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conductance definition in hindi चालकत्व किसे कहते हैं परिभाषित कीजिए सूत्र क्या है परिभाषा

चालकत्व किसे कहते हैं परिभाषित कीजिए सूत्र क्या है परिभाषा conductance definition in hindi ?

चालकत्व (Conductnace)

धात्विक चालकों की भांति विद्युत अपघटनी चालक (विद्युत अपघटय) भी ओम के नियम का पालन करते हैं। इस नियम के अनुसार-

किसी चालक में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा (I) E/R के बराबर होती है। अर्थात

I = E/R …………………..(5)

जहाँ I विद्युत धारा एम्पियर में, E विभवान्तर है अर्थात चालक के दोनों सिरों पर विभव का अन्तर तथा R चालक द्वारा उपस्थित प्रतिरोध है। इससे स्पष्ट है कि दी हुई वोल्टता के लिए चालक में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा उसके प्रतिरोध पर निर्भर करती है।

जब धात्विक चालकों के बजाय विद्युत अपघटनी चालक काम में लेते हैं तो प्रतिरोध के स्थान पर चालकत्व पद काम में लेते हैं। विद्युत रसायन में प्रतिरोध की अपेक्षा चालकत्व शब्द का अधिक प्रयोग करते हैं ।

प्रतिरोध का व्युत्क्रम चालकत्व है तथा इसे C से प्रदर्शित करते हैं । अतः

C = 1/R ……………………(6)

चालकत्व विद्युत अपघट्य में विद्युत धारा प्रवाहित होने की सरलता बताती है। चूंकि प्रतिरोध की (Ohm ईकाई ओम (Ohm) होती है अतः चालकत्व की ईकाई व्युत्क्रम ओम (reciprocal ohm) या ओम-1 1) या मोहज (mho) है। SI मात्रक में चालकता को सीमेन्स (Simens) S से व्यक्त करते हैं।

विशिष्ट चालकत्व या विशिष्ट चालकता (Specific Conductance or Conductivity)

जब किसी विद्युत अपघट्य में विधुत धारा प्रवाहित की जाती है तो इस चालक का प्रतिरोध R उसकी लम्बाई / का समानुपाती तथा उसके अनुप्रस्थ प्ररिच्छेद के क्षेत्रफल (area of cross section) A का व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात-

जहाँ p (rho) एक स्थिरांक है जो विशिष्ट प्रतिरोध (Specific resistance) कहलाता है। इसका मान

चालक के पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है।

यदि [ = 1 सेमी., A = 1 वर्ग सेमी. (सेमी 2 ) होतो

R = p …………………………(8)

अतः किसी विद्युत अपघटय् के विलयन का विशिष्ट प्रतिरोध ओम में उस विलयन प्रतिरोध है जो एक वर्ग सेमी अनुप्रस्थ काट के इलेक्ट्रोडों जिनके बीच की दूरी 1 सेमी हो के (el; Hifi k glav Faiz, daul sh(Icm3) विलयन का प्रतिरोध उसका विशिष्ट प्रतिरोध कहलाता है। IUPAC ने विशिष्ट प्रतिरोध के स्थान पर प्रतिरोधकता (resistivity) पद की अनुशंसा की है।

विशिष्ट प्रतिरोध का व्युत्क्रम (1/P )विशिष्ट चालकत्व कहलाता है जिसे K(Kappa) से व्यक्त करते

चूंकि विशिष्ट प्रतिरोध को प्रतिरोधकता (Resistivity) कहते हैं। अतः विशिष्ट चालकत्व को चालकता कहते हैं। IUPAC के अनुसार विशिष्ट चालकत्व के स्थान पर चालकता का उपयोग करते हैं।

अतः विशिष्ट चालकत्व या चालकता (ix) की परिभाषा निम्न प्रकार की जा सकती है – किसी विद्युत अपघट्य के एक घन सेमी (1 c.c) विलयन के चालकत्व को चालकता या विशिष्ट चालकत्व कहते हैं।

अर्थात एक सेमी दूर रखे हुए एक वर्ग सेमी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल वाले दो इलेक्ट्रोड़ों के बीच रखे हुए विलयन का चालकत्व, चालकता कहलाती है।

चूंकि चालकत्व को मोहज या ओम-1 लम्बाई को सेमी. व क्षेत्रफल को (सेमी) 2 में व्यक्त करते हैं अतः

इस प्रकार चालकता या विशिष्ट चालकत्व की इकाई ओम1 सेमी1 या mho cm 1 होगी ।

SI मात्रक में चालकता या विशिष्ट चालकत्व ईकाई Sm – 1 होगी। परन्तु प्रायः K को Sm-1 में व्यक्त किया जाता है।

तुल्यांकी चालकता या(Equivalent Conductivity )

विद्युत अपघट्य में विद्युत धारा अकेले आयनों द्वारा ही ले जायी जाती है अतः चालकत्व या चालकता विलयन में विद्युत अपघट्य की सान्द्रता पर निर्भर करती है। इसलिए विभिन्न विद्युत अपघट्यों की चालकताओं की तुलना करने के लिए उसके सान्द्रता कारक का उपयोग करते हैं अर्थात विद्युत अपघटयों की एक निश्चित मात्रा को जल के समान आयतन में विलेय किया जाता है। यह निश्चित मात्रा या तो तुल्यांकी भार है या अणु भार अतः विलयनों के प्रसंग में एक अन्य प्रकार की चालकता अधिक महत्वपूर्ण होती है जिसे तुल्यांकी चालकता कहते हैं तथा इसे(Lambda) से प्रदर्शित करते है ।

किसी विद्युत अपघटय के एक ग्राम तुल्यांकी भार को मिलि. विलयन में विलेय करके एक सेमी. दूरी पर रखी दो समानान्तर इलेक्ट्रोडों के मध्य रखने पर सभी आयनों द्वारा उत्पन्न चालकता को तुल्यांकी चालकता () कहते हैं।

तुल्यांकी चालकता व विशिष्ट चालकत्व में सम्बन्ध (Relation between Equivalant Conductivity and Specific Conductance)– माना कि एक सेमी. दूर रखे हुए दो इलेक्ट्रोडों के बीच I. c.c विलयन रखा है, जिसमें एक ग्राम तुल्यांक विद्युत अपघटय घुला हुआ है तो इस विलयन का चालकत्व तुल्यांकी चालकता के बराबर होगी। यह चालकत्व चालकता के बराबर है क्योंकि एक समी दूर रखे दो इलेक्ट्रोडों के बीच में इस विलयन का अनुप्रस्थ काट एक वर्ग सेमी. है। अतः चालकत्व (C) = विशिष्ट चालकत्व (K) = तुल्यांकी चालकता …….. …..(12)

माना की एक सेमी दूर रखे दो इलेक्ट्रोडों के बीच के विलयन को 25 घन सेमी. तनु किया गया (चित्र 5.2) तब इसमें विलयन के 25 सेमी घन उपस्थित होगें तथा प्रत्येक किनारा एक सेमी होगा व प्रत्येक घन की विशिष्ट चालकता x होगी । अतः विलयन की कुल चालकता 25 K होगी। अर्थात इस विलयन की कुल चालकता विशिष्ट चालकता की 25 गुना होगी। लेकिन इस स्थिति में भी दो इलेक्ट्रोडों के मध्य 25 cc विलयन में एक ग्राम तुल्यांक विद्युत अपघट्य विलेय है, अतः इसकी जो चालकता होगी वह तुल्यांकी चालकता होगी।

तुल्यांकी चालकता = 25 x चालकता

यदि विलयन को 100 cc तक तनु किया जाए तो विलयन में 100 सेमी. घन उपस्थित होंगें तथा विलयन की तुल्यांकी चालकता, चालकता की 100 गुना होगी। अतः दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं। कि इस विलयन की तुल्यांकी चालकता (A) या चालकता (C) विशिष्ट चालकता तथा एक ग्राम तुल्यांक विद्युत अपघट्य को रखने वाले विलयन के cc में आयतन (V) के गुणनफल के बराबर होगी। तुल्यांकी चालकता (^) = विशिष्ट चालत्व या चालकता (x) x एक ग्राम तुल्यांक विद्युत अपघट्य रखने वाले विजयन का घन सेमी में आयतन (V)

= K x V……………….(13)

इस प्रकार चालकता और एक ग्राम तुल्यांक विद्युत अपघट्य रखने वाले विलयन के घन सेमी. में आयतन का गुणनफल तुल्यांकी चालकता है।

यदि विलयन की सान्द्रता नार्मलता N ग्राम तुल्यांक प्रतिलिटर हो तो

आणविक चालकता या मोलर चालकता (Molecular or Molar Conductance)

यदि सान्द्रता को मोल प्रति लिटर में व्यक्त करें तो आणविक चालकता का पद काम में लेते हैं। किसी विद्युत अपघट्य के एक मोल या एक ग्राम अणु भार को V मिलि विलयन में विलेय करके एक सेमी दूरी पर रखी दो समानान्तर इलेक्ट्रोडों के मध्य रखने पर सभी आयनों द्वारा उत्पन्न चालकता को उस विलयन की आणविक चालकता या मोलर चालकता कहते हैं तथा इसे m से प्रदर्शित करते हैं।

मोलर या आणविक चालकता (m) = विशिष्ट चालकत्व (चालकता)

एक मोल विद्युत अपघट्य रखने वाले विलयन का घन सेमी में आयतन (V)

m = k x V …………(15)

इस प्रकार चालकता और एक ग्राम मोल (अणु) विद्युत अपघटय रखने वाले विलयन के घन सेमी में आयतन का गुणनफल आणविक चालकता है। यदि विलयन की मोलरता M मोल प्रति लिटर हो तो

आणविक चालकता के मात्रक = ओम-1 सेमी 2 मोल है।

SI मात्रक में आणविक चालकता की इकाई ओम 1 मी 2 मोल 1 या Sm 2 mol- 1 होती है। ऐसे विद्युत अपघट्य जिनके तुल्यांकी भार व आण्विक भार समान होते हैं उनकी तुल्यांकी चालकता (. या A) व आणविक चालकता भी समान होती है।

लेकिन जिनके तुल्यांकी भार व अणुभार समान नहीं होते उनकी तुल्यांकी चालकता व मोलर चालकात m का सम्बन्ध निम्न सूत्र द्वारा व्यक्त करते हैं।

जहाँ Z= एक मोल विद्युत अपघट्य के वियोजन से मुक्त धनायनों पर आवेश की कुल संख्या है।

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