GST लागू करने का सुझाव किसने दिया था ? gst laagu karne ka sujhav kisne diya gst first recommended by which committee in hindi

gst first recommended by which committee in hindi GST लागू करने का सुझाव किसने दिया था ? gst laagu karne ka sujhav kisne diya ?

GST लागू करने का सुझाव किसने दिया था ?

उत्तर : जीएसटी लागू करने का सुझाव “केलकर समिति ” द्वारा सुझाव दिया गया।
पृष्ठभूमि : सर्वप्रथम 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी और उनके आर्थिक सलाहकार के मध्य एक बैठक आयोजित हुई। करों (टेक्स) में सुधार करने के उद्देश्य से इस बैठक में पहली बार GST लागू करने का सुझाव रखा गया था इस बैठक में एकल माल और सेवा कर अर्थात one goods and service tax लागू करने की बात की गयी और यह टैक्स पूरे देश में एक समान लागू होगा।
भारत देश में GST का रोडमैप तैयार करने के लिए पश्चिम बंगाल राज्य के तत्कालीन वित्त मंत्री असीम दास गुप्ता के नेतृत्व में एक कार्यदल अर्थात टास्क फ़ोर्स का गठन किया गया। असिम दासगुप्ता की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया जिसका कार्य यह था कि GST को भारत में कैसे लाया जाए और इसे लागु करने के नुकसान , फायदे और इसे लागू करने में आने वाली बाधाओं को कैसे दूर किया जाए आदि विषयों पर विचार कर इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपना। इसके अलावा इसका यह भी मुख्य कार्य था कि भारत में GST भी करना आवश्यक है या नहीं अर्थात भारत देश में इस प्रकार का टैक्स कारगर भी साबित होगा या नहीं।
कुछ कारणों की वजह से असिम दास गुप्ता द्वारा यह कार्य पूर्ण नहीं किया गया।
2002 में तत्कालीन वाजपेयी सरकार द्वारा करों में सुधार करने की सिफारिशों के लिए विजय केलकर के नेतृत्व में केलकर नामक समिति का गठन किया गया।
केलकर समिति के द्वारा भारत देश में GST लागू करने का सुझाव दिया गया। तब तक कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार सत्ता में आ गयी थी , तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी GST पर कार्य जारी रखा और पहली बार 2006 के बजट भाषण में वित्त मंत्री द्वारा पूरे भारत देश में 1 अप्रैल 2010 से GST लागू करने का प्रस्ताव रखा गया या लागू करने की घोषणा की गयी।
लेकिन कुछ कारणों के कारण इसे 1 अप्रैल 2010 से लागू नहीं किया जा सका। क्योंकि GST लागू करने के लिए संवैधानिक संशोधन आवश्यक था अर्थात यह संविधान में करों में शामिल नहीं था और भारत में किसी भी टैक्स को लागू करने के लिए यह संविधान में लिखित में होना आवश्यक होना चाहिए। इसलिए 115 वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया गया परन्तु इसे पास या पारित नहीं किया जा सका इसलिए GST 1 अप्रैल 2010 से लागू नहीं किया जा सका।
2014 में पुनः सत्ता परिवर्तन होता है और नयी सरकार द्वारा 122 वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया गया। और यह विधेयक पारित कर दिया गया तथा संविधान में 101 वां संशोधन किया गया।
इस विधेयक में भारत की सरकार द्वारा निम्नलिखित कानूनों को पारित किया गया –
CGST अधिनियम
IGST अधिनियम
GST राज्यों को क्षतिपूर्ति अधिनियम।
Central Goods and Services Tax अधियम (CGST अधिनियम)
Integrated Goods and Services Tax Act (IGST अधिनियम)
IGST अधिनियम : जब व्यापार दो राज्यों के मध्य हो रहा हो तो टैक्स सीधे दो एक ही प्रकार का कर लिया जायेगा जिसे केंद्र द्वारा IGST के रूप में लिया जाता है। 
CGST अधिनियम : एक ही राज्य के अन्दर व्यापार होने की स्थिति में व्यापारी से दो प्रकार से कर लिए जा सकते है CGST & SGST , इसमें CGST कर केंद्र सरकार द्वारा लिया जाता है और SGST राज्य सरकार द्वारा लिया जाता है। इसमें कर GST के आधार पर भी लिया जाता है लेकिन सुविधा के लिए इन्हें आपस में संभवतः आधा आधा बाँट लिया जाता है , अर्थात 50% हिस्सा राज्य सरकार और 50% हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा लिया जाता है।
इसके लिए ही GST लागू करते समय केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को SGST अधिनियम मॉडल तैयार करके दिया गया जिसके बाद सभी सरकारों ने अलग अलग समय पर अपने राज्य में इस SGST अधिनियम को पारित किया गया।
और इस तरह 1 जुलाई 2017 को भारत देश में एक साथ पूरे देश में GST को लागू कर दिया गया।
GST जिसका पूरा नाम goods and service tax और इसे हिंदी में अर्थात जीएसटी की हिंदी में फुल फॉर्म वस्तु एवं सेवा कर होता है।