JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: BiologyBiology

फ्लोरा क्या है | फ्लोरा की परिभाषा किसे कहते है ? flora in hindi meaning definition प्रकार उदाहरण

flora in hindi meaning definition फ्लोरा क्या है | फ्लोरा की परिभाषा किसे कहते है ? प्रकार उदाहरण ?

वर्गिकीय साहित्य (taxonomic literature) : वर्गिकीय साहित्य का उपयोग विभिन्न पादप प्रजातियों की पहचान , वर्णन और नामकरण के लिए किया जाता है। किसी नए अज्ञात पादप की खोज के पश्चात् उसके बारे में जानकारी पूर्व प्रकाशित सामग्री द्वारा प्राप्त की जाती है। इस प्रकार का साहित्य अर्थात वनस्पति विज्ञान की सभी पुस्तकें , वनस्पतिजात , मैग्जीन , शब्दकोश , सूची पत्र आदि जिनमें पादप वर्गिकी का वर्णन किया गया है वर्गिकीय साहित्य की श्रेणी में आते है। वास्तव में वर्गिकीय साहित्य एक अन्तर्राष्ट्रीय विषय है और वर्गिकी वैज्ञानिकों को पादपों के अध्ययन अर्थात पहचान , वर्गीकरण और नामकरण आदि में महत्वपूर्ण साधन है।

उपयोगितानुसार वर्गिकी साहित्य को निम्नलिखित प्रमुख श्रेणियों में विभेदित किया जा सकता है –

1. सामान्य इन्डेक्स (general indexes)

इंडेक्स या अनुक्रमणिका पादपों की सूचीपत्र उपलब्ध करवाते है जिसमें सभी वर्गकों के प्रकाशन की जानकारी क्रमानुसार संकलित होती है। इंडेक्स में पादपों की सूचि , उनके वानस्पतिक नाम और प्रकाशित पत्रों के सारांश सम्मिलित है। महत्वपूर्ण इन्डेक्स नियमनुसार है –
(i) ग्रे हर्बेरियम कार्ड इन्डेक्स (gray herbarium card index) : यह 1873 से कैम्ब्रिज से प्रकाशित होता है। इसमें पुष्पीय पादपों और फर्न के लगभग 2,60,000 कार्ड्स के अंकतीकरण किये गये है।
(ii) इंडेक्स क्यूएन्सिस (index kewensis plantarum phanerogamarum) : यह सन 1893 से ऑक्सफ़ोर्ड से प्रकाशित हो रहा है। इसके अब तक 2 खण्ड और 18 परिपूरक प्रकाशित हो चुके है। इसमें बीजी पादपों की विस्तृत सूची उपलब्ध है। इसके मूल कार्य का संकलन सन 1893-1895 में जे.डी. हुकर के निर्देशन में हुआ था। उन्होंने वर्णमाला क्रमानुसार 3,75,000 पौधों का द्विनाम पद्धती के अनुसार वर्णन प्रस्तुत किया। इसमें बीजी पादपों की जातियों , वंशो , कुलों , पर्यायवाची , उत्पत्ति स्थान और लेखक का उल्लेख भी सम्मिलित किया जाता है। अत: यह कार्य वर्गिकीवेताओं के लिए परम आवश्यक सन्दर्भ कहा जा सकता है।
(iii) जेनेरा साइफोनोगेमरम (genera siphonogamarum , berlin 1907) : इसमें एंगलर प्रान्टल की पद्धति के अनुसार व्यवस्थित बीजी पादपों , कुलों और वंशों की सूची दी गयी है।
(iv) इन्डेक्स लंदनेन्सिस (index landonensis 1929-1941) : इसे क्यू से संकलित किया गया। यह 1753 से 1935 तक प्राप्त संवहनी पौधों के प्रादर्श चित्रों की एक सूची है। इसके पश्चात् , इंडेक्स क्यूएन्सिस में इसको सम्मिलित किया गया।

2. फ्लोरा (flora )

ऐसी पुस्तक अथवा ग्रन्थ जिसमें किसी विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र की समस्त पादप प्रजातियों का (विशेषकर पुष्पीय पादपों) किसी विशेष वर्गीकरण प्रणाली के अनुसार विवरण दिया जाता है , फ्लोरा अथवा वनस्पतिजात कहलाता है। लारेन्स के अनुसार फ्लोरा को मैन्युअल भी कहते है।
सामान्यतया इनमें पौधों की पहचान के लिए कृत्रिम कुंजियो का उल्लेख होता है। मैन्युअल में मात्र फ्लोरा का वर्णन करने के बजाय इनमें पादपों के विशिष्ट समूहों का विस्तृत वर्णन दिया जाता है , जैसे घास , प्रतृण , आर्किड आदि का विवरण। इस प्रकार की भिन्नताओं के होते हुए भी दोनों शब्दों वनस्पति जात और मैन्युअल को सहनाम अथवा पर्यायवाची के रूप में प्रयोग में लाया जाता है।
फ्लोरा में प्राय: कुंजियो को कुलों या वंशों के लिए प्रदान किया जाता है जो दिए गए क्षेत्र में पाए जाते है। यह आरंभिक पहचान के स्तर तक सहायक होते है , आगे का निश्चितिकरण दूसरे उपयुक्त साहित्य द्वारा किया जाता है।
भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर अध्ययन की सुविधा हेतु फ्लोरा को निम्नलिखित श्रेणियों में बाँटा जा सकता है –
(A) राष्ट्रीय फ्लोरा (national flora) : यह किसी भी देश में पाए जाने वाली पादप प्रजातियों का विवरण देने वाला अधिकारिक और प्रमाणिक प्रकाशन होता है। भारतवर्ष के पुष्पीय पौधों की पहचान करने के लिए कुछ चयनित फ्लोरा और मैन्युअल निम्नानुसार है –
1. फ्लोरा ऑफ़ ब्रिटिश इंडिया : सर जे.डी. हुकर (1875-1897) ने इस फ्लोरा को सात खण्डो से प्रकाशित किया। इसमें ब्रिटिश राज के समय भौगोलिक क्षेत्र भारतवर्ष के सभी क्षेत्रों के पुष्पीय पौधों का विवरण और पहचान के आधारमूल लक्षण दिए गए है।
2. फ्लोरा इण्डिका : इसे विलियम रोक्सबर्ग (1832) द्वारा 3 खण्डों में प्रकाशित किया था। यह भारतीय उपमहाद्वीप के बीजी पादपों की जानकारी उपलब्ध कराता है।
3. द. ग्रासेज ऑफ़ इण्डिन सबकांटीनेंट (the grasses of burma ceylon india and pakistan) : इसे एन. एल. बोर द्वारा 1960 में प्रस्तुत किया था इसमें भारतीय उपमहाद्वीप की घासों का संक्षिप्त विवरण और उनकी पहचान के लिए लक्षणों की क्रमबद्ध सूची दी गयी है।
4. इंडियन ट्रीज : डी. ब्रेडिस (1906) द्वारा प्रस्तुत इस फ्लोरा में भारतीय उपमहाद्वीप के वृक्षों के विषय में विस्तृत सूचनाएँ दी गयी है।
इसी प्रकार अन्य देशों के राष्ट्रीय फ्लोरा भी उपलब्ध है जो वहां की वनस्पति का विवरण देते है।
जैसे –
  • फ्लोरा ऑफ़ ट्रोपिकल अफ्रीका : हचिन्सन और दोजिल (1927-1929)
  • नार्थ अमेरिकन फ्लोरा : ब्रिटॉन आदि (1905)
  • फ्लोरा ऑस्ट्रेलियेन्सिस : बैन्न्थम जी. (1863-1878)
  • फ्लोरा ऑफ़ न्यूजीलैंड : मूर (1961 , 1970)

B. प्रादेशिक अथवा राज्य फ्लोरा (state flora)

वह प्रामाणिक ग्रन्थ जिसमें राज्य विशेष अथवा देश के बड़े भौगोलिक क्षेत्र की पादप प्रजातियों का वर्णन किया गया हो प्रादेशिक फ्लोरा कहलाता है , जैसे –
(i) फ्लोरा ऑफ़ राजस्थान (खंड 1 से 3) : शेट्टी और सिंह (1988 – 93)
(ii) फ्लोरा ऑफ़ इंडियन डेजर्ट : एम. एम. भण्डारी (1990)
(iii) फ्लोरा ऑफ नार्थ वेस्ट राजस्थान : शिव शर्मा (1979)
(iv) फ्लोरा ऑफ़ अपर गेन्गेटिक प्लेन : जे. एफ. डथी (1903-1922)
(v) फ्लोरा ऑफ इस्टर्न हिमालय : एच. हारा (1966)
(vi) फ्लोरा ऑफ़ कुमाऊ : जे. एफ. वाटसन (1824)
(vii) फ्लोरा ऑफ हिमाचल प्रदेश : एच. जे. चौधरी और बी. एम. वाधवा (1984)
(viii) द फ्लोरा ऑफ़ साउथ इंडियन हिल्स : पी. एफ. फायसन (1932)
(ix) फ्लोरा ऑफ आसाम : यू. कांजीलाल (1934)
(x) द. फ्लोरा ऑफ़ सोराष्ट्रा : एच. सांतापाऊ (1962)

(C) स्थानीय अथवा जिलास्तरीय फ्लोरा (disctrict flora)

जिस पुस्तक में किसी सिमित भौगोलिक क्षेत्र जैसे तहसील , शहर या एक जिले के पुष्पीय पादपों का वर्णन किया गया हो , स्थानीय फ्लोरा की श्रेणी में रखा जाता है , जैसे –
(i) फ्लोरा ऑफ़ देहली : जे.के. माहेश्वरी (1963)
(ii) फ्लोरा ऑफ़ कालीकट : शिवराजन और मनीलाल (1982)
(iii) फ्लोरा ऑफ मसूरी : रायजादा और सक्सेना (1978)
(iv) फ्लोरा ऑफ़ बाँसवाड़ा डिस्ट्रिक्ट : वी. सिंह (1983)
(v) फ्लोरा ऑफ टोंक डिस्ट्रिक्ट : बी. वी. शेट्टी।
(vi) फ्लोरा शिमलेन्सिस : एच. कोलेट (1902)
(vii) द फ्लोरा ऑफ भोपाल : जे. के. जैन (1977)
(viii) फ्लोरा ऑफ़ बैंगलोर : रामास्वामी और राजी (1973)
(ix) फ्लोरा ऑफ़ चामोली : बी. डी. नेथानी (1984)
(x) आर्किड्स ऑफ़ बोम्बे : शान्तापाऊ और कपाडिया (1966)

3. मोनोग्राफ (monograph)

किसी विशेष वर्गक जैसे – पादप वंश , कुल , गण अथवा अन्य वर्गक का विवरण प्रदान करने वाली पुस्तक को मोनोग्राफ कहते है अर्थात किसी एक वर्गक के बारे में पूरी जानकारी सभी पहलुओं जैसे आकारिकी , वर्गिकी , शारीरिकी , जातिवृत , भ्रौणिकी और पारिस्थितिकी और ऐसी ही अन्य सूचनाएँ मोनोग्राफ में उपलब्ध करवाई जाती है। मोनोग्राफ में नामकरण , पहचान कुंजी , पादप वर्णन और अध्ययन किये गए पादप प्रदेशों का उल्लेख आदि सम्मिलित रहता है। प्रमुख मोनोग्राफ प्रकाशनों के उदाहरण निम्नलिखित प्रकार से है –
(i) एच. सांतापाऊ (1962) : एकेन्थेसी ऑफ बोम्बे।
(ii) के. के. शर्मा (1989) : दि फ्लोरा ऑफ राजस्थान , इन्फेरी।
(iii) के. एम. गुप्ता (1962) : बोटेनिकल मोनोग्राफ नं. 2 , मारसीलिया।
(iv) के. सुब्रामनियम (1962) : बोटेनिकल मोनोग्राफ नं. 3 – एक्वेटिक एंजियोस्पर्म्स।
(v) पी. माहेश्वरी (1961) : बोटेनिकल मोनोग्राफ नं. नीटम।

4. आइकोन्स अथवा चित्रग्रन्थ (icones)

वानस्पतिक साहित्य से सम्बद्ध ऐसा प्रमाणिक ग्रन्थ अथवा पुस्तक जिसमें विभिन्न पौधों अथवा उनकी शाखाओं के हु-ब-हु चित्र बनाये जाते है और जो पौधों की वर्गिकीय पहचान में प्रभावी रूप से सहायक होते है , आइकोंस कहलाते है।
आइकोन्स में पौधों के सूक्ष्म आकारिकी लक्षणों जैसे रोम , कंटक , प्रतान आदि को भी भलीभांति चित्रित किया जाता है , साथ ही इन चित्रों में पुष्प और फल की आकारिकी को विशेष रूप से स्पष्ट किया जाता है।
प्रमुख आइकोन्स के उदाहरण निम्नलिखित प्रकार से है –
(i) आर. वाइट (1853) : आइकोन्स प्लान्टेरम इंडी ओरियेन्टेलिस , 6 भाग
(ii) आर. वाइट (1850) : इलस्ट्रेशंस ऑफ़ इंडियन बोटेनी।
(iii) जे. के. माहेश्वरी (1966) :  इलस्ट्रेशंस टू फ्लोरा ऑफ़ देहली।
(iv) रॉक्सबर्ग (1824) : फ्लोरा इण्डिका।

5. वर्गिकीय पत्रिकाएँ (taxonomic journals)

विभिन्न वैज्ञानिक संस्थान या अनुसन्धान केंद्र समय समय पर होने वाले शोध कार्यो का प्रकाशन अपनी शोध पत्रिकाओं के माध्यम से प्रकाशित करते है। ये शोध पत्रिकाएँ राष्ट्रीय या अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित होती है , जिनका प्रकाशन निश्चित अन्तराल (1 माह , 3 माह या 6 माह) पर होता रहता है। वर्गिकी से सम्बन्धित कुछ शोध पत्रिकाएँ निम्नानुसार है –
(i) बुलेटिन ऑफ़ बोटेनिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया
(ii) इण्डियन फोरेस्टर।
(iii) जर्नल ऑफ़ बोम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी
(iv) बुलेटिन ऑफ़ बोटेनिकल सोसायटी ऑफ़ बंगाल।
(v) एनल्स ऑफ़ एरिड जोन।
(vi) रिकार्ड ऑफ़ बोटेनिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया।
(vii) द जनरल्स ऑफ़ इण्डियन बोटेनिकल सोसायटी।
(viii) क्यू बुलेटिन।

प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1 : हर्बेरियमशीट की साइज होती है –
(अ) 11.50 x 17.50 इंच
(ब) 12 x 18 इंच
(स) 13 x 20  इंच
(द) 15 x 25  इंच
उत्तर : (अ) 11.50 x 17.50 इंच
प्रश्न 2 : वनस्पतिशास्त्र की बहिरंग प्रयोगशाला कहते है –
(अ) हर्बेरियम को
(ब) पादप चित्रों की पुस्तक को
(स) वनस्पति उद्यान को
(द) आइकोंस को
उत्तर : (स) वनस्पति उद्यान को
प्रश्न 3 : आइकोन्स उदाहरण है –
(अ) वनस्पति उद्यान का
(ब) पुस्तकालय का
(स) संग्रहालय का
(द) सन्दर्भ ग्रन्थ का
उत्तर : (ब) पुस्तकालय का
प्रश्न 4 : पादप संग्रहालय लखनऊ की स्थापना हुई –
(अ) 1938 में
(ब) 1918 में
(स) 1950 में
(द) 1845 में
उत्तर : (द) 1845 में
प्रश्न 5 : इंडियन बोटेनिकल गार्डन कोलकाता की स्थापना हुई –
(अ) 1767 में
(ब) 1787 में
(स) 1857 में
(द) 1864 में
उत्तर :  (ब) 1787 में
Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

1 month ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

1 month ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now