ज्वालामुखी का मानव जीवन पर प्रभाव क्या है effects of Volcanoes on Human life in hindi explain the impact ?
ज्वालामुखी का मानव जीवन पर प्रभाव
(effects of Volcanoes on Human life)
ज्वालामुखी मानव जीवन पर विनाशकारी व लाभकारी दोनों तरह के प्रभाव डालते हैं। प्राचीनकाल से ही ये मानव को भयभीत करते रहे हैं, इसीलिये अनेक देशों में इनकी पूजा भी की जाती है।
विनाशकारी प्रभाव –
(1) ज्वालामुखी विस्फोट से गर्म लावा व गैस भूपृष्ठ पर फैलकर भूमि व उस पर पायी जाने वाली वनस्पति, जीव जन्तु व गाँव और शहर सभी को नष्ट कर देता है। जितना तीव्र उद्भेदन होता है, उतना अधिक विनाश होता है। 1979 में विसवियस ज्वालामुखी के उद्गार से अपार जन-धन की हानि हुई थी। इसी प्रकार 1902 में क्राकाटोआ के द्वारा भी हुआ था। पूरा द्वीप ही लुप्त हो गया था।
(2) विस्फोट के कारण धरालत पर भी परिवर्तन होता है। द्वीपों की आकृति बदल जाती है। भूपृष्ठ पर शंकु पर्वत का निर्माण हो जाता है या लावा निक्षेप से मैदान पठार में बदल जाता है। नदियों के मार्ग अवरुद्ध हो जाते हैं, सतह पर दरार या भ्रंश पड़ जाते हैं।
(3) ज्वालामुखी के मुख से बड़ी मात्रा में गैस व धुआँ बाहर आता है जो चारों ओर पर्यावरण को प्रदूषित कर देता है। जहाँ-जहाँ सक्रिय ज्वालामुखी पाये जाते हैं, उनके आसपास का पर्यावरण जीवन के लिये उपयुक्त नहीं पाया जाता है। मारटीनिका की जहरीली गैस से पारी नगर के 30,000 व्यक्ति मारे गये थे।
(4) समुद्रों में ज्वालामुखी विस्फोट के कारण विशाल लहरें उत्पन्न होती हैं, जिनसे तटवर्ती क्षेत्रों में बहुत हानि पहुँचती है।
लाभकारी प्रभाव
(1) लावा निक्षेपित प्रदेश कालान्तर में उपजाऊ काली मिट्टी के क्षेत्र में परिवर्तित हो जाते हैं। जैसे भारत का दक्खन के पठार का काली मिट्टी क्षेत्र।।
(2) ज्वालामुखी उद्गार के कारण चट्टानों की उथल-पुथल के कारण भूगर्भ के खनिज सतह पर आ जाते है, उनका दोहन सरल हो जाता है, जैसे स्वीडन का लौह क्षेत्र।
(3) धरातल पर क्रेटर व केल्डरा संदर झीलों में परिवर्तित होकर सुंदर पर्यटक स्थल में बदल जाते है जैसे संयुक्त राज्य की क्रेटर लेक या केलिफोर्निया की टाहो झील। इसी प्रकार ओल्ड फेथफूल गीजर व न्यूजीलैंड का वायमांग प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। उष्ण जल स्रोतों का चिकित्सा की दृष्टि से भी बहुत महत्व माना जाता है। इसी प्रकार फ्यूजियान पर्वत, माउण्ट रेनियर विसूवियस दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित हो चके हैं। यहाँ सुन्दर वन व पर्वतीय ट्राकग पर्यटका को आकर्षित करते हैं।
(4) ज्वालामुखी सें निकलने वाली ऊर्जा का उपयोग कर बहुत लाभ प्राप्त किया जा सकता है। डाॅ. ग्रलर ने गणना की है कि यदि एटना पर्वत के उभेदन का शक्ति को एकत्र कर लिया जाये जो इटली के लिये तीन वर्ष की आवश्यक बिजली उत्पन्न की जा सकती है। संयुक्त राज्य में केलिफोर्निया में ज्वालामुखी वाष्प का प्रयोग कर विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। इसी प्रकार आइसलैंड में गर्म जल स्रोतों का घरेलु कार्यों में प्रयोग किया जा रहा है।
(5) ज्वालामुखी के लावा से बनी चट्टाने इमारती कार्यों के लिये बहुत उपयोगी होती है। इनका प्रयोग किया जाता है।
(6) भूवैज्ञानिकों के लिये ज्वालामुखी अध्ययन हेतु बहुत उपयोगी है। इससे पृथ्वी के भूगर्भ की संरचना को समझने में सहायता मिलती है। अगर ज्वालामुखी के उद्गार की भविष्यवाणी संभव हो तो अपार जन-धन की हानि से बचा जा सकता है। भूवैज्ञानिक इसी प्रयत्न में लगे हुए हैं।
महत्वपूर्ण प्रश्न
दीर्घउत्तरीय प्रश्न
1. ज्वालामुखी का अर्थ, परिभाषाएँ बताते हुए उसके कारणों को स्पष्ट कीजिए।
2. ज्वालामुखी की विस्तृत व्याख्या करते हुए उसके उद्गार के रूप को स्पष्ट कीजिए।
3. ज्वालामुखी के विभिन्न प्रकारों की विस्तृत में चर्चा करके उसका मनुष्य पर क्या-क्या प्रभाव पड़ता है स्पष्ट कीजिए।
लघुउत्तरीय प्रश्न
1. ज्वालामुखी का अर्थ बताकर उसकी परिभाषाएँ लिखिए।
2. ज्वालामुखी क्रियाओं को स्पष्ट कीजिए।
3. चालामुखी विस्फोट से निकलने वाले पदार्थों की जानकारी दीजिए।
4. ज्वालामुखी क्रिया के कोई दो कारण बताईए।
5. ज्वालामुखी के प्रकारों की संक्षेप में जानकारी दीजिए।
6. ज्वालामुखी के मानव जीवन पर पड़ते प्रभावों को स्पष्ट कीजिए।
वस्तुनिष्ट प्रश्न
1. निम्नलिखित में से ज्वालामुखी से संबंधित परिभाषा किसने दी है ……….
(अ) वासोतर (ब) लांगोल (स) फिलंट (द) उपरोक्त सभी
2. ज्वालामुखी एक छिद्र है जिससे भूगर्भ से ………
(अ) उद्गार होता है (ब) लावा नहीं निकलता (स) जल निकलता है (द) इनमें से कोई नहीं
3. ज्वालामुखी में से निकलने वाले पदार्थ
(अ) ठोस पदार्थ (ब) तरल पदार्थ (स) लावा (द) उपरोक्त सभी
4. ज्वालामुखी नलिका या किसी अन्य स्थान पर जब लावा निक्षेप लम्ब रूप् से कठोर होता है तो इसे ……..
(अ) केन्द्र (ब) कड़क (स) लैकोबिया (द) रिब्ज