गुरुत्वीय त्वरण (g) को प्रभावित करने वाले कारक (factors affecting acceleration due to gravity)

(factors affecting acceleration due to gravity in hindi) गुरुत्वीय त्वरण (g) को प्रभावित करने वाले कारक : हम यहाँ अध्ययन करने वाले है कि गुरुत्वीय त्वरण अलग स्थिति में कैसे प्रभावित होती है और किन किन कारको पर निर्भर करती है।
हम यहाँ चार कारकों का अध्ययन करेंगे जिनसे गुरुत्वीय त्वरण का मान प्रभावित रहता है , फिर आगे अध्ययन करेंगे की इन चार कारणों से यह किस प्रकार व कितना प्रभावित होगा और इनके लिए सूत्र का नया रूप क्या होगा इत्यादि।
g का मान निम्न कारकों के कारण प्रभावित रहता है –
1. पृथ्वी का आकार (shape of earth)
2. वस्तु की पृथ्वी सतह से ऊँचाई (variation in g with height)
3. पिण्ड की पृथ्वी की सतह से गहराई (variation in g with depth)
4. पृथ्वी के अक्षीय घूर्णन के कारण (variation in g due to rotation of earth)
अब इन चारों कारकों को विस्तार से अध्ययन करते है और इनके प्रभाव के कारण गुरुत्वीय त्वरण का सूत्र ज्ञात करते है।

1. पृथ्वी का आकार (shape of earth)

हालाँकि हम यह मान लेते है कि पृथ्वी गोल है लेकिन पृथ्वी गोलाकार न होकर इसका दीर्घवृत्ताकार होती है , यही कारण है कि पृथ्वी की भूमध्यरेखीय त्रिज्या का मान ध्रुवीय त्रिज्या से भिन्न होता है , गणना से यह पाया गया है कि भूमध्य त्रिज्या का मान , ध्रुवीय त्रिज्या के मान से लगभग 21 किलोमीटर अधिक होता है।
चूँकि पृथ्वी की भूमध्यरेखीय त्रिज्या और ध्रुवीय त्रिज्या के मान अलग अलग होते है और हम जानते है कि गुरुत्वीय त्वरण का मान पृथ्वी की त्रिज्या R पर निर्भर करती है तो स्वभाविक है कि गुरुत्वीय त्वरण का मान भूमध्य रेखा ओर ध्रुवीय रेखा पर अलग होगा।
चूँकि Rभूमध्य रेखीय > Rध्रुवीय रेखीय
हम जानते है कि गुरुत्वीय त्वरण का मान पृथ्वी की त्रिज्या के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अत: ध्रुव पर गुरुत्वीय त्वरण का मान अधिक होता है और भूमध्य रेखा पर इसका मान कम होता है। 
अर्थात
gभूमध्य रेखीय < gध्रुवीय रेखीय
अत: भूमध्य रेखा से ध्रुवों पर जाने पर गुरुत्वीय त्वरण का मान बढ़ता है और इसी कारण वस्तु का भार भी बढ़ता जाता है।

2. वस्तु की पृथ्वी सतह से ऊँचाई (variation in g with height)

मान लेते है की पृथ्वी पूर्ण रूप से गोलाकार है तो पृथ्वी की सरह पर गुरुत्वीय त्वरण का मान निम्न होगा –

पृथ्वी की सतह से h ऊँचाई पर g का मान निम्न सूत्र द्वारा दिया जाता है , हमने h ऊंचाई पर गुरुत्वीय त्वरण को g’ कहा है तथा सतह पर गुरुत्वीय त्वरण को g द्वारा व्यक्त किया है

दोनों समीकरणों का प्रयोग कर हमें h उंचाई पर गुरुत्वीय त्वरण का मान ज्ञात करना है इसके लिए हम समीकरण ii में समीकरण i का भाग दे देते है

h ऊंचाई पर सतह की तुलना में कितना गुरुत्वीय त्वरण पाया जाता है इसके लिए हमें g’ का मान g को फॉर्म में निकालना पड़ेगा

इसे निम्न प्रकार भी लिखा जा सकता है –

 

निष्कर्ष : सूत्र को देखकर हम कह सकते है की पृथ्वी की सतह से जैसे जैसे ऊपर जाया जाता है वैसे वैसे गुरुत्वीय त्वरण का मान घटता जाता है।

3. पिण्ड की पृथ्वी की सतह से गहराई (variation in g with depth)

माना पृथ्वी का द्रव्यमान M है , त्रिज्या R व घनत्व ρ है तो पृथ्वी के द्रव्यमान को निम्न प्रकार लिखा जा सकता है –
पृथ्वी की तरह पर गुरुत्वीय त्वरण का मान
इस समीकरण में पृथ्वी के द्रव्यमान M का मान रखने पर
माना पृथ्वी की सतह से x गहराई में कोई वस्तु रखी हुई है जिसका द्रव्यमान  m है , अत: इस वस्तु पर कार्यरत गुरुत्वीय त्वरण g’ का मान निम्न होगा
अत:

समीकरण देखकर हम कह सकते है कि जैसे जैसे गहराई में जाया जाता है वैसे वैसे गुरुत्वीय त्वरण का मान कम हो जाता है , यदि वस्तु पृथ्वी के केंद्र पर स्थित हो अर्थात x = R हो तो इस स्थिति में समीकरण में x = R रखने पर हम देखते है कि g’ का मान शून्य प्राप्त होता है अत: पृथ्वी के केंद्र पर गुरुत्वीय त्वरण का मान शून्य होता है। यही कारण होता है कि पृथ्वी के केंद्र पर वस्तु का भार शून्य होता है।

4. पृथ्वी के अक्षीय घूर्णन के कारण (variation in g due to rotation of earth)

चूँकि हम जानते है कि पृथ्वी अपने अक्ष के परित: पश्चिम से पूर्व की तरफ घूर्णन करती रहती है , पृथ्वी के घूर्णन के कारण पृथ्वी के सतह पर उपस्थित वस्तु वृत्ताकार मार्ग पर गति करती रहती है , चूँकि पृथ्वी घूर्णन गति कर रही है अत: इसके लिए उसे एक अभिकेन्द्रीय बल की भी आवश्यकता होगी।
अत: वस्तु पर कार्यरत गुरुत्वाकर्षण बल का कुछ भाग अभिकेन्द्रिय बल के रूप में प्रयुक्त हो जाता है , इसलिए यहाँ पर परिणामी गुरुत्वाकर्षण बल का मान कम हो जाता है और इसके कारण यहाँ g का मान भी कम हो जाता है।
माना पृथ्वी की त्रिज्या R है , और यह अपने अक्ष के परित: w कोणीय वेग से घूर्णन कर रही है तो λ अक्षांश वाले स्थान पर प्रभावी गुरुत्वीय त्वरण g’ का मान निम्न सूत्र द्वारा दी जाती है
ध्रुवो के लिए λ = 90 होता है
अत: ध्रुवों पर प्रभावी गुरुत्व त्वरण का मान
g’ = g
अत: हम कह सकते है कि ध्रुवों पर पृथ्वी के घूर्णन का गुरुत्वीय त्वरण पर कोई प्रभाव नही पड़ता है।
भूमध्य रेखा के लिए λ = 0