(halides of phosphorus in hindi) फास्फोरस के हैलाइड : वह यौगिक जो फास्फोरस हेलोजन के साथ मिलकर बनाता है उसे फास्फोरस का हैलाइड कहते है , यह दो PX3 और PX5 प्रकार का हो सकता है , यहाँ X हैलोजन को दर्शाता है , यहाँ X के साथ स्थान पर F , Br , I और Cl आदि हैलोजन हो सकते है। फास्फोरस के सबसे ज्यादा मुख्य हैलाइड में क्लोराइड आता है , ये क्लोराइड प्रकृति में सहसंयोजक प्रकृति के होते है , हम यहाँ फास्फोरस के मुख्य हैलाइड का अध्ययन विस्तार से कर रहे है।
1. फास्फोरस ट्राईक्लोराइड
फास्फोरस का यह हैलाइड तेल की तरह चिकना होता है , यह एक जानलेवा पदार्थ की तरह प्रकृति का होता है , इसमें फास्फोरस परमाणु की संकरण अवस्था sp3 होती है। इसका सूत्र PCl3 होता है। फास्फोरस ट्राईक्लोराइड की आकृति त्रिकोणीय पिरामिड की तरह होता है , इसकी संरचना चित्र को यहाँ दर्शाया गया है –
बनाने की विधियाँ
1. जब श्वेत या लाल फास्फोरस पर शुष्क क्लोरिन गैस को प्रवाहित किया जाता है तो हमें उत्पाद के रूप में या अभिक्रिया के फलस्वरूप फास्फोरस ट्राईक्लोराइड प्राप्त होती है , यह क्रिया निम्न प्रकार संपन्न होती है –
P4 + 6Cl2 → 4PCl3
2. जब श्वेत फास्फोरस की अभिक्रिया थायोनिल के साथ करवाई जाती है तो क्रिया के बाद हमें फास्फोरस ट्राईक्लोराइड प्राप्त होती है जिसकी क्रिया निम्न प्रकार संपन्न होती है –
P + 8SOCl2 → 4PCl3 + 4SO2 + 2S2Cl2
फास्फोरस ट्राईक्लोराइड के भौतिक और रासायनिक गुण
- यह रंगहीन द्रव होता है।
- यह तेल के समान तैलीय पदार्थ होता है।
- फास्फोरस ट्राईक्लोराइड का नमी की उपस्थिति में जल अपघटन हो जाता है , इसकी क्रिया निम्न प्रकार होती है –
PCl3 + 3H2O → H3PO3 + 3HCl
- इसकी संरचना त्रिकोणीय पिरामिड के समान होती है जो कि NH3 की संरचना के ही समान होती है।
- इसमें एकांकी इलेक्ट्रॉन युग्म उपस्थित रहता है और इसके कारण यह लुईस क्षार की तरह व्यवहार करता है।
2. फास्फोरस पेंटाक्लोराइड
यह एक हल्का पिला-श्वेत रंग का पदार्थ होता है यह बहुत ही मुलायम ठोस के रूप में पाया जाता है। फास्फोरस पेंटाक्लोराइड आर्गेनिक विलायको में आसानी से घुल जाते है इन आर्गेनिक विलायको में कार्बन टेट्राक्लोराइड, बेंजीन, कार्बन डाइसल्फ़ाइड, डायथाइल ईथर आदि शामिल है। इसकी संरचना त्रिकोणीय द्वि-पिरामिड के रूप में पाया जाता है। इसका सूत्र PCl5 होता है।
फास्फोरस पेंटाक्लोराइड बनाने की विधियाँ
1. जब श्वेत फास्फोरस की क्रिया शुष्क क्लोरिन के आधिक्य के साथ करवाई जाती है तो क्रिया के बाद हम फास्फोरस पेंटाक्लोराइड प्राप्त होती है , यह क्रिया निम्न प्रकार होती है –
P4 + 10Cl2 → 4PCl5
2. जब श्वेत फास्फोरस की क्रिया सल्फ्यूरिक क्लोराइड के साथ करायी जाती है तो फास्फोरस पेंटाक्लोराइड प्राप्त होता है , इसकी अभिक्रिया निम्न प्रकार संपन्न होती है
P4 + 10SO2Cl2 → 4PCl5 + 10SO2
फास्फोरस पेंटाक्लोराइड के रासायनिक और भौतिक गुण
- यह हलके पीले-सफ़ेद रंग का पाउडर होता है जो बहुत ही मुलायम होता है।
- इसका रासायनिक सूत्र PCl5 होता है।
- यह नम वायु की उपस्थिति में अपघटित हो जाता है और अपघटित होकर POCl3 देता है। यह पदार्थ आगे एक निश्चित समय के बाद फास्फोरिक अम्ल में परिवर्तित हो जाता है , इसकी निम्न अभिक्रियाएँ होती है –
PCl5 + H2O → POCl3 + 2HCl
POCl3 + 3H2O → H3PO4 + 3HCl
- इसे गर्म करने पर इसका उधर्वपातन हो जाता है और अधिक गर्म करने पर यह फास्फोरस ट्राईक्लोराइड में निम्न प्रकार वियोजित हो जाता है –
PCl5 → PCl3 + Cl2
- यह कुछ विभाजित धातुओं जैसे चांदी सोना और टिन आदि के साथ क्रिया करके उन धातुओं के हैलाइड का निर्माण करते है , यहाँ सोने के साथ क्रिया करके अभिक्रिया को समझाया गया है –
2Ag + PCl5 → 2AgCl + PCl3