वाष्पन की गुप्त ऊष्मा की परिभाषा लिखिए। write the definition of Latent heat of vaporisation ?

प्रश्न 17 : वाष्पन की गुप्त ऊष्मा की परिभाषा लिखिए।

उत्तर : किसी पदार्थ के एक किलोग्राम को इसके क्वथनांक पर द्रव अवस्था से गैसीय अवस्था में बदलने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को ही  वाष्पन की गुप्त ऊष्मा कहते है।
उदाहरण : जल की वाष्पन की गुप्त ऊष्मा 2260 kJ/kg होता है।
जब कोई पदार्थ एक अवस्था से दूसरी अवस्था में परिवर्तित होता है तो इस अवस्था परिवर्तन में ऊष्मा ऊर्जा की उपस्थिति भी आवश्यक होती है।
उदाहरण : जब जल को 100 डिग्री सेल्सियस ताप पर वाष्प या भाप में बदला जाता है तो इसके लिए 100 डिग्री सेल्सियस ताप पर 2260 किलोजूल/किलोग्राम ऊष्मा की भी इनपुट के रूप में आवश्यकता होती है।
इस आवश्यक ऊष्मा ऊर्जा को गुप्त ऊष्मा इसलिए कहा जाता है क्यूंकि अवस्था परिवर्तन के समय इस ऊष्मा के कारण ताप में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
नोट : याद रखिये की किसी पदार्थ को द्रव अवस्था से गैस अवस्था में परिवर्तन के लिए आवश्यक उर्जा का मान , इसी पदार्थ को ठोस अवस्था से द्रव अवस्था में आवश्यक ऊर्जा से अधिक होता है। अर्थात द्रव को गैस में परिवर्तित करने के लिए अधिक ऊर्जा की जरुरत होती है और तुलनात्मक रूप से ठोस से द्रव में परिवर्तन के लिए कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसका कारण यह है कि द्रव को गैस अवस्था में परिवर्तित करने के लिए इसे अधिक ऊर्जा देनी पड़ेगी क्यूंकि द्रव के कणों को पूर्ण रूप से स्वतंत्र गति के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होगी जिससे ये कण द्रव से गैस अवस्था में बदल जाए , वही दूसरी तरफ ठोस पदार्थ के कणों को कम ऊर्जा की आवश्यकता होगी क्यूंकि इन्हें सिर्फ इतनी ऊर्जा की आवश्यकता है कि ठोस पदार्थ के कणों को इतनी ऊर्जा मिल जाए तो कि एक स्थिर अवस्था से गतिशील अवस्था में परिवर्तित हो जाए जिससे ठोस , द्रव में बदल जाता है।
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