glaucous) : हरा और चमकदार पर्ण धरातल , जैसे – निम्बू |
- शूलधारी (Spiny) : काँटो से ढका धरातल , जैसे – पीली कटेली |
- रोमिल (Hairy) : रोमों से ढका हुआ धरातल , जैसे – आँकड़ा |
Recent Posts
सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ
कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…
4 weeks ago
रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?
अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…
4 weeks ago
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
3 months ago
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
3 months ago
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
3 months ago
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
3 months ago