कवितावली किसकी रचना है | कवितावली के रचनाकार हैं kavitavali kiski rachna hai in hindi lekhak

kavitavali kiski rachna hai in hindi lekhak kaun hai कवितावली किसकी रचना है | कवितावली के रचनाकार हैं लेखक कौन है ?

भाषा-1ः हिन्दी
1. अष्टछाप के कवि नहीं है-
(अ) नाभादास (ब) कृष्णदास
(स) परमानन्ददास (द) नन्ददास
2. जो वाणी द्वारा व्यक्त न किया जा सके-
(अ) आत्मसाक्षात्कार (ब) स्वानुभूति
(स) अनिर्वचनीय (द) रहस्य
3. ‘आचरण की सभ्यता‘ किसका निबन्ध है?
(अ) महावीर प्रसाद द्विवेदी (ब) सरदार पूर्णसिंह
(स) रामचन्द्र शुक्ल (द) पद्मसिंह
4. ‘भूषण‘ किस काल के कवि हैं?
(अ) वीरगाथाकाल (ब) भक्तिकाल
(स) रीतिकाल (द) आदिकाल
5. ‘उत्साह‘ किस रस का स्थायी भाव है?
(अ) करुण (ब) वीर
(स) हास्य (द) श्रृंगार
6. ‘कवितावली‘ के रचनाकार हैं-
(अ) सूरदास (ब) जायसी
(स) तुलसीदास (द) घनानन्द

उत्तर : 6. (स)

व्याख्या : 6. ‘कवितावली‘ के रचनाकार गोस्वामी तुलसीदास है। उनकी अन्य महत्वपूर्ण रचनाएँ, ‘विनय-पत्रिका‘, ‘कृष्ण-गीतावली‘, ‘गीतावली‘, ‘दोहावली‘, ‘रामचरितमानस‘ आदि हैं।

7. विनय पत्रिका की भाषा कौन-सी है?
(अ) अवधी (ब) खड़ी बोली
(स) ब्रज भाषा (द) अपभ्रंश
8. ‘ट‘ वर्ग में किस प्रकार के व्यंजन हैं?
(अ) कंठ्य (ब) तालव्य
(स) मूर्धन्य (द) दन्त्य
9. ‘अन्धेर-नगरी‘ के लेखक हैं
(अ) प्रतापनारायण मिश्र (ब) हरिकृष्ण प्रेमी
(स) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (द) रामकुमार वर्मा
10. आदिकाल में पहेलियाँ लिखने वाले कवि थे-
(अ) जगनिक (ब) खुसरो
(स) सरहपा (द) गोरखनाथ
11. ‘पेड़ से बन्दर कूदा‘, वाक्य में कौन-सा कारक है?
(अ) अपादान कारक (ब) कर्म कारक
(स) सम्प्रदान कारक (द) करण कारक
12. श्रृंगार रस का स्थायी भाव है-
(अ) हास (स) क्रोध
(द) उत्साह (ब) रति
13. निम्नलिखित में तद्भव शब्द है-
(अ) भ्रमर (ब) अग्नि
(स) मस्तक (द) मछली
14. ‘चैपाई‘ छन्द के प्रत्येक चरण में कितनी मात्राएँ होती हैं?
(अ) चैबीस (ब) सोलह
(स) ग्यारह (द) तेरह
15. ‘तेरी बरछी ने बर छीने हैं, खलन का‘ पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
(अ) रूपक (ब) अनुप्रास
(स) श्लेष (द) यमक
16. ‘हिन्दी प्रदीप‘ पत्रिका का सम्पादन किया है-
(अ) बदरीनारायण चैधरी प्रेमघन
(ब) बालकृष्ण भट्ट
(स) प्रतापनारायण मिश्र
(द) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
17. ‘सूर्योदय‘ शब्द का सन्धि-विच्छेद है-
(अ) सूर्या + दय (ब) सूर्य + उदय
(स) सूर्यः + उदय (द) सूर्ये + उदय
18. यथाशक्ति में समास है-
(अ) अव्ययीभाव (ब) तत्पुरुष
(स) द्विगु (द) कर्मधारय
19. इनमें कौन-सा शब्द तद्भव है?
(अ) मधुप (ब) भ्रमर
(स) मधुकर (द) भँवरा
20. ‘मुदरी‘ का तत्सम रूप है-
(अ) मुद्री (ब) मुन्दरी
(स) मुदरिका (द) मुद्रिका
21. निम्नलिखित में से कौन-सा निबन्ध हजारीप्रसाद द्विवेदी का नहीं है?
(अ) अशोक के फूल (ब) कुटज
(स) विचार प्रवाह (द) वृत्त और विकास
22. ‘परमाल रासो‘ किसके द्वारा रचित है?
(अ) नल्लसिंह (ब) नरपति नाल्ह
(स) चन्दरबरदाई (द) जगनिक
23. ‘‘दुल्हिन गावहु मंगलाचार, हम घर आए राजा राम भरतार।‘‘ ये किसकी पंक्तियाँ हैं?
(अ) तुलसीदास (ब) कबीरदास
(स) सूरदास (द) रैदास
24. ‘मृगावती‘ किसकी रचना है?
(अ) उसमान (ब) मंझन
(स) कुतुबन (द) जायसी
25. निम्नलिखित में से शुद्ध वर्तनी वाला शब्द है-
(अ) अन्तर्राष्ट्रीय (ब) अन्तरराष्ट्रीय
(स) अर्न्तराष्ट्रीय (द) अन्तराष्ट्रीय
26. ‘आगे कुआँ पीछे खाई‘ का अर्थ है-
(अ) चारों तरफ जल ही जल होना
(ब) रास्ते का बन्द होना
(स) दोनों ओर मुसीबत
(द) बीच में निकल भागना
27. ‘रामचरितमानस‘ की भाषा क्या है?
(अ) अवधी (ब) ब्रज
(स) खड़ी बोली (द) भोजपुरी
28. आदिकाल के लिए ‘वीरगाथाकाल‘ नाम किसने प्रस्तावित किया है?
(अ) डॉ. रामकुमार वर्मा
(ब) महापण्डित राहुल सांकृत्यायन
(स) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
(द) आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
29. ‘उत्कर्ष‘ शब्द का विलोम लिखिए-
(अ) पतन (ब) अपकर्ष
(स) अपभ्रष्ट (द) विकर्ष
30. ‘आनन्द कादम्बिनी‘ के सम्पादक कौन थे?
(अ) बाबू महादेव सेठ
(ब) चन्द्रधर शर्मा, ‘गुलेरी‘
(स) बदरीनारायण चैधरी ‘प्रेमघन‘
(द) अम्बिकाप्रसाद व्यास

उत्तरमाला

1. (अ) 2. (स) 3. (ब) 4. (स) 5. (ब) 6. (स) 7. (स) 8. (स) 9. (स) 10. (ब)
11. (अ) 12. (ब) 13. (द) 14. (ब) 15. (द) 16. (ब) 17. (ब) 18. (अ) 19. (द) 20. (द)
21. (द) 22. (द) 23. (ब) 24. (अ) 25. (अ) 26. (स) 27. (अ) 28. (स) 29. (ब) 30. (स)

व्याख्या/ हल

1. अष्टछाप के कवियों में सूरदास, कुम्भन दास, गोविन्द स्वामी, छीत स्वामी, नन्ददास, चतुभुर्जस्वामी, कृष्णदास तथा परमानन्द दास प्रमुख हैं।
3. ‘आचरण की सभ्यता‘ सरदार पूर्ण सिंह द्वारा रचित निबन्ध है। ‘कर्तव्य और सभ्यता‘, ‘सच्ची वीरता‘, ‘मजदूरी और प्रेम‘ आदि अन्य निबन्धों की रचना भी सरदार पूर्णसिंह द्वारा की गई।
4. महाकवि भूषण रीतिकाल के प्रमुख कवियों में से एक हैं। 17वीं शताब्दी में रचित श्शिवराज भूषणश्, छत्रसाल दशक, शिवाबावनी आदि भी इन्हीं की रचनाएँ हैं। रीतिकाल के अन्य प्रमुख कवित बिहारी, रहीम, घनानन्द, मतिराम, केशवदास, भिखारी दास, रसिक गोविन्द, पद्माकर आदि हैं।
5. वीर रस का स्थायी भाव उत्साह है। श्रृंगार रस का स्थायी भाव रति, करूण रस का स्थायी भाव शोक तथा हास्य रस का स्थायी भाव हास है।
6. ‘कवितावली‘ के रचनाकार गोस्वामी तुलसीदास है। उनकी अन्य महत्वपूर्ण रचनाएँ, ‘विनय-पत्रिका‘, ‘कृष्ण-गीतावली‘, ‘गीतावली‘, ‘दोहावली‘, ‘रामचरितमानस‘ आदि हैं।
7. ‘विनय-पत्रिका‘ ब्रजभाषा में लिखी गई है। इसमें शान्त रस की अधिक प्रधानता है तथा इसमें 280 पद हैं।
9. ‘अन्धेर नगरी‘ के लेखक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र हैं। इनके अन्य मौलिक नाटक श्नीलदेवीश्, भारत दुर्दशा, सत्य हरिश्चन्द्र, मुद्राराक्षस, वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति आदि हैं।
10. आदिकाल में पहेलियाँ लिखने वाले कवि खुसरो थे। आदिकाल के लौलिक साहित्य के प्रमुख कवियों में अमीर खुसरो तथा विद्यापति नाम प्रमुखता से लिया जाता है। इन दोनों ने ही अपनी पहेलियों में खड़ी बोली का प्रयोग किया है।
11. ‘पेड़ से बन्दर कूदा।‘ इस वाक्य में अपादान कारक है, क्योंकि इस वाक्य में ‘से‘ परसर्ग अलग होने के भाव को दर्शाता है।
13. मछली तद्भव शब्द है, इसका तत्सम मत्स्य होता है। भ्रमर, अग्नि तथा मस्तक तत्सम शब्द है।
18. यथाशक्ति अर्थात् शक्ति के अनुसार । इसमें अव्ययीभाव समास है क्योंकि इसमें यथा एक अव्यय है।
22. ‘परमाल रासो‘ की रचना जगनिक ने की। यह एक आल्हा खण्ड है।‘ इसमें 13वीं शताब्दी में महोबा के राजा परमालदेव के सामन्त आल्हा और ऊदल की वीरता का वर्णन है।
24. ‘मृगावती‘ कुतुबन की रचना है। इसमें 1503 ई. में मृगावती तथा राजकुँवर की प्रेमकथा का अलौकिक वर्णन है।
27. ‘रामचरितमानस‘ की भाषा अवधी है। इसकी रचना 1574 ई. में गोस्वामी तुलसीदास ने की थी। यह भगवान राम के सम्पूर्ण जीवन चरित्र पर आधारित है।
28. आदिकाल को अनेक विद्वानों ने अलग-अलग नाम दिए हैं। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने इसे वीरगाथा काल कहा है तो डा. रामकुमार वर्मा ने इसे चारणकाल कहा है। राहुल सांकृत्यायन ने इसे सिद्ध सामन्तकाल कहा है तथा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी इसे आदिकाल ही कहा है।