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समावयता : उपसहसयोजक यौगिको में समावयता (isomerism in coordination compounds) , प्रकार

उपसहसयोजक यौगिको में समावयता (isomerism in coordination compounds) :
समावयता : दो या दो से अधिक ऐसे यौगिक जिनके अणुसूत्र समान हो लेकिन संरचना सूत्र या त्रिविमीय विन्यास में भिन्नता के कारण उनके गुण भिन्न भिन्न हो तो वे यौगिक एक दुसरे के समावयवी कहलाते है तथा उनका यह गुण समावयता कहलाता है।
समावयाता के प्रकार :
यह दो प्रकार की होती है –
1. संरचनात्मक समावयता
2. त्रिविमिय समावयता
संरचनात्मक समावयता भी छ: प्रकार की होती है –
(i) आयनन समावयता
(ii) बंधक / बंधनी समावयता
(iii) उपसहसयोजक समावयता
(iv) हाइड्रेट / विलायक योजन समावयता
(v) लिगेंड समावयता
(vi) उपसहसयोजक स्थिति समावयता
त्रिविमिय समावयता दो प्रकार की होती है –
(i) ज्यामितीय समावयता
(ii) प्रकाशिक या ध्रुवण समावयता

1. संरचनात्मक समावयता

दो या दो से अधिक ऐसे यौगिक जिनके अणुसूत्र समान हो लेकिन संरचना सूत्र में भिन्नता हो तो वे यौगिक एक दुसरे के संरचनात्मक समावयवी कहलाते है।
संरचनात्मक समावयता के निम्न प्रकार है –
(i) आयनन समावयता : दो या दो से अधिक ऐसे यौगिक जिनके अणु सूत्र समान हो लेकिन जलीय विलयन में वे भिन्न भिन्न प्रकार से आयनित होते हो तो वे यौगिक एक दुसरे के आयनन समावयवी कहलाते है।
उदाहरण : CO(NH3)5SO4Br के दो आयनन समावयवी है।
(a) [CO(NH3)5SO4]Br ⇌ [CO(NH3)5SO4]+ + Br में AgNO3 के साथ AgBr का अवक्षेप देता है लेकिन दूसरा यौगिक में अवक्षेप नहीं होगा।
(b) [CO(NH3)5Br]SO4 ⇌ [CO(NH3)5Br]2+ + SO42- में BaCl2 के साथ BaSO4 का श्वेत अवक्षेप देता है लेकिन दूसरा यौगिक अवक्षेप नहीं देता है।
(ii) बंधक / बंधनी समावयता : दो या दो से अधिक ऐसे यौगिक जिनके अणुसूत्र समान हो लेकिन उनमे उपस्थित उभयदन्तुक लिगेंड भिन्न भिन्न दाता परमाणु द्वारा केन्द्रीय धातु आयन के साथ जुड़ा हो तो ऐसे यौगिक एक दुसरे के बंधनी समावयवी कहलाते है।
[CO(NH3)5(NO2)]Cl2 [CO(NH3)5(ONO)]Cl2

[Cr(H2O)5(CN)]Br2 [Cr(H2O)5(NC)]Br2

(iii) उपसहसयोजक समावयता या समन्वय समावयता : इस प्रकार की समावयता उन यौगिको में पायी जाती है जिनमे धनायन व ऋण आयन दोनों ही संकुल के रूप में उपस्थित हो।  यह समावयता संकुल धनायन व संकुल ऋणायन में लिगेंडो के परस्पर विनिमय से उत्पन्न होती है।

[Pt(NH3)4][PtCl4] [Pt(NH3)3Cl][Pt(NH3)Cl3]

[CO(NH3)6][Cr(CN)6] [Cr(NH3)6][CO(CN)6]

(iv) हाइड्रेट / विलायकयोजन समावयता : दो या दो से अधिक ऐसे यौगिक जिनके अणुसूत्र समान हो लेकिन उनमे जल के अणुओं की संख्या समन्वय मण्डल व आयनिक मंडल में भिन्न भिन्न हो तो वे यौगिक एक दुसरे के हाइड्रेट समावयवी कहलाते है।
उदाहरण : [Cr(H2O)6]Cl3  बैंगनी हरा

[Cr(H2O)5Cl]Cl2.H2O    नीला हरा रंग

[Cr(H2O)4Cl2]Cl.(H2O)2   गहरा हरा रंग

(v) लिगेंड समावयता : दो या दो से अधिक ऐसे यौगिक जिनके अणु सूत्र समान हो लेकिन उनमे उपस्थित कोई लिगेंड स्वयं समावयता प्रदर्शित करता हो तो ऐसे यौगिक लिगेंड समावयवी कहलाते है।

 

(vi) उपसहसयोजक स्थिति समावयता : इस प्रकार की समावयता सेतु लिगेंड युक्त संकुलों में पायी जाती है।  इस समावयता में दोनों केन्द्रीय धातु आयनों के साथ जुड़े हुए लिगेंडो के बन्ध में भिन्नता होती है।

2. त्रिविमीय समावयता

दो या दो से अधिक ऐसे यौगिक जिनके अणुसूत्र समान हो तथा संरचना सूत्र भी समान हो लेकिन केन्द्रीय धातु आयन के साथ जुड़े हुए लिगेंडो की त्रिविमीय व्यवस्था भिन्न भिन्न हो तो वे यौगिक एक दुसरे के त्रिविमीय समावयवी कहलाते है तथा उनका यह गुण त्रिविमीय समावयता कहलाता है।
त्रिविमिय समावयता दो प्रकार की होती है –
(i) ज्यामितीय समावयता या समपक्ष – विपक्ष समावयता : इसे सम पक्ष – विपक्ष समावयता भी कहते है। इस प्रकार की समावयता केन्द्रीय धातु आयन के साथ जुड़े हुए लिगेंडो की भिन्न भिन्न ज्यामितीय व्यवस्था के कारण उत्पन्न होती है।
समन्वय संख्या चार व छ: वाले यौगिक ऐसी समाव्यवता दर्शाते है।
समन्वय संख्या चार वाले यौगिक : इनमे दो संकुल रूप बनते है (a) चतुष्फलकीय (b) वर्गसमतलीय
इनमे से चतुष्फलकीय संकुल ज्यामितीय समावयता नहीं दर्शाते क्योंकि इनमे केन्द्रीय धातु आयन के साथ जुड़े हुए लिगेंडो की सापेक्ष स्थितियाँ समान होती है जबकि वर्ग समतलीय संकुल ज्यामितिय समावयता दर्शाते है।
वर्गसमतलीय संकुलों में ज्यामितीय समावयता दर्शाने वाले यौगिको के प्रकार निम्न है –
(a) (MA2X2) प्रकार : उदाहरण : [Pt(NH3)2Cl2] इनमे दो ज्यामितीय समावयता है –
पहली : समपक्ष (cis)
दूसरी : विपक्ष (trans)
समपक्ष (cis) रूप : यदि दो समान समूह निकटवर्ती स्थिति पर उपस्थित हो तो वह समपक्ष (cis) रूप कहलाता है।
विपक्ष (trans) रूप : यदि दो समान समूह एक दुसरे की विपरीत स्थिति पर उपस्थित हो तो वह विपक्ष (trans) रूप कहलाता है।
(b) [MA2XY] प्रकार : उदाहरण : [Pt(NH3)2ClBr]
इसके दो ज्यामितीय समावयवी है –
(c) [M(AB)2] प्रकार : यहाँ (A – B) असममित द्विदन्तुक लिगेंड है।
उदाहरण : [Pt(Gly)2]
इसके दो ज्यामितीय समावयवी है –
समन्वय संख्या छ: वाले यौगिक : इसमें अष्टफलकीय संकुल बनते है।  इनमे ज्यामितीय समावयता दर्शाने वाले यौगिको के प्रकार निम्न है –
1. [MA4X2] प्रकार
2. [MA3X3] प्रकार

3. [M(AA)2X2प्रकार

1. [MA4X2] प्रकार : उदाहरण :- [CO(NH3)4Cl2]+ इसके दो ज्यामितीय समावयवी सम्भव है –
[MA4X2] प्रकार के यौगिको में यदि दो समान लिगेंड/लिगेंड(x) एक दुसरे की विपरीत स्थिति पर हो तो वह trans रूप कहलाता है और यदि ऐसा नहीं हो तो वह cis रूप होता है।
2. [MA3X3] प्रकार : उदाहरण :- [CO(NH3)3Cl3] इसके दो ज्यामितीय समावयवि संभव है।
पहली समपक्ष या फलक समावयवी (Fac) दूसरी विपक्ष या राखांकिक समावयवी (mer)
फलक समावयवी (Fac) : [MA3X3] प्रकार के यौगिको में यदि तीन समान लिगेंड मिलकर एक फलक का निर्माण करते है तो वह फलक समावयवी कहलाते है।
रेखांकित समावयवी : [MA3X3] प्रकार के यौगिको में यदि तीन समान लिगेंड एक ही ध्रुववृत्त पर अभिविन्यासित हो तो वह रेखांकित समावयवी कहलाता है।
3. [M(AA)2X2] प्रकार : यहाँ (A-A) सममित द्विदन्तुक लिगेंड है।
उदाहरण : [CO(en)Cl2]+ इसके दो ज्यामितीय समावयवी संभव है।

(ii) प्रकाशिक या ध्रुवण समावयता (optical isomers)

दो ऐसे यौगिक जो एक दुसरे के दर्पण प्रतिबिम्ब हो तथा वे अपने दर्पण प्रतिबिम्ब पर पूर्ण रूप से अध्यारोपित नहीं हो तो वे यौगिक एक दुसरे के प्रकाशिक समावयवी कहलाते है।
यह यौगिक समतल ध्रुवित प्रकाश के तल को दाई या बायीं ओर घुमा देते है।
इस प्रकार इसके दो समावयवी रूप बनते है –
पहला d रूप दूसरा l रूप
d रूप : यौगिक का वह रूप जो समतल ध्रुवित प्रकाश के तल को दाई ओर घुमा दे d रूप कहलाते है।
l रूप : यौगिक का वह रूप जो समतल ध्रुवित प्रकाश के तल को बायीं ओर घुमा दे l रूप कहलाते है।
समन्वय संख्या चार वाले यौगिको में चतुष्फलकीय संकुल व समन्वय संख्या छ: वाले यौगिको में अष्टफलकीय संकुल प्रकाशिक समावयता दर्शाते है।
चतुष्फलकीय संकुल : इसमें प्रकाशिक समावयता दर्शाने वाले यौगिक के निम्न प्रकार है –
1. [M(AB)2] प्रकार : यह (AB) असममित द्विदन्तुक लिगेंड है।
अष्टफलकीय संकुल : इसमें प्रकाशिक समावयता दर्शाने वाले यौगिक निम्न है –
[M(A-A)2X2] प्रकार
[M(A-A)3] प्रकार

[M(A-A)X2Y2] प्रकार

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