उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिम्ब , image formation by convex mirror in hindi , प्रतिबिम्ब की स्थिति : वक्रता केन्द्र C2 से परे 

इसमें हम गोलीय लेंस से अपवर्तन के बारे में पढ़ेगे
उत्तल लेंस के मुख्य फोकस से गुजरने वाली किरण का अपवर्तन
उत्तल लेंस के फोकस से गुजरने से वाली प्रकाश की किरण अपवर्तन के बाद लेंस के मुख्य अक्ष के स्मानांतर हो जाती है।
                              मुख्य फोकस से गुजरने वाली किरण का उत्तल लेंस से अपवर्तन
मुख्य फोकस के द्वारा गुजरने वाले किरण का अवतल लेंस से अपवर्तन
अवतल लेंस के मुख्य फोकस से गुजरने वाली प्रकाश की किरण अपवर्तन के बाद मुख्य अक्ष के समानांतर निकलती हुई प्रतीत होती है।
                             मुख्य फोकस से गुजरने वाली किरण का अवतल लेंस से अपवर्तन
उत्तल लेंस के प्रकाशिक केन्द्र से गुजरने वाली किरण का अपवर्तन
जब कोई प्रकाश की किरण उत्तल तथा अवतल लेंस के प्रकाशिक केन्द्र से गुजरती है तो अपवर्तन के बाद यह प्रकाश की किरण बिना विचलित हुए सीधी निकल जाती है।
                            उत्तल लेंस के प्रकाशिक केन्द्र से गुजरने वाली किरण का अपवर्तन
                      अवतल लेंस के प्रकाशिक केन्द्र से गुजरने वाली किरण का अपवर्तन
(image formation by convex mirror in hindi) उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिम्ब का बनना
जब बिम्ब अनंत पर हो तो उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिम्ब का बनना
जब कोई बिम्ब अन्नत पर स्थित हो तो उससे आने वाली किरणे उत्तल लेंस से अपवर्तन के बाद इसका प्रतिबिम्ब मुख्य फोकस पर बनता है।
                             जब बिम्ब अनंत पर हो, तो उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिम्ब का बनना
प्रतिबिम्ब की स्थिति : फोकस, F2 पर
प्रतिबिम्ब का आकार : अत्यधिक छोटा, बिन्दु के आकार का
प्रतिबिम्ब की प्रकृति : वास्तविक तथा उलटा 
जब बिम्ब वक्रता केन्द्र C से परे हो इस स्थिति में उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिम्ब का निर्माण
जब किसी बिम्ब को वक्रता केन्द्र C1 से परे या कुछ दुरी पर रखा जाता है तो इससे आने वाली किरणे अपवर्तन के बाद मुख्य फोकस F2 तथा वक्रता केन्द्र C2 के बीच प्रतिबिम्ब बनाता है।
प्रतिबिम्ब की स्थिति : मुख्य फोकस, F2 तथा वक्रता केन्द्र C2 के बीच
प्रतिबिम्ब का आकार : छोटा
प्रतिबिम्ब की प्रकृति : वास्तविक तथा उलटा
जब बिम्ब वक्रता केन्द्र C1 या 2F1पर हो, तो उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिम्ब का बनना
जब किसी बिम्ब को उत्तल लेंस के वक्रता केन्द्र C1 या 2F1 पर रखा जाये तो एक प्रकाश की किरण जो की मुख्य अक्ष के समांतर आकर लेंस से अपवर्तन के बाद फोकस F2 से गुजरती है और दूसरी प्रकाश की किरण जो की लेंस के प्रकाशिक ध्रुव से गुजरकर अपवर्तन के बाद सीधी निकल जाती है और यह दोनों किरणों वक्रता केन्द्र C2 पर मिलती है और प्रतिबिम्ब वक्रता केन्द्र C2 पर बनता है।
                            जब बिम्ब वक्रता केन्द्र C1 पर हो, तो उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिम्ब का बनना
प्रतिबिम्ब की स्थिति : वक्रता केन्द्र C2 पर
प्रतिबिम्ब का आकार : समान आकार का
प्रतिबिम्ब की प्रकृति : वास्तविक तथा उलटा
जब बिम्ब उत्तल लेंस के वक्रता केन्द्र C1 तथा मुख्य फोकस F1 के बीच हो तो इस स्थिति में प्रतिबिम्ब का बनना
जब किसी बिम्ब को उत्तल लेंस के वक्रता केन्द्र C1 तथा मुख्य फोकस F1 के बीच रखा जाये तो एक प्रकाश की किरण जो की मुख्य अक्ष के समांतर आकर लेंस से अपवर्तन के बाद फोकस F2 से गुजरती है और दूसरी प्रकाश की किरण जो की लेंस के प्रकाशिक ध्रुव से गुजरकर अपवर्तन के बाद सीधी निकल जाती है और यह दोनों किरणों वक्रता केन्द्र C2 से परे पर मिलती है और प्रतिबिम्ब वक्रता केन्द्र C2 से परे बनता है।
     जब बिम्ब उत्तल लेंस के वक्रता केन्द्र C1 तथा मुख्य फोकस F1 के बीच हो तो प्रतिबिम्ब का बनना
प्रतिबिम्ब की स्थिति : वक्रता केन्द्र C2 से परे
प्रतिबिम्ब का आकार : विवर्धित
प्रतिबिम्ब की प्रकृति : वास्तविक तथा उलटा
जब बिम्ब उत्तल लेंस के मुख्य फोकस F1 पर हो तो इस स्थिति में प्रतिबिम्ब का बनना
जब किसी बिम्ब को उत्तल लेंस के मुख्य फोकस F1 पर रखा जाये तो इसका प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी और अनंत पर बनता है।
                  जब बिम्ब उत्तल लेंस के मुख्य फोकस F1 पर हो तो प्रतिबिम्ब का बनना
प्रतिबिम्ब की स्थिति : अनंत पर
प्रतिबिम्ब का आकार : अत्यधिक विवर्धित
प्रतिबिम्ब की प्रकृति : वास्तविक तथा उलटा
जब बिम्ब उत्तल लेंस के मुख्य फोकस F1 तथा प्रकाशिक केन्द्र O के बीच हो, तो प्रतिबिम्ब का निर्माण
जब किसी बिम्ब को उत्तल लेंस के मुख्य फोकस F1 तथा प्रकाशिक केन्द्र O के बीच रखा जाता है तो इसका प्रतिबिम्ब बिम्ब की तरफ ही वक्रता केन्द्र C1 से परे बनता है।
       जब बिम्ब उत्तल लेंस के मुख्य फोकस F1 तथा प्रकाशिक केन्द्र O के बीच हो, तो प्रतिबिम्ब का निर्माण
प्रतिबिम्ब की स्थिति : बिम्ब की तरफ ही वक्रता केन्द्र, C1 से परे
प्रतिबिम्ब का आकार : विवर्धित
प्रतिबिम्ब की प्रकृति : आभासी तथा सीधा
अवतल लेंस द्वारा प्रतिबिम्ब का निर्माण
अवतल लेंस की स्थिति में बिम्ब को मात्र केवल दो ही स्थान पर रखा जा सकता है
1.बिम्ब अनंत पर हो
2.बिम्ब प्रकाशिक केन्द्र O तथा अनंत के बीच स्थित हो
अवतल लेंस द्वारा प्रतिबिम्ब का बनना जब बिम्ब अनंत पर हो
जब किसी बिम्ब को अनंत पर रखा जाता है तो इससे आने वाली किरणे अवतल लेंस से अपवर्तन के बाद प्रतिबिम्ब फोकस F1 पर बनती है।
                           अवतल लेंस द्वारा प्रतिबिम्ब का बनना जब बिम्ब अनंत पर हो
प्रतिबिम्ब की स्थिति : मुख्य फोकस, F1 पर
प्रतिबिम्ब का आकार : अत्यधिक छोटा, बिन्दु के आकार का
प्रतिबिम्ब की प्रकृति : आभासी तथा सीधा
जब बिम्ब अनंत तथा अवतल लेंस के प्रकाशिक केन्द्र O के बीच हो तो इस स्थिति में प्रतिबिम्ब का बनना
जब कोई बिम्ब अनंत तथा प्रकाशिक केन्द्र O के बीच स्थित हो तो इससे आने वाली किरणे अवतल लेंस से अपवर्तन के बाद प्रतिबिम्ब प्रकाशिक केन्द्र O तथा मुख्य फोकस F1 के बीच बनाती है।
               जब बिम्ब अनंत तथा अवतल लेंस के प्रकाशिक केन्द्र O के बीच हो तो प्रतिबिम्ब का बनना
प्रतिबिम्ब की स्थिति : मुख्य फोकस, F1 तथा प्रकाशिक केन्द्र O के बीच
प्रतिबिम्ब का आकार : छोटा
प्रतिबिम्ब की प्रकृति : आभासी तथा सीधा