(energy resources in hindi) ऊर्जा संसाधन :
शक्ति के साधन –
- नवीकरणीय
- अनवीकरणीय
ऊर्जा संसाधन –
- परंपरागत
- गैर परंपरागत : जिनका 1960 दशक के बाद निर्माण हुआ।
प्रश्न : निम्नलिखित में से कौनसा ऊर्जा का स्रोत परम्परागत ऊर्जा का स्रोत नहीं है ?
(a) परमाणु ऊर्जा (b) पवन ऊर्जा
(c) जल विद्युत ऊर्जा (d) तापीय (कोयला , पेट्रोलियम गैस )
उत्तर : (b) पवन ऊर्जा
परम्परागत ऊर्जा संसाधन
- तापीय ऊर्जा
कोयला
पेट्रोलियम गैस
प्राकृतिक गैस
2. परमाणु ऊर्जा (भट्टी)
3. जल विद्युत
4. लकड़ी
गैर परम्परागत ऊर्जा संसाधन:
- बायो गैस
- बायो मांस
- सौर ऊर्जा
- पवन ऊर्जा
- महासागरीय (ज्वरिय ऊर्जा)
- भू-तापीय
- हाइड्रोजन ऊर्जा
नवीनीकरण शक्ति के साधन :
- जल विद्युत
- सौर ऊर्जा
- पवन उर्जा
- बायो मांस
- बायो गैस
अनवीनीकरण शक्ति के साधन :
- (कोयला , पेट्रोलियम , प्राकृतिक गैसे ) तापीय ऊर्जा
- लकड़ी
- परमाणु भट्टी
- हाइड्रोजन ऊर्जा
- महासागरीय (ज्वारीय ऊर्जा)
सबसे अच्छा कोयला – एन्थ्रेसाईट (70-80%)
इससे अच्छा – बिटुमिनस (50-70%)
इससे अच्छा – लिग्नाईट (40-50%)
सबसे ख़राब कोयला – पीट (40% से कम)
प्रश्न : राजस्थान का निर्माण कैसे हुआ ?
उत्तर : गोंडवानालैण्ड से और टेथिस सागर से राजस्थान का निर्माण हुआ है।
खनिज संसाधन : ऐसे पदार्थ जो भू-पर्पटी में कुछ गहराई में प्राप्त होते है उन्हें ही खनिज कहते है।
भूगर्भ के अन्दर अनेक तत्व मिलते है , ये तत्व आपस में मिलकर यौगिक बनाते है उसे ही खनिज कहते है।
रंग , चमक , धारियां – भौतिक
पानी के साथ अभिक्रिया – रासायनिक
धात्विक : धात्विक अयस्क के रूप में मिलता है , इसे शुद्ध करके धातु प्राप्त करते है।
धातुओ में आघातवर्धता व तन्यता का गुण होता है।
लौहा युक्त : लोहा , मैगनीज , निकिल , क्रोमाईट , टंग्सटन
अलौह युक्त : सीसा-जस्ता , सोना-चाँदी , एल्युमिनियम आदि।
खनिज : अधात्विक भूगर्भ से जैसे प्राप्त होते है उन्हें वैसे ही काम में ले लेना।
भंगुरता गुण – टूट कर भीखरना
जैसे – संगमरमर
ऊर्जा युक्त : शक्ति प्रदान करते है।
जैसे – कोयला , खनिज तेल , प्राकृतिक गैसे , यूरेशियन मेथेन आदि।
लोहा अयस्क : भारत में सबसे अधिक लोहा अयस्क उत्तरी पूर्वी प्रायद्वीपीय पठार में मिलता है।
लोहे की किस्म –
- मैग्नीटाइट
- हेमेटाइट
- लिमोनाईट
- सिडेराइट
प्रश्न : सबसे अधिक उत्पादन करने वाला राज्य कौनसा है ?
उत्तर : उड़ीसा और कर्नाटक
लोहा उत्पादन करने वाले राज्य
- कर्नाटक – 24%
- उड़ीसा – 22%
- छत्तीसगढ़ – 20%
- गोवा – 18%
- झारखंड – 14%
- महाराष्ट्र
- आंध्रप्रदेश
- तमिलनाडु
अंतिम तीन राज्यों में सबसे कम लोह उत्पादन होता है।
खान :
A. मयूरभंज : गुरु महिसानी , सुलाएपथ , बादामपहाड़
B. सुन्दरगढ़ : बोनाई , सम्थलपुर , कटक
झारखंड :
जमरादुर – (टाटानगर)
नोआमंडी , गुहा , हजारीबास
लोहा इस्पात : लोहा इस्पात उद्योग एक आधारभुत उद्योग है , इसी उद्योग में सभी वस्तुओ का निर्माण होता है और यह किसी भी देश की औद्योगिकविकास की नींव है।
भारत में लोहा पिघलाने , ढालने तथा इस्पात तैयार करने का कार्य अत्यंत प्राचीन काल से ही अगारिय जाति यह कार्य करती थी इनके द्वारा तैयार किया गया लोहा इस्पात उच्च क्वालिटी का होता था , एतिहासिक तथ्यों के अनुसार पश्चिमी एशिया के दभिशक नगर में तलवारे भारतीय इस्पात से बनती थी , दिल्ली में कुतुबमीनार के लगा अशोक महान का लौह स्तम्भ लगभग 1700 वर्ष पुराना है , यह इस्पात का अनूठा उदाहरण है।
एल्युमिनियम उद्योग : लोहा और इस्पात उद्योग के बाद एल्युमिनियम उद्योग देश का दूसरा बड़ा महत्वपूर्ण उद्योग है। बोक्साइड धातु को शुद्ध करने पर एल्युमिना प्राप्त होता है। सामान्यतया 1 टन एल्युमिनियम बनाने के लिए से हजार किलोवाट विद्युत शक्ति 5 टन कास्टिक सोडा की आवश्यकता पडती है , यही कारण है कि में उद्योग कोयला या बिजली उत्पादन केंद्र के समीप ही स्थापित किया जाता है , एल्युमिनियम का उपयोग घरेलु बर्तन बिजली के तार , भवन निर्माण , प्रतिरक्षा उपकरण , रेल के डिब्बे , वायुयान , मोटर गाडी , फर्नीचर के निर्माण में बड़ी मात्रा में प्रयोग किया जाता है।