भारत की वर्तमान समय में वैज्ञानिक उपलब्धियाँ (india’s scientific achievements in hindi)

(india’s scientific achievements in hindi) भारत की वर्तमान समय में वैज्ञानिक उपलब्धियाँ : आज इस समय हम विश्व के टॉप उच्च विज्ञान में अग्रसर देशों में गिने जाते है और इसका पूरा श्रेय हमारे देश के वैज्ञानिको और उनकी मेहनत और लगन से ज्ञात खोज और आविष्कार के कारण संभव हो पाया है।
विज्ञान और तकनिकी के क्षेत्र में हमारे पास वर्तमान समय में बहुत सारी उपलब्धियाँ हासिल है जिन्हें हम यहाँ जानेंगे और इन सभी उपलब्धियों पर हर भारतीय को गर्व है।
वर्तमान समय में हम भौतिकी , रसायन विज्ञान , खगोलिकी , गणित , चिकित्सा आदि सभी क्षेत्रो में अग्रसर है और इन सभी क्षेत्रो में हमारे वैज्ञानिको ने काफी काम किया है जिसके कारण हम दुनिया के टॉप विज्ञानी और तकनिकी देशों में शामिल है।
भारत देश की वैज्ञानिक उपलब्धियां निम्न प्रकार है –

सिविल इंजीनियरिंग और निर्माण के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां

  • दिल्ली में बना हुआ लोह स्तम्भ : आपको जानकार हैरानी होगी कि दिल्ली में बना हुआ लौह स्तम्भ दुनिया का सबसे पहला लोह स्तम्भ है , लोह स्तम्भ का निर्माण चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य (375–413) के समय में हुआ था , वर्तमान समय के सिविल इंजिनियर भी इसे देखने को आते है इतने समय पहले भी भारत के सामग्री वैज्ञानिक इस क्षेत्र में कितने आगे थे , इस लोह स्तम्भ का संक्षारण प्रतिरोध आज भी काबिल ए तारीफ़ है , क्यूंकि आज भी इस लोह स्तम्भ पर संक्षारण (जंग लगना) संभव नहीं है।
  • कुँए : पुरातात्विक विभाग द्वारा आज भी हिन्दू सभ्यता और मोहनजोदाडो सभ्यता के अवशेष मिलने से यह अनुमान लगाया जाता है कि इतने समय पूर्व भी भारत में कुँए काफी अच्छी अवस्था में उन्नत अवस्था में थे , अत: कुँए आदि का उद्भव भारत देश में ही हुआ ऐसा हम वर्तमान में उपलब्ध प्रमाणों के आधार पर लगा सकते है।
  • स्क्वाट टॉयलेट : लगभग तीसरी शताब्दी ई.पू. की हड़प्पा और मोहनजोदरो सभ्यता के मिले प्रमाण में यह पाया गया कि उस समय के शहरों में नालियों के ऊपर स्क्वाट टॉयलेट बने हुए थे अत: हम इस क्षेत्र में भी काफी उन्नत थे।

विज्ञान और तकनीक में भारत की उपलब्धियां

  • हल : खेतो की जुताई करने के लिए काम में लिए जाने वाले हल जिसमें घोड़ो या बैलो का उपयोग किया जाता है , यह तकनीक सबसे पहले भारत में ही काम में ली जाती थी ऐसा माना जाता है।
  • इंडिया इंक : लगभग 4 शताब्दी ई.पू. से भी पहले से ही भारत देश में लिखने के लिए स्याही का उपयोग किया जाता है , भारत में बहुत पहले ही कई प्रकार के रासायनिक अवयवो को आपस में मिश्रित करके स्याही का निर्माण कर लिया गया था , प्रारंभ में हड्डियाँ जलाकर, टार, पिच और अन्य पदार्थ को आपस मे मिश्रण करके कार्बन ब्लैक बनाया जाता था अर्थात इनको मिश्रित करके स्याही का निर्माण किया जाता था।
  • माइक्रोवेव संचार : जगदीश चन्द्र बसु द्वारा कलकत्ता में 1895 में सार्वजनिक माइक्रोवेव संचार व्यवस्था का प्रदर्शन किया गया इसके पहले ठीक इसी प्रकार का प्रदर्शन इंग्लैंड में मार्कोनी द्वारा किया गया था।

वर्तमान समय में भारत देश की वैज्ञानिक उपलब्धियां

  • 1974 में भारत देश ने अपना पहला भूमिगत परमाणु परिक्षण किया और इसमें संपन्न हुए , जिससे देश के पास परमाणु शक्ति हासिल हो पायी और हमारा देश भी परमाणु शक्ति देशों में शामिल हो गया , इसके बाद 1998 में भारत ने अपना दूसरा परमाणु परिक्षण किया था , पहला परमाणु परिक्षण पोकरण में किया गया था और दूसरा परमाणु परिक्षण भारत के द्वारा खातोलाई में किया गया था।
  • अन्तरिक्ष के क्षेत्र में भारत ने 1975 ने भारत ने अपना सबसे पहला कृत्रिम उपग्रह प्रक्षेपित किया था , भारत द्वारा प्रक्षेपित इस प्रथम कृत्रिम उपग्रह का नाम आर्यभट्ट था।
  • भारत के इसरो ने भारत में निर्मित SLV-3 से रोहिणी नाम का उपग्रह प्रक्षेपण किया था।
  • चन्द्रमा पर पानी आदि की उपस्थिति के सन्दर्भ में जानकारी प्राप्त करने के लिए भारत ने 22 अक्टूबर 2008 को प्रथम चन्द्र मिशन चंद्रयान-I भेजा था।
  • भारत ने 24 सितम्बर 2014 को मंगल कक्षीय मिशन लांच किया था।