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मुक्त एवं बद्ध आवेश क्या है free and bond charges in hindi

By   January 20, 2018

free and bond charges in hindi मुक्त एवं बद्ध आवेश  : हम सभी जानते है की प्रत्येक पदार्थ परमाणुओं से मिलकर बना होता है तथा परमाणु में इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर कक्षाओं में चक्कर लगाते है , जो कक्षाएं नाभिक के निकट होती है उनमे चक्कर लगा रहे इलेक्ट्रोनो पर नाभिकीय बल का आकर्षण बल अधिक प्रभावी होता है , इन इलेक्ट्रोनो या आवेशों को बद्ध आवेश कहा जाता है।

तथा जो इलेक्ट्रॉन या आवेश नाभिक से दूर स्थित कक्षाओं में चक्कर लगाते है उन्हें मुक्त आवेश कहते है।

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धात्विक चालकों में बाह्यतम कक्षाओं में उपस्थित इलेक्ट्रॉनो पर नाभिक का आकर्षण बल बहुत कम होता है और इसलिए चालकों के परमाणुओं के बाह्यतम कक्षा के इलेक्ट्रॉन स्वतंत्र रूप से विचरण कर सकते है , इन स्वतंत्र रूप से विचरण करने वाले इलेक्ट्रॉनो को मुक्त इलेक्ट्रॉन कहते है। लेकिन मुक्त विचरण का अभिप्राय यह नहीं है की वे परमाणु से बाहर आ जाए अर्थात इलेक्ट्रॉन परमाणुओं से बाहर नहीं आ सकते।

वे परमाणु जिनके बाह्यतम कक्षा के इलेक्ट्रॉन विचरण करने के लिए स्वतंत्र होते है वे विद्युत क्षेत्र की उपस्थिति में सभी इलेक्ट्रॉन एक निश्चित दिशा में गति करते हैजिससे चालकों में धारा का प्रवाह होता है , धारा के प्रवाह में केवल मुक्त इलेक्ट्रॉन ही योगदान करते है।

बद्ध इलेक्ट्रॉन नाभिकीय बल से बंधे हुए रहते है अतः ये विचरण करने के लिए स्वतंत्र नहीं होते है और धारा के प्रवाह में अपना योगदान नहीं दे पाते है।

कुचालक पदार्थों में उपस्थित परमाणु में बाह्यतम कक्षाओं में स्थित इलेक्ट्रॉन भी नाभिकीय आकर्षण बल का प्रभाव अधिक रहता है अर्थात कुचालक के परमाणुओं में नाभिक से बाह्यतम कक्षा के इलेक्ट्रॉन बद्ध (बंधे) रहते है जिससे ये गति नहीं कर पाते और इससे कुचालक पदार्थों में धारा का प्रवाह नहीं हो पाता है।