हाइड्रा किसे कहते हैं | हाइड्रा की परिभाषा क्या है विशेषताओं अर्थ मतलब संरचना फोटो Hydra in hindi

Hydra in hindi meaning and definition हाइड्रा किसे कहते हैं | हाइड्रा की परिभाषा क्या है विशेषताओं अर्थ मतलब संरचना फोटो ?

हाइड्रा (Hydra): विविध शाखाओं या टेंटकल वाला जीव । 

हाइड्रा एक जीव होता है जिसका चित्र ऊपर दिखाया गया है , यह कुछ मिलीमीटर का होता है और इसका आकार इतना सूक्ष्म अर्थात छोटा होता है कि इसे देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी का प्रयोग किया जाता है | इसे जलव्याल भी कहा जाता है और जीव विज्ञान के ‘निडेरिया संघ’ का जन्तु माना जाता है | यह एक जलीय जन्तु होता है अर्थात यह जल में पाया जाने वाला जन्तु होता है | हाइड्रा में अलैंगिक प्रकार का जनन पाया जाता है तथा इस जन्तु में इसका शरीर अनेक छोटे छोटे टुकड़ों में विभक्त हो जाता है और प्रत्येक भाग टुकडें में बुद्धि करके एक नए जीव में परिवर्तित हो जाता है अर्थात इसका प्रत्येक टुकड़ा अथवा भाग एक नया जीव बना लेता है इस प्रकार एक हाइड्रा से कई हाइड्रा का निर्माण हो जाता है चूँकि यह अलैंगिक प्रकार का जनन है इसलिए हम कहते है हाइड्रा  जन्तु में अलैंगिक प्रकार का जनन पाया जाता है | जनन की इस विधि को पुनरुद् भवन कहते है | हाइड्रा जन्तु के शरीर में मल उत्सर्जन के लिए मल उत्सर्जन तंत्र नहीं पाया जाता है , इसमें मल का उत्सर्जन विसरण विधि द्वारा संपन्न होता है |

उद्देश्य
इस इकाई को पढ़ने के बाद, आप,
ऽ ‘‘नागरिक धर्म‘‘ की अवधारणा को परिभाषित कर सकेंगे,
ऽ नागरिक धर्म की प्रकृति और विकास को रेखांकित कर सकेंगे, और
ऽ नागरिक धर्म के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख कर सकेंगे।

प्रस्तावना
पिछली इकाई में हमने अनुष्ठानों के तुलनात्मक सिद्धांतों का अध्ययन किया था। अगली दो इकाइयों में अफ्रीकी जनजाति और दक्षिण पूर्व एशिया के जावा समाज से संबंधित अनुष्ठानों पर आधारित दो केस अध्ययनों के माध्यम से विभिन्न समाजों में मौजूद अनुष्ठानों के उदाहरण प्रस्तुत किए गए हैं।

यह इकाई भी अनुष्ठान और समाज के धार्मिक पक्षों से गूढ़ रूप में जुड़ी हुई है। पर कैसे, इस प्रश्न का जवाब देने के लिए आपका धर्मनिरपेक्ष और धार्मिक, दोनों प्रकार के अनुष्ठानों और नागरिक धर्म की अवधारणा के अंतः सम्बन्ध को जानना जरूरी है।

इस इकाई के अनुभाग 9.2 में नागरिक धर्म की अवधारणा की परिभाषा प्रस्तुत की जायेगी। अनुभाग 9.3 में नागरिक धर्म की प्रकृति और विकास को संक्षेप में रेखांकित किया जायेगा और अनुभाग 9.4 में विभिन्न कालों में और विभिन्न समाजों में पाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के नागरिक धर्म की चर्चा की जायेगी। अन्ततः अनुभाग 9.5 में इस इकाई का सारांश प्रस्तुत किया जायेगा।

सारांश
इस इकाई में आपके समक्ष नागरिक धर्म के विभिन्न आयामों की व्याख्या प्रस्तुत की गई। नागरिक धर्म को ‘‘राजनीतिक राज्य के हाल के इतिहास में प्राप्त कुछ नागरिक मूल्यों और परम्पराओं के प्रति धार्मिक या अधार्मिक सम्मान‘‘ के रूप में परिभाषित किया गया है। आप जानते हैं कि यह अवधारणा अर्द्धधार्मिक भाव या सम्मान के साथ जुड़ी हुई हैं जिसके तहत महान राजनीतिक घटनाएं और महान व्यक्तियों के जन्मदिन या पुण्य तिथियाँ धूम-धाम के साथ मनायी जाती हैं।

नागरिक धर्म कोई नयी संकल्पना नहीं है बल्कि यह प्राचीन यूनान और रोमन समाजों में भी पाई जाती थी। नागरिक धर्म में हम राजनीतिक और धार्मिक तत्वों का मिला जुला रूप पाते हैं। यह द्वितीय विश्वयुद्ध तक के जापानी इतिहास में भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। फ्रांसीसी क्रांति के दौरान ‘‘पितृ‘‘ की अवधारणा सामने आई और इससे राजनीतिक राज्य की नयी संकल्पना भी उभरी। इसके अनुसार राज्य अपने नागरिकों के प्रति पितृ भाव रखता हैं। इसके अलावा आपने जीन.जे. रूसो का भी अध्ययन किया जिन्होंने पहली बार ‘‘नागरिक धर्म‘‘ का उल्लेख अपनी राजनीतिक दर्शन से सम्बध पुस्तक ‘‘स्पेशल कॉन्ट्रैक्ट‘‘ (1762) में किया था।

अन्ततः आपने इस इकाई में संक्षेप में मानव इतिहास में नागरिक धर्म की आवधारणा की प्रकृति और विकास की जानकारी प्राप्त की। हमने (प) प्राचीन यूनान और रोमन नगर राज्यों (पप) फ्रांसीसी क्रांति और उसके बाद के फ्रांसीसी समाज और (पपप) अमेरिकी समाज में मौजूद नागरिक धर्म के विभिन्न प्रकारों से भी आपको परिचित कराया।

अब आप नागरिक धर्म की संकल्पना और वास्तविकता को समझने और व्यक्त करने की स्थिति में हैं।

शब्दावली
नागरिक संबंधी (Civils): नागरिक होने से सम्बद्ध
व्यक्तिक्रमी (Defaulters): निर्धारित नियमों के विपरीत जाने वाला व्यक्ति
विध्वंस (Holocaust): नाजियों द्वारा दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान बड़े पैमाने पर यहूदियों की हत्या।
मानव आंदोलन (Human Movement): कुछ विशेष सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक या पर्यावरणीय कारणों से भारी संख्या में लोगों का एक भौगोलिक क्षेत्र से दूसरे भौगोलिक क्षेत्र में जाना।
देशभक्ति (Patriotism): देश के प्रति प्यार या निष्ठा ।
पुनर्जन्म (Regeneration): समाज के पतन और विनाश के कुछ काल बाद नयी सामाजिक संस्थाओं, व्यवस्थाओं, मूल्यों और विश्वासों का उदय।
सामाजिक समझौता (Social Contract):: सौहार्दपूर्ण सामाजिक जीवन, के लिए मनुष्य द्वारा कुछ
कायदों और मूल्यों को स्वीकार करना।
त्रिसिद्धान्त (Trinity): ईश्वर, पिता, ईसा मसीह, पुत्र और पवित्र प्रेतात्मा का पवित्र मिलन। यह ईसाई मत के विश्वास और धर्म सिद्धान्त का एक हिस्सा है।

 कुछ उपयोगी पुस्तकें
हरग्रोव, बारबरा, 1989: दिसोसिओलोजी आफ रिलिजन: क्लासिक एंड कन्टेम्परेरी एप्रोचेज, अरलिगटन हाइट्स, इलिनयस ।
निसबेत, राबर्ट, 1968: सामाजिक विज्ञान के अंतरराष्ट्रीय इन्साइक्लोपीडिया के खंड 1, पृष्ठ 524-527 में ‘‘सिविल रिलिजन‘‘ मैक्मिलन और फ्री प्रेस ।
वुथनो राबर्ट, 1968: दि रिस्ट्रक्चरिंग ऑफ अमेरिकन रिलिजन सोसाइटी एंड फेथ सिंस वर्ल्डवार प्प्, प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी प्रेस ।