परासरण दाब पर ताप का प्रभाव क्या है , Effect of temperature on osmotic pressure in hindi

परासरण दाब पर ताप का प्रभाव (Effect of temperature on osmotic pressure) फेफर के प्रयोग के आंकड़ों की सहायता से वाण्ट हॉफ ने बताया कि विलयनों के परासरण दाब का मान ताप के समानुपाती होता है। सारणी 9.5 में 1% स्यूक्रोस विलयन के साथ किये गये मोर्स एवं फ्रेजर के प्रयोगों के कुछ मान दिये गये हैं।

सारणी 9.5. विभिन्न तापों पर % स्यक्रोस विलयन

तापमान

T0C

T परासरण दाब

(atm)

T
0

10

20

25

273

283

293

298

7.085

7.334

7.605

7.729

0.02594

0.02591

0.02595

0.02594

 

सारणी 9.5 से स्पष्ट है कि विलयन के परमताप (T) के बढ़ते हुए मानों से उसके परासरण दाब में वृद्धि होती जाती है और /T का मान लगभग स्थिरांक है। अतः

π T

अथवा              π /T = Constant ……………..(29)

जो चार्ल्स के नियम P T अथवा P/T = Constant के बिल्कुल समरूप है। अतः इसे तनु विलयनों के लिए चार्ल्स-वाण्ट हॉफ का नियम (Charles-van’t Hoff’s law for dilute solution) कहते हैं और निम्न प्रकार से परिभाषित करते हैं

किसी तनु विलयन का परासरण दाब उसके परमताप के समानुपाती होता है।

  1. विलयन के परासरण दाब पर सान्द्रता एवं तापमान का एक साथ प्रभाव (Simultaneous effect of ‘concentration and temperature on osmotic pressure) जैसा कि हमने ऊपर देखा कि किसी विलयन का परासरण दाब उस आयतन के व्युत्क्रमानुपाती होता है जिसमें विलेय का एक मोल घुला हुआ। हो, और उसके परमताप के समानुपाती होता है। वाण्ट हॉफ ने दोनों नियमों को मिलाकर समीकरण दी

π T/V

πV = R’T …………………(30)

जहां R’ एक स्थिरांक है। समीकरण (20) आदर्श गैस समीकरण PV = RT के समरूप है। वाण्ट हॉफ ने R’ का मान परिकार करके बताया जो गैस स्थिरांक R के बहुत नजदीक है। अतः समीकरण (30) को निम्न प्रकार लिखासकता है

πV=RT (तनु विलयनों के लिए) ………………..(31)

समीकरण (31) में V विलयन का वह आयतन है जिसमें विलेय का एक मोल घला हुआ है। यदि v आयतन में विलेय के मोल घुले हुए हों तो समीकरण का स्वरूप निम्न हो जायेगा

πV = nRT …………………(32)

समीकरण (32) वाण्ट हॉफ समीकरण कहलाती है। यह तन विलयनों पर लागू होती है और जो तन विलयन वाण्ट हॉफ समीकरण का पालन करते हैं उन्हें आदर्श विलयन (ideal solution) कहा जाता है। उदाहरण 9.15. 20°C स्यूक्रोस (मोलर संहति 342) के विलयन के एक लिटर में 45 ग्राम घुले हुए हैं। इस विलयन का परासरण दाब 3.2 वायु. है। R का मान dm3 atm में परिकलित करो।

हल: वाण्ट हॉफ के अनुसार, Πv = nRT

अथवा                R = πV/nT

दिया गया है, मोलों की संख्या, n = पदार्थ की ग्रामों में मात्रा W / उसकी मोलर संहति M           = 45g/ 342 g mol-1 = 132mol

N = 0.132

तथा π = 3.2 atm, V = 1 litre (dm3), T = 20 + 273 = 293 K

सारे मान वाण्ट हॉफ की आदर्श विलयन समीकरण में रखने पर,

R = (3.2 atm) (1dm3) /(0.132 mol) (293 K)

= 0.0827 dm3 atm K-1 mol-1

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