genetic code in hindi , डीएनए प्रतिकृतिकरण क्या है , परिभाषा , dna replication in hindi , अनुवांशिक कूट , लक्षण , गुण , विशेषताएँ :-
प्रश्न : न्यूक्लिक अम्ल की प्राथमिक संरचना किसे कहते है ?
उत्तर : शर्करा , क्षारक व न्यूक्लिक अम्लो से मिलकर बनी इकाई को न्यूक्लिक अम्ल की प्राथमिक संरचना कहते है।
या
न्यूक्लीओटाइड इकाइयों के जुड़ने के क्रम को व्यक्त करना न्यूक्लिक अम्ल की प्राथमिक संरचना कहलाती है।
-शर्करा-फोस्फेट-शर्करा-फोस्फेट-शर्करा-
प्रश्न : RNA की क्षारक शर्करा व फोस्फोरिक अम्ल के जुड़ने का क्रम लिखो।
उत्तर : क्षार-शर्करा-फोस्फेट अम्ल
प्रश्न : डीएनए की द्विकुण्डली संरचना का नामांकित चित्र बनाइए व समझाइये।
या
डीएनए का वाट्सन व क्रिक मॉडल दीजिये।
उत्तर :
- सर्वप्रथम सन 1953 में वाट्सन व क्रिक ने यह मॉडल दिया।
- इसमें क्षारक A = T व C ≡ G के साथ आपस में विशिष्ट रूप से हाइड्रोजन बन्धो द्वारा जुड़े होते है।
- यह द्विकुण्डली संरचना में पाया जाता है।
- यह आनुवांशिक गुणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुँचाता है।
- डीएनए में एक कुंडली का व्यास 20A होता है।
- डीएनए की एक कुंडली में 10 न्युक्लियोटाइड पाए जाते है।
- डीएनए की एक कुण्डली की लम्बाई 34A (एंग्सट्रम) होती है।
- डीएनए में दो न्युक्लियोटाइड के बिच की दूरी 3.4A होती है।
- डीएनए में प्रतिकृतिकरण का गुण पाया जाता है।
- यह प्रतिकृतिकरण की क्रिया 5′ से 3′ सिरे की ओर होती है।
- मनुष्य के डीएनए में AT व CG’ का अनुपात 1.52 होता है।
प्रश्न : DNA व RNA में चार अंतर दीजिये।
उत्तर :
आर.एन.ए | डीएनए |
1. इसमें डी ऑक्सी राइबोज शर्करा पायी जाती है | | इसमें राइबोज शर्करा पायी जाती है | |
2. इसमें A , T (थाइमिन) व CG क्षारक पाए जाते है | | इसमें A , U (युरेसिल) व C , G क्षारक पाए जाते है | |
3. यह द्विकुण्डलित होता है | | यह एकल कुंडलित होता है | |
4. यह कोशिका के केन्द्रक में होता है | | यह कोशिका द्रव्य में होता है | |
5. यह आनुवांशिकी गुणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुँचाता है | | यह कोशिका के लिए प्रोटीन निर्माण का कार्य करता है | |
6. इसमें प्रतिकृतिकरण का गुण पाया जाता है | | इसमें प्रतिकृतिकरण का गुण नहीं पाया जाता है | |
7. यह उच्च अणुभार युक्त होते है | | यह निम्न अणु भार युक्त होते है | |
प्रश्न : RNA कितने प्रकार के होते है ? समझाइये।
उत्तर : (i) m-RNA (messenger RNA)
(ii) t-RNA (transfer RNA)
(iii) r – RNA (ribosomla RNA)
(i) m-RNA : यह कोशिका में प्रोटीन निर्माण के लिए साँचे बनाते है।
(ii) t-RNA : यह एमिनो अम्ल को पकड़कर साँचो तक लाने का कार्य करता है।
(iii) r – RNA : यह एमिनो अम्लो को पेप्टाइड बंध द्वारा जोड़ता है।
प्रश्न : न्यूक्लिक अम्लो के जैविक कार्य बताइये ?
उत्तर :
- यह आनुवांशिक गुणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुँचाते है।
- यह कोशिका के लिए प्रोटीन निर्माण का कार्य करते है।
(a) अनुलेखन (transcription)
(b) अनुवादन (translation)
प्रश्न : डीएनए में थाइमिन युक्त न्युक्लियोटाइड का अपघटन कराने पर कौनसी इकाई प्राप्त होती है ?
उत्तर : (i) थाइमिन क्षार
(ii) बीटा , D-2-डीऑक्सी राइबोज शर्करा
(iii) H3PO4
प्रश्न : डीएनए में ATCGGCTA के विपरीत क्षारक बताइए।
उत्तर : TAGCCGAT
प्रश्न : प्रतिकृतिकरण (replication) किसे कहते है ?
उत्तर : यदि कोई जैव अणु अपने समान नए जैव अणु का निर्माण कर लेता है तो इसे प्रतिकृतिकरण कहते है।
यह क्रिया डीएनए में पाई जाती है।
यह क्रिया 5′ से 3′ सिरे की ओर होती है।
यह क्रिया अर्द्धसंश्लेषित प्रकार से संपन्न होती है।
इस क्रिया में डीएनए अपने विपरीत क्षारको का निर्माण स्वत: कर लेते है।
प्रश्न : न्यूक्लिक अम्लो के जैविक कार्य बताइए।
उत्तर : यह क्रिया निम्न प्रकार से संपन्न करवाई जाती है –
- अनुलेखन
- अनुवादन
न्यूक्लिक अम्लो द्वारा प्रोटीन का निर्माण निम्न प्रकार किया जाता है।-
डीएनए → प्रतिकृतिकरण → डीएनए → अनुलेखन → m-RNA , t-RNA , r-RNA → अनुवादन → प्रोटीन
- अनुलेखन (transcription): इस क्रिया में डीएनए , कोशिका के केन्द्रक से निकलकर कोशिका द्रव्य में आकर RNA का निर्माण करते है तो इसे अनुलेखन कहते है।
- अनुवादन: इस क्रिया में m-RNA प्रोटीन के लिए साँचे बनाता है , t-RNA अमीनो अम्ल को पकड़कर लाता है और r-RNA एमिनो अम्ल को पेप्टाइड बंध द्वारा जोड़कर प्रोटीन का निर्माण करता है। इस क्रिया को अनुवादन कहते है।
प्रश्न : आनुवांशिक कोड (genetic code) किसे कहते है ? समझाइये।
उत्तर : न्युक्लियोटाइड ट्राईप्लेट व एमिनो अम्ल के मध्य जो सह-सम्बन्ध पाया जाता है। उसे आनुवांशिक कोड कहते है।
न्यूक्लिक अम्ल में न्युक्लियोटाइड का क्रम ज्ञात करना जीन कहलाता है।
अमीनो अम्लो में क्षारको का पाए जाने वाला त्रिक कोड कोडोन (codon) कहलाता है।
आनुवांशिक कोड (genetic code) के लक्षण :
- ये ट्रिपलेट होते है।
- ये कोमारहित होते है।
- ये विशिष्ट होते है।
- ये प्रत्येक कोशिका में समान होते है।
- इनमे degeneraly का गुण पाया जाता है , अर्थात एक कोडोन एक से अधिक एमिनो अम्ल को इंगित करता है।
- इनमे अतिव्यापन नहीं पाया जाता है।
- इनमे प्रारंभिक कोडोन को AUG (मेथिओनिन) कहते है जो प्रोटीन निर्माण शुरू करता है।
- इसमें समापक कोड़ोन UAA , UAG , UGA होते है।
- ये कोडोन प्रोटीन निर्माण को रोकते है।