Difference between DNA and RNA in hindi , डीएनए तथा आरएनए में अंतर लिखिए

Z-डीएनए बायीं ओर कुण्डलन (Z-DNA left Handed coiling) :

सारणी-2 : B-डीएनए तथा Z – डीएनए की डूप्लेक्स (duplex) की तुलना

क्र.स. लक्षण

 

B – डीएनए

 

Z-डीएनए

 

  संरचना

क्षार युग्म

द्विकुण्डलन की दिशा

द्विकुण्डलन

आसन्न शर्करा अणुओं का अभिविन्यास

पॉलीन्यूक्लियोटाइड इकाई

व्यास

प्रतिचक्कर शर्करा अणु

केन्द्रिय अक्ष से फॉस्फेट की दूरी

(Distance Guanine

phosphate cytosine)

d-GpC

(Distance cytosine

phosphate Guanine)

d-CpG

 

 

 

 

 

 

 

 

द्विकुण्डलित (डुप्लेक्स)

G=C

दाहिनी ओर

नियमित

समान

 

 

 

~ 2.0nm

10

 

0.9 nm

 

0.9mm

 

 

 

 

द्विकुण्डलित (डुप्लेक्स)

G=C

बायीं ओर

जिग जेग (zig zag) तथा अनियमित

विपरीत (opposite) अभिविन्यास

डाइन्युक्लियोटाइड

~ 1.8nm

12 (6 डाइमर (dimer))

 

0.8 nm

 

 

0.69nm

 

 

 

Z-डीएनए (Z-DNA)- Z – डीएनए की खोज सर्वप्रथम वैंग व उनके साथियों (Wang etal) की थी। जेड डीएनए की संरचना जिगजग (zig zag) होने से इसे सर्वप्रथम Z – डीएनए कहा गया। यह कृत्रिम रूप से संश्लेषित (synthesized) डीएनए है जिसमें डीएनए का कुण्डलन (helical) बाई ओर होता है जबकि B डीएनए में यह दाहिनी ओर पाया जाता है अतः Z-डीएनए वामावृत डीएनए कहलाता है। जेड डीएनए (Z-DNA) में आसन्न शर्करा अणु (adjacent sugar residues) एक दूसरे के विपरीत दिशा (उल्टे क्रम से) में अभिविन्यासित (oriented) रहते हैं तथा डाइन्यूक्लियोटाइड ( dinucleotide) बनाते हैं जबकि B-डीएनए में आसन्न शर्करा अणुओं का अभिविन्यास एक ही दिशा में रहता है। इस तरह B डीएनए की इकाई (unit) मोनोन्यूक्लियोटाइड व Z – डीएनए की इकाई डाइन्यूक्लियोटाइड होती है। इसमें न्यूक्लियोटाइड के 12 युग्म व एक कुण्डल की लम्बाई 4.66nm होती है। दो युग्म की उदग्र माध्यमिक दूरी 0.375nm होती है। Z-डीएनए में फॉस्फेट अणु जिग-जेग (Zig zag) रूप से डीएनए के साथ व्यवस्थित रहते हैं।

कोर्नबर्ग तथा उसके सहयोगियों (Komberg et al) ने डीएनए पॉलीमरेज (DNA Polymerase) एन्जाइम तथा डीएनए की संरचना इकाई न्यूक्लियोटाइड्स की उपस्थिति में, डीएनए रहित माध्यम में, डीएनए संश्लेषण का प्रयास किया किन्तु सभी आवश्यक यौगिकों की उपस्थिति के बाद भी वे सफल नहीं हो सके। इसी माध्यम में कुछ डीएनए डालने के उपरांत संश्लेषण संभव हो सका ।

राइबोन्यूक्लिक अम्ल – आरएनए (Ribonucleic Acid-RNA)

राइबोन्यूक्लिक अम्ल (RNA) मुख्यत: कोशिकाद्रव्य तथा केन्द्रक ( nucleolus) में पाया जाता है। कोशिकाद्रव्य में ये स्वतंत्र अथवा राइबोसोम में पाया जाता है। आरएनए की कुछ मात्रा माइटोकॉन्ड्रिया, हरित लवक तथा यूकेरिओटिक जीवों के गुणसूत्रों में भी मिलती है। कुछ पादप विषाणुओं में आरएनए आनुवंशिकी का वाहक होता है ।

आएनए एक दीर्घाणु होता है जिसका अणुभार काफी ज्यादा होता है जैसे यीस्ट के ऐलेनीन – स्थानान्तरण आरएनए में यह देखा गया है कि 77 न्यूक्लिओटाइड उपस्थित रहते हैं जिनका अणुभार 26,600 होता है। सामान्यतः आरएनए का अणुभार 20,000 से लेकर 1,000,000 तक पाया जाता है। रियोवाइरस आरएनए पर अध्ययन से यह ज्ञात होता है कि इनमें द्विसूत्री अवस्था पाई जाती है तथा इसका अणुभार 10.2 x 106 डाल्टन होता है जो अधिकांश जीवों के आरएनए से कहीं ज्यादा होता है। आरएनए अधिकतर एकल सूत्री होता है किन्तु कुछ स्थानों पर यह स्वयं पर कुंडलित ( coiled) होकर डीएनए के समान द्विकुंडलित अवस्था प्रदर्शित करता है। यीस्ट (सेक्रोमाइसीस) के आरएनए में पाया गया है कि 50-80% तक अणु इस प्रकार की द्विकुडंलियाँ बनाने में सक्षम होते हैं। इन स्थलों पर क्षारक हाइड्रोजन बंधों द्वारा आपस में जुड़े रहते हैं तथा इनके एडीनीन – यूरेसिल के साथ व गुआनीन – साइटोसीन के साथ जुड़े रहते हैं।

संरचना में आरएनए लगभग डीएनए के समान ही होता है। आरएनए सामान्यतः पॉलीन्यूक्लियोटाइड द्वारा निर्मित एक सूत्रीय ( single stranded ) तथा अशाखित श्रृंखला होती है। बहुधा यह स्वतः वलित (folded) होकर कुण्डल (helical) बनाती है। आरएनए सूत्र सैंकड़ों (hundreds) न्यूक्लियोटाइड के 3′ – 5′ बंधों द्वारा परस्पर रैखिक क्रम (linear sequence) में व्यवस्थित होते हैं। आरएनए में राइबोस शर्करा (ribose sugar) पाई जाती है तथा ये क्षारकों (bases ) से मिलकर राइबोन्यूक्लियोटाइड (ribonucle-otide) बनाती है। आरएनए में एडीनीन (adenine) साइटोसिन ( cytosine), ग्वानीन ( guanine) तथा यूरेसिल (uracil) नाम के चार क्षारक (bases) होते हैं। आरएनए में थाइमीन के अतिरिक्त सभी क्षारक डीएनए के समान ही होते हैं, डीएनए के थाइमीन (thymine) के स्थान पर आरएनए में यूरेसिल पाया जाता है।

आरएनए में नाइट्रोजन क्षारकों का अनुपात A/U = G/C = 1 नहीं होता है। आरएनए अणु में पाए जाने वाले न्यूक्लियोटाइड के बीच अन्तराआण्विक युग्मन (interamolecular pairing) होता है। इसके एकल सूत्र (single strand) को स्थिरता ( stability) प्रदान करते हैं। अधिकांश पादप विषाणु (plant viruses) तथा कुछ जन्तु विषाणु (animal viruses) में आरएनए आनुवंशिकी पदार्थ (hereditary material) है। प्रोकेरिओटिक तथा यूकेरिओटिक कोशिकाओं में आरएनए विभिन्न प्रकार की होती है तथा प्रोटीन संश्लेषण (protein synthesis) के दौरान भिन्न-भिन्न कार्यों में संलग्न रहती है।

सारणी- 3: डीएनए तथा आरएनए में अन्तर (Differences between DNA and RNA)

क्र. स.

 

डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल [Deoxyribonucleic acid (DNA) राइबोन्यूक्लिक अम्ल

[Ribonucleic acid (RNA)

1. डीएनए केन्द्रक के अन्दर गुणसूत्रों में पाया जाता है। अधिकांशतः यह केन्द्रक में ही पाया जाता है। आरएनए मुख्य रूप से कोशिकाद्रव्य मे मिलता है। इसकी कुछ मात्रा केन्द्रिक, केन्द्रद्रव्य (nucleoplasm) तथा गुणसूत्रों पर भी पाई जाती है।

 

2. डीएनए अणु द्विसूत्रीय तथा कुण्डलित होता है। इसके दोनो सूत्र विपरीत दिशा में | सर्पिल कुण्डल (spiral coil) बनाते हैं।

 

आरएनए अणु एकसूत्रीय होते हैं। कभी-कभी स्वतः कुण्डलित होकर हाइड्रोजन बंधों द्वारा जुड़े रहते हैं।

 

3. डीएनए में डीऑक्सी राइबोस शर्करा मिलती है ।

 

आरएनए में राइबोस शर्करा होती है।

 

4. डीएनए में चार नाइट्रोजन क्षारक होते हैं। एडीनीन, ग्वानीन, प्यूरीन क्षारक तथा साइटोसिन, थाइमिन पिरीमिडीन क्षारक मिलते हैं।

 

इसमें भी चार नाइट्रोजन क्षारक होते हैं जिनमें एडीनीन, ग्वानीन, प्युरीन क्षारक तथा साइटोसिन, यूरेसिल पिरीमिडीन क्षारक हैं

 

5. डीएनए में क्षारकों का अनुपात A/T = |GC = 1

 

इसमें क्षारकों की मात्रा समान नहीं होती है।

 

6. डीएनए आनुवंशिकी पदार्थ है। कोशिका | की विभिन्न जैविक तथा कोशिकीय क्रियाओं की सूचनाएँ डीनएन के अणुओं में निहित होती है।

 

कुछ पादप तथा जन्तु विषाणुओं में ये आनुवंशिकी आरएनए अणु प्रोटीन संश्लेषण में भाग लेते हैं। के लिए भी उत्तरदायी हैं।

 

आर. एन. ए. के प्रकार (Types of RNA )

आरएनए को सामान्यतः निम्न दो प्रकारों में बाँटा जाता हैं-

(i) आनुवंशिक आरएनए (Genetic RNA )

अधिकांश पादप विषाणु (plant viruses), कुछ प्राणी विषाणु (animal viruses) तथा अनेक जीवाणु भोजियों (Bacteriophages) में डीएनए का अभाव होने के कारण आरएनए आनुवंशिकी पदार्थ होता है। आरएनए एकल (single) या द्विसूत्रीय (double stranded) हो सकता है। द्विसूत्रीय आरएनए में क्षारक डीएनए के समान ही युग्म (Pair) बनते हैं।

सारणी-4: विभिन्न विषाणुओं में आनुवंशिकी आरएनए (Genetic RNA in different viruses)

क्र.सं. (S. No.)

 

 

विषाणु का प्रकार  (Type of Virus)

 

पादप विषाणु  (Plant Viruses)

 

जन्तु विषाणु

(Animal Viruses )

 

 

 

 

 

 

जीवाणुभोजी Bacteriophages

 

 

विषाणु का नाम  (Name of Virus)

 

तम्बाकू मोजेक वायरस

(TMV)

वून्ड ट्यूमर (Wound tumour)

इन्फ्लूएन्जा वायरस

( Influenza virus) पोलिमाइलिटिस (Polimyelitis)

 

रियो वायरस (Rheo Virus)

MS 2

F2

r17

 

आरएनए का प्रकार  (Types of RNA)

 

एकल सूत्री

(single stranded)

द्विसूत्री

(double stranded)

एकल सूत्री (single stranded)

एकल सूत्री

(single stranded)

 

द्विसूत्री

(double stranded)

एकल सूत्री

(single stranded)

एकल सूत्री

(single stranded)

एकल सूत्री

( single stranded )

 

 

       

 

(ii) अआनुवंशिक आरएनए (Non-genetic RNA )

जिन जीवों में डीएनए अआनुवंशिकी पदार्थ होता है उनमें सभी प्रकार के आरएनए आनुवंशिक (non- genetic) होते हैं। आनुवंशिक आरएनए का संश्लेषण डीएनए टेम्पलेट से होता है। सामान्यतः तीन प्रकार की अआनुवंशिक आरएनए विभेदित की गई हैं-

(1) संदेशवाहक आरएनए (Messenger RNA, m-RNA),

(2) राइबोसोमल आरएनए (Ribosomal RNA, r-RNA),

(3) स्थानान्तरण आरएनए (Transfer RNA, t-RNA ).

संन्देशवाहक आरएनए : m – आरएनए (Messenger RNA : m-RNA)

हक्सले (Huxley) व उनके बाद वोकिन (Vokin) व एस्ट्राचॉन (Astracha ) ने 1956 में जीवाणु व विषाणुओं में इस प्रकार के m – आरएनए की खोज की। यह आरएनए एक कुण्डलीय है। इसका संगठन डीएनए के समान ही होता है किन्तु इसमें थायमीन के स्थान पर यूरेसिल उपस्थित होता है।

एम-आरएनए कोशिका में बहुत अधिक मात्रा में उपस्थित होता है व कोशिका के कुल आरएनए का 15. 20% बनाता है। m-आरएनए का निर्माण केन्द्रक में होता है तथा वहां से यह केन्द्रक छिद्रों (nuclear pores) द्वारा कोशिका द्रव्य में पहुंचता है। यह प्रोटीन संश्लेषण के लिए और अमीनो अम्लों को लाने हेतु साँचे की तरह काम करता है। यह आनुवांशिक सूचना को केन्द्रक से कोशिका द्रव्य तक अनुलेखित करते हैं।